आज का दिन- बुधवार, 30 अक्टूबर 2024, श्रीराम से पहले श्रीहनुमान पूजा क्यों?

आज का दिन- बुधवार, 30 अक्टूबर 2024, श्रीराम से पहले श्रीहनुमान पूजा क्यों?

प्रेषित समय :21:09:13 PM / Tue, Oct 29th, 2024
Reporter : पलपल रिपोर्टर

- प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी (व्हाट्सएप- 8302755688) 
* दीपावली हनुमान पूजा - बुधवार, 30 अक्टूबर 2024
* दीपावली हनुमान पूजा मुहूर्त - 23:51 से 00:41, 31 अक्टूबर 2024
* काली चौदस - बुधवार, 30 अक्टूबर 2024
* चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ - 30 अक्टूबर 2024 को 13:15 बजे
* चतुर्दशी तिथि समाप्त - 31 अक्टूबर 2024 को 15:52 बजे

धर्मधारणा के अनुसार.... रावण को हराने के साथ ही चौदह वर्षीय वनवास को पूर्ण करने के पश्चात् भगवान श्रीराम के अयोध्या आगमन की प्रसन्नता में दीपावली उत्सव मनाया जाता है.
श्रीहनुमान की भक्ति और समर्पण से प्रसन्न भगवान श्रीराम ने श्रीहनुमान को यह वरदान दिया था कि- उनसे पहले श्रीहनुमान की पूजा होगी, इसीलिए दीपावली से एक दिन पहले भगवान श्रीहनुमान पूजा होती है.
याद रहे.... श्रीहनुमान पूजा और काली चौदस एक ही दिन आते हैं, यह धारणा है कि- काली चौदस की रात में नकारात्मक शक्तियोंवाली प्रेतात्माएं सर्वाधिक शक्तिशाली होती हैं, इसलिए इनसे संपूर्ण सुरक्षा के लिए भी श्रीहनुमान पूजा की जाती है!
श्रीहनुमान चालीसा गोस्वामी तुलसीदास ने अवधी भाषा में लिखी, जिसमें 40 छन्द हैं, नियमितरूप से श्रीहनुमान चालीसा का पाठ करें....

.. श्रीहनुमान चालीसा ..

॥ दोहा ॥

श्री गुरु चरन सरोज रज,निज मनु मुकुर सुधारि.

बरनउं रघुबर विमल जसु,जो दायकु फल चारि॥

भावार्थ- श्री गुरु महाराज के चरण कमलों की धूलि से अपने मन रुपी दर्पण को पवित्र करके श्री रघुवीर के निर्मल यश का वर्णन करता हूँ, जो चारों फल धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष को देने वाले हैं.

बुद्धिहीन तनु जानिकै,सुमिरौं पवन-कुमार.

बल बुद्धि विद्या देहु मोहिं,हरहु कलेश विकार॥

भावार्थ- हे पवन कुमार! मैं आपका सुमिरन करता हूँ. आप तो जानते ही हैं, कि मेरा शरीर और बुद्धि निर्बल है. मुझे शारीरिक बल, सद्बुद्धि एवं ज्ञान दीजिए और मेरे दुःखों व दोषों का नाश कर दीजिए.

॥ चौपाई ॥

जय हनुमान ज्ञान गुण सागर.जय कपीस तिहुँ लोक उजागर॥

भावार्थ- श्री हनुमान जी! आपकी जय हो. आपका ज्ञान और गुण अथाह है. हे कपीश्वर! आपकी जय हो! तीनों लोकों, स्वर्ग लोक, भूलोक और पाताल लोक में आपकी कीर्ति हैं.

राम दूत अतुलित बल धामा.अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा॥

भावार्थ- हे पवनसुत अञ्जनी नन्दन! आपके समान दूसरा बलवान नहीं है.

महावीर विक्रम बजरंगी.कुमति निवार सुमति के संगी॥

भावार्थ- हे महावीर बजरंग बली! आप विशेष पराक्रम वाले हैं. आप खराब बुद्धि को दूर करते हैं, और अच्छी बुद्धि वालो के साथी और सहायक है.

