- प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी (व्हाट्सएप- 8875863494)
* प्रात:काल उठकर हथेलियों के दर्शन करने के लिए कहा जाता है और जो दर्शन-प्रार्थना है उसमें स्पष्ट किया गया है कि हथेली के आगे के भाग अंगुलियों में देवी लक्ष्मी का निवास मान कर दर्शन करें, हथेली के मध्य में देवी सरस्वती का निवास मान कर दर्शन करें और हथेली के आधार में पालन करने वाले अपने इष्टदेव... श्रीगणेश, गोविंद, ब्रह्मा... के दर्शन करें!
* यह तो इस दर्शन-प्रार्थना का अर्थ है लेकिन इसका भावार्थ है सफल मानव जीवन के लिए सबसे पहले कर्म करें जो हमारी अंगुलियां करती हैं और जिससे धन प्राप्त होता है, उसके बाद ज्ञान प्राप्त करें जो हमें सद्बुद्धि प्रदान करता है कि इस धन का कैसे उपयोग करना है तथा इसके बाद जगत का पालन करनेवाले गोविंद, ब्रह्मा, श्रीगणेश आदि देव हमें धन और ज्ञान के संयुक्त उपयोग से जीवन को श्रेष्ठ बनाने का मार्ग दिखाते हैं.
* प्रात:काल हथेली के दर्शन करके प्रार्थना करने की सार्थकता तभी है, प्राण प्रतिष्ठा तभी होगी जब इसका प्रायोगिक सद्उपयोग हो, अन्यथा यह प्रार्थना मात्र औपचारिकता रह जाएगी!
॥ आरती श्री लक्ष्मी जी ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता.
तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
उमा, रमा, ब्रह्माणी,तुम ही जग-माता.
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत,नारद ऋषि गाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
दुर्गा रुप निरंजनी,सुख सम्पत्ति दाता.
जो कोई तुमको ध्यावत,ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
तुम पाताल-निवासिनि,तुम ही शुभदाता.
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी,भवनिधि की त्राता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
जिस घर में तुम रहतीं,सब सद्गुण आता.
सब सम्भव हो जाता,मन नहीं घबराता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
तुम बिन यज्ञ न होते,वस्त्र न कोई पाता.
खान-पान का वैभव,सब तुमसे आता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर,क्षीरोदधि-जाता.
रत्न चतुर्दश तुम बिन,कोई नहीं पाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
महालक्ष्मीजी की आरती,जो कोई जन गाता.
उर आनन्द समाता,पाप उतर जाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
श्री त्रिपुरा सुंदरी धर्म-कर्म पंचांग : 25 अक्टूबर 2024
* शक संवत 1946, विक्रम संवत 2081
* अमांत महीना आश्विन, पूर्णिमांत महीना कार्तिक
* वार शुक्रवार, पक्ष कृष्ण, तिथि नवमी - 03:22, (26 अक्टूबर 2024) तक, नक्षत्र पुष्य - 07:40 तक, योग शुभ - 05:27, (26 अक्टूबर 2024) तक, करण तैतिल - 14:35 तक, द्वितीय करण गर - 03:22, (26 अक्टूबर 2024) तक
* सूर्य राशि तुला, चन्द्र राशि कर्क
* राहुकाल 10:51 से 12:16
* अभिजित मुहूर्त 11:53 से 12:39
शुक्रवार चौघड़िया- 25 अक्टूबर 2024
* दिन का चौघड़िया
चर - 06:34 से 08:00
लाभ - 08:00 से 09:25
अमृत - 09:25 से 10:51
काल - 10:51 से 12:16
शुभ - 12:16 से 13:42
रोग - 13:42 से 15:07
उद्वेग - 15:07 से 16:33
चर - 16:33 से 17:58
* रात्रि का चौघड़िया
रोग - 17:58 से 19:33
काल - 19:33 से 21:07
लाभ - 21:07 से 22:42
उद्वेग - 22:42 से 00:16
शुभ - 00:16 से 01:51
अमृत - 01:51 से 03:25
चर - 03:25 से 05:00
रोग - 05:00 से 06:35
* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है.
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय समय, परंपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं, क्योंकि यहां दिया जा रहा समय अलग-अलग शहरों में स्थानीय समय के सापेक्ष थोड़ा अलग हो सकता है.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है!
