जबलपुर. ट्रेनों, रेलवे स्टेशनों पर अवैध वेंडर्स की दबंगई लगातार बढ़ती जा रही है. आये दिन यात्रियों के साथ-साथ नियमों का पाठ पढ़ाने वाले ईमानदार कर्मचारियों पर ये लोग मारपीट कर रहे हैं.
ऐसा ही एक मामला पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर रेल मंडल के नरसिंहपुर स्टेशन पर पिछले दिनों सामने आया, जब एक कमर्शियल इंस्पेक्टर सत्येंद्र दुबे ने प्लेटफार्म पर अवैध खाद्य सामग्री बेच रहे एक वेंडर को रोका तो उसने अपने कई अन्य साथियों को बुलाया और प्लेटफार्म के अंदर ही जमकर मारपीट करते हुए जानलेवा हमला किया. आश्चर्य की बात है कि इस घटना के 48 घंटा बीतने के बाद भी रेल प्रशासन, जीआरपी, आरपीएफ ने कोई कार्रवाई आरोपियों के खिलाफ नहीं की है, जिससे अन्य कर्मचारियों में जबरदस्त आक्रोश है.
घटना के संबंध में बताया जाता है कि गत 16 अक्टूबर को मदन महल स्टेशन में पदस्थ सीसीआई सत्येंद्र दुबे द्वारा नरसिंहपुर स्टेशन का निरीक्षण किया गया. इस दौरान उन्होंने अवैध वेंडर्स के खिलाफ कार्रवाई की गई, जिससे नाराज होकर सीमा एंड संस के आपरेटर कार्तिक द्वारा अपने 8-10 लड़कों को लेकर स्टेशन के प्लेटफार्म पर सीसीआई सत्येंद्र दुबे पर प्राणघातक हमला किया गया. जिससे वे बुरी तरह घायल हो गये. इस दौरान पार्सल क्लर्क रामनाथ कालाभूत द्वारा दुबे को किसी तरह बचाकर पार्सल ऑफिस के अंदर ले गये, किंतु गुंडों ने पार्सल ऑफिस के अंदर घुसकर फिर मारपीट की गई.
आरपीएफ-जीआरपी मौन, रेल प्रशासन उदासीन
वहीं नरसिंहपुर रेलवे स्टेशन पर 20 से अधिक रेल कर्मचारियों ने वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक को पत्र लिखकर इस घटना को गंभीरता से लेते हुए यहां पदस्थ सभी स्टाफ की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है. कर्मचारियों ने चेताया है कि यदि अवैध वेंडर्स व उनके गुंडों की यही कार्यप्रणाली रही तो नरसिंहपुर स्टेशन पर कर्मचारियों का काम करना मुश्किल हो जायेगा.
डबलूसीआरईयू ने सीमा एंड संस का लाइसेंस रद्द करने, अवैध वेंडर्स पर कार्रवाई की मांग की
वहीं इस घटना को गंभीरता से लेते हुए वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन (डबलूसीआरईयू) ने गंभीरता से लेते हुए सीनियर डीसीएम को पत्र लिखा है. पत्र में यूनियन के मंडल सचिव रोमेश मिश्रा ने मांग की है कि सीसीआई सत्येंद्र दुबे पर अवैध वेंडर्स व उनके गुंडों ने जो गंभीर हमला किया है. उस पर तत्काल कार्रवाई की जाए और सीमा एंड संस का तत्काल लाइसेंस रद्द करते हुए उसके आपरेटर कार्तिक पर पुलिस कार्रवाई की जाए. यूनियन ने चेतावनी दी है कि यदि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति होती है तो यूनियन कर्मचारियों के हित में कोई भी कड़ा कदम उठाने मजबूर होगी.
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