कंचन बरन बिराज सुवेसा.कानन कुण्डल कुंचित केसा॥

भावार्थ- आप सुनहले रंग, सुन्दर वस्त्रों, कानों में कुण्डल और घुंघराले बालों से सुशोभित हैं.

हाथ वज्र औ ध्वजा बिराजै.काँधे मूँज जनेऊ साजै॥

भावार्थ- आपके हाथ मे बज्र और ध्वजा हैं और कन्धे पर मूंज के जनेऊ की शोभा है.

शंकर सुवन केसरीनन्दन.तेज प्रताप महा जग वन्दन॥

भावार्थ- हे शंकर के अवतार! हे केसरी नन्दन! आपके पराक्रम और महान यश की संसार भर मे वन्दना होती है.

विद्यावान गुणी अति चातुर.राम काज करिबे को आतुर॥

भावार्थ- आप प्रकाण्ड विद्या निधान है, गुणवान और अत्यन्त कार्य कुशल होकर श्री राम काज करने के लिए आतुर रहते है.

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया.राम लखन सीता मन बसिया॥

भावार्थ- आप श्री राम चरित सुनने मे आनन्द रस लेते हैं. श्री राम, सीता और लखन आपके हृदय मे बसे रहते हैं.

सूक्ष्म रुप धरि सियहिं दिखावा.विकट रुप धरि लंक जरावा॥

भावार्थ- आपने अपना बहुत छोटा रुप धारण करके सीता जी को दिखलाया और भयंकर रूप करके लंका को जलाया.

भीम रुप धरि असुर संहारे.रामचन्द्र के काज संवारे॥

भावार्थ- आपने विकराल रुप धारण करके राक्षसों को मारा और श्री रामचन्द्र जी के उदेश्यों को सफल कराया.

लाय सजीवन लखन जियाये.श्रीरघुवीर हरषि उर लाये॥

भावार्थ- आपने सञ्जीवनी बुटी लाकर लक्ष्मणजी के प्राण बचाए जिससे श्री रघुवीर ने हर्षित होकर आपको हृदय से लगा लिया.

रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई.तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई॥

भावार्थ- श्री रामचन्द्र ने आपकी बहुत प्रशंसा की और कहा की तुम मेरे भरत जैसे प्यारे भाई हो.

सहस बदन तुम्हरो यश गावैं.अस कहि श्री पति कंठ लगावैं॥

भावार्थ- श्री राम ने आपको यह कहकर हृदय से लगा लिया की तुम्हारा यश हजार मुख से सराहनीय हैं.

॥ दोहा ॥

पवनतनय संकट हरन,मंगल मूरति रुप.

राम लखन सीता सहित,ह्रदय बसहु सुर भूप॥

भावार्थ- हे संकट मोचन पवन कुमार! आप आनन्द मंगलो के स्वरुप है. हे देवराज! आप श्री राम, सीता जी और लक्ष्मण सहित मेरे हृदय मे निवास कीजिए.

श्री त्रिपुरा सुंदरी धर्म-कर्म पंचांग : 30 अक्टूबर 2024
* शक सम्वत 1946, विक्रम सम्वत 2081
* अमान्त महीना आश्विन, पूर्णिमान्त महीना कार्तिक
* वार बुधवार, पक्ष कृष्ण, तिथि त्रयोदशी - 13:15 तक, नक्षत्र हस्त - 21:43 तक, योग वैधृति - 08:52 तक, करण वणिज - 13:15 तक, द्वितीय करण विष्टि - 02:35, (31 अक्टूबर 2024) तक
* सूर्य राशि तुला, चन्द्र राशि कन्या
* राहुकाल 12:16 से 13:40
* अभिजित मुहूर्त - नहीं
बुधवार चौघड़िया-  30 अक्टूबर 2024
* दिन का चौघड़िया

