Jabalpur: डबलिंग प्रोजेक्ट के अंतर्गत कमिश्नर रेलवे सेफ्टी द्वारा जोबा-मड़वास ग्राम रेलखंड का निरीक्षण किया

Jabalpur: डबलिंग प्रोजेक्ट के अंतर्गत कमिश्नर रेलवे सेफ्टी द्वारा जोबा-मड़वास ग्राम रेलखंड का निरीक्षण किया

प्रेषित समय :18:42:30 PM / Mon, Oct 7th, 2024
Reporter : पलपल रिपोर्टर

जबलपुर. रेलवे नई परियोजनाओं के अंतर्गत अधोसंरचना निर्माण कार्यो को गति प्रदान के लिए कृतसंल्कपित है. पश्चिम मध्य रेल में भी न्यू लाइन, दोहरीकरण एवं तिहरीकरण जैसे विभिन्न अधोसंरचना के निर्माण कार्य को तेजी से पूर्ण करने के निरंतर प्रयास जारी है. इसी कड़ी में अधोसंरचनात्मक रेल परियोजनाओं को महाप्रबंधक श्रीमती शोभना बंदोपाध्याय के सतत निगरानी में तेज गति के साथ किया जा रहा है. जिसके चलते कमिश्नर रेलवे सेफ्टी द्वारा कटनी-सिंगरौली दोहरीकरण परियोजना के अंतर्गत जोबा-मड़वास ग्राम रेलखण्ड कुल 7.5 किलोमीटर का निरीक्षण किया गया. साथ ही 120 किमी/घंटा की गति से स्पीड ट्रायल किया.

सोमवार 07 अक्टूबर 2024 को मध्य वृत्त के रेल संरक्षा आयुक्त मनोज अरोरा द्वारा दोहरीकरण रेल लाइन परियोजना के अर्न्तगत जबलपुर मण्डल में कटनी और सिंगरौली  रेलखंड पर स्थित जोबा-मड़वास ग्राम रेलखंड एवं दोनों स्टेशनों और यार्डों के कमीशनिंग के उद्देश्य से निरीक्षण किया. इस सेक्शन के निरीक्षण के दौरान पमरे मुख्यालय से मुख्य प्रशासनिक अधिकारी (निर्माण) श्री एम. एस. हाशमी के साथ मुख्यालय के मुख्य इंजीनियर अधिकारीगण एवं जबलपुर मंडल के अपर मण्डल रेल प्रबंधक एवं अन्य वरिष्ठ इंजीनियर मौजूद रहे.  

 गौरतलब है इस सेक्शन की कुल दूरी 7.5 किलोमीटर है, जिसमें स्टेशन बिल्डिंग, सिग्नलिंग, यार्ड, बड़े ब्रिज, छोटे ब्रिज एवं लेवल क्रासिंग शामिल है. इस निर्माणाधीन डबल लाइन रेलखंड पर रेल ट्रैक, ओ.एच.ई. लाइन, स्टेशन बिल्डिंग, मेजर /माइनर ब्रिजों, लेवल क्रॉसिंग एवं यार्ड का संरक्षा की दृष्टि से सघन निरीक्षण किया गया. सीआरएस ने जोबा-मड़वास ग्राम सेक्शन में अधिकतम 120 किमी/घंटा की गति से सफल स्पीड ट्रायल भी किया.  

पश्चिम मध्य रेल पर कटनी-सिंगरौली रेल खंड एक कोल रूट होने के कारण एक अत्यंत व्यस्त रूट है एवं उक्त सेक्शन डबल लाइन हो जाने से इस रूट की व्यस्तता में माल यातायात को राहत मिलेगी साथ ही यात्री यातायात का संचालन और भी सुगम हो सकेगा.

इस रेलखंड के कमीशन हो जाने से यह फायदे होंगे
 
1- गुड्स एवं पैसेंजर ट्रैफिक के बढ़ने से रेल राजस्व में वृद्धि होगी.
2- रेलखंड की क्षमता में वृद्धि होने से रेल परिचालन बढ़ेगा और समय पालन सुनिश्चित होगी.
3- रेल सुरक्षा में बढ़ोत्तरी साथ ही ट्रेनों का सुगम संचालन भी हो सकेगा.
4- रेलवे के आसपास क्षेत्रों के औधोगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा.
 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-