आज का राशिफल -
मेष राशि:- अपने हिसाब से जिंदगी जिना पसंद रहेगा. जो लोग आप के कार्यों की सराहना करते थे, वे आप का विरोध करेंगे. भवन भूमि के विवादों का अंत होगा. पिता के व्यवसाय में रूचि कम रहेगी.
वृष राशि:- समय रहते अपने कार्य पूर्ण करें. पारिवारिक लोगों का सहयोग न मिलने से कार्य प्रभावित होंगे. घर में वास्तु अनुरूप परिवर्तन करें तो पारिवारिक तनाव ख़त्म होगा. फैक्ट्री में प्रवेश द्वार पर पंचमुखी हनुमान की तस्वीर लगाएं, चमत्कारिक लाभ होगा.
मिथुन राशि:- व्ययस्ता के कारण सेहत को न भूलें. अपने जीवनसाथी से नम्रता से बात करें और दोनों की वार्तालाप में स्नेह झलके न की बनावटी बातें करें. वाणी में मधुर रहें. यात्रा के योग है.
कर्क राशि:- सेहत को नजरअंदाज न करें. आनावाश्यक किसी को परेशान करना अच्छी बात नहीं है. मेहमानों की खातिरदारी करना पड़ेगी. अपने संपर्कों से रुके कार्य पुरे होंगे. बहनों के विवाह की चिंता रहेगी.
सिंह राशि:- जल्दबाजी में किये फ़सलों से भारी नुकसान हो सकता है. परिवार में आप की बातों को सुना जायेगा. धार्मिक कार्यक्रमों में सहभागिता होगी. जीवनसाथी के स्वास्थ में सुधार होगा. परीक्षा परिणाम अनुकूल होगा.
कन्या राशि:- समय से पहले और भाग्य से ज्यादा किसी को नहीं मिलता. अपने बारी का इंजतार करें. संतान के सहयोग से कार्य पुरे होंगे. नए लोगों से संपर्क बनेगा जो भविष्य में लाभदायक रहेगा. वाहन सुख संभव है.
तुला राशि:- आप अगर दुसरे के लिए मांगते हैं,तो आपको कभी अपने लिए नहीं मागना पाता . बीमारी के कारण स्वास्थय की चिंता रहेगी. किसी के बहकाने से अपने संबंध ना तोड़ें.बच कर रहें, पैर में चोट लग सकती है. समाज में आपका नाम होगा.
वृश्चिक राशि:- जिन लोगों का सहयोग आप ने किया था आज वे ही आप से मुंह फेर रहे हैं. बीमारी में दवाई असर नहीं करेगी. बेहतर होगा अपना डॉक्टर बदलें. या किसी योग्य व्यक्ति से सलाह लें. नए भवन में जाने के योग है.
धनु राशि:- अपने स्वभाव में परिवर्तन लाना बहुत जरूरी है. कार्यस्थल पर योजना लाभप्रद रहेगी. पड़ोसियों की मदद करना पड़ सकती है. क्रोध की अधिकता से परिजन ना खुश होंगे. शेयर बाजार में निवेश से लाभ होगा.
मकर राशि:- किसी के बहकावे में आप बहुत जल्द आ जाते है. समय रहते जरूरी कार्य पुरे करें. निजी जीवन में दुसरों को प्रवेश न दें. पिता के व्यवहार से मन मुटाव होगा. जीवनशौली में परिवर्तन के योग है. पुरानी दुश्मनी के चलते विवाद संभव है.
कुम्भ राशि:- सोचे कार्य समय पर होने से मन प्रसन्न रहेगा. अपने वाक् चातुर्य से सभी काम आसानी से करवा लेंगे. कार्यस्थल पर अपनी अलग पहचान स्थापित करेंगे. प्रेम-प्रसंग के चलते मन उदास होगा.
मीन राशि:- आप की कार्यक्षमता में वृद्धि होगी. जीवनशैली में आय परिवर्तन से खुश होंगे. आजीविका के नए स्त्रोत्र स्थापित होंगे. पारिवारिक सोहार्द बना रहेगा. मांगलिक समारोह में सक्रिय भूमिका रहेगी.
* आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया (ज्योतिष विशेषज्ञ) वाट्सएप नम्बर 7879372913
* यहां राशिफल चन्द्र के गोचर पर आधारित है, व्यक्तिगत जन्म के ग्रह और अन्य ग्रहों के गोचर के कारण शुभाशुभ परिणामों में कमी-वृद्धि संभव है, इसलिए अच्छे समय का सद्उपयोग करें और खराब समय में सतर्क रहें.