लाभ - 06:37 से 08:02
अमृत - 08:02 से 09:26
काल - 09:26 से 10:51
शुभ - 10:51 से 12:16
रोग - 12:16 से 13:40
उद्वेग - 13:40 से 15:05
चर - 15:05 से 16:30
लाभ - 16:30 से 17:55
* रात्रि का चौघड़िया
उद्वेग - 17:55 से 19:30
शुभ - 19:30 से 21:05
अमृत - 21:05 से 22:41
चर - 22:41 से 00:16
रोग - 00:16 से 01:51
काल - 01:51 से 03:27
लाभ - 03:27 से 05:02
उद्वेग - 05:02 से 06:37
* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है.
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय समय, परंपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं, क्योंकि यहां दिया जा रहा समय अलग-अलग शहरों में स्थानीय समय के सापेक्ष थोड़ा अलग हो सकता है.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है!
आज का राशिफल -
मेष राशि:- रुका हुआ धन नही मिलेगा. प्रयास सफल रहेंगे. यात्रा में सावधानी रखें. घर-बाहर से सहयोग मिलेगा. लाभ में वृद्धि होगी. किसी आनंदोत्सव भाग लेने का अवसर मिल सकता है. संचित धन में वृद्धि होगी. कर्ज नही चुका पाएंगे. प्रसन्नता रहेगी.

वृष राशि:- नई आर्थिक नीति लागू करने का साहस जुटा पाएंगे. कार्यस्थल पर परिवर्तन होगा. विरोध होगा. वाणी पर नियंत्रण रखें. मान-सम्मान में बढ़ोतरी होगी. लाभ के अवसर हाथ आएंगे. नए अनुबंध हो सकते हैं. मातहतों का सहयोग मिलेगा.

मिथुन राशि:- राजकीय बाधा  होगी. किसी प्रभावशाली व्यक्ति से मुलाकात होगी. घर-परिवार की चिंता रहेगी. दूसरों के काम में दखल देने से बचें. व्यवसाय ठीक चलेगा. पार्टनरों से मतभेद कम होंगे. जल्दबाजी न करें.

कर्क राशि:- चोट व दुर्घटना से हानि हो सकती है. विशेषकर स्त्रियां सावधानी से रहें. स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा. किसी अपने ही व्यक्ति का व्यवहार ठीक नहीं रहेगा. कीमती वस्तुएं संभालकर रखें. दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं. बड़ों के मार्गदर्शन से लाभ होगा.

सिंह राशि:- राजकीय सहयोग प्राप्त होगा. शारीरिक कष्ट संभव है. जल्दबाजी न करें. उत्तेजना पर नियंत्रण रखें. विवेक का प्रयोग करें. पारिवारिक सहयोग समय पर प्राप्त होगा. कार्यसिद्धि होगी. प्रसन्नता रहेगी.

कन्या राशि:- चोट व दुर्घटना आदि से बड़ी हानि हो सकती है. दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं. पुराना रोग बाधा का कारण बन सकता है. अपरिचित लोगों पर विश्वास न करें. व्यवसाय ठीक नही चलेगा. आय बनी रहेगी. परिवार में कोई मांगलिक कार्य की योजना बनेगी. चिंता रहेगी.

तुला राशि:-  कानूनी सहायता समय पर प्राप्त होगी. बाधा दूर होकर लाभ की स्थिति रहेगी. मित्र व संबंधियों का सहयोग प्राप्त होगा. जोखिम न उठाएं. जल्दबाजी से काम बिगड़ सकते हैं. व्यवसाय ठीक नही चलेगा. प्रसन्नता रहेगी.

वृश्चिक राशि:- शोक समाचार मिल सकता है. धैर्य रखें. स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा. लापरवाही न करें. दौड़धूप अधिक होगी. बनते कामों में बाधा संभव है. प्रयास अधिक करना पड़ेंगे. परिवार में बेवजह कलह हो सकती है. सामंजस्य बैठाएं. व्यवसाय की गति एक दम धीमी रहेगी.

धनु राशि:- मेहनत का फल पूरा-पूरा मिलेगा. सामाजिक पूछ-परख बढ़ेगी. रुके काम पूर्ण होंगे. प्रसन्नता में वृद्धि होगी. परिवार का सहयोग प्राप्त होगा. धनलाभ सहज ही होगा. कार्यकुशलता का विकास होगा. जल्दबाजी से बचें.

मकर राशि:- पुराने भूले-बिसरे मित्र व संबंधियों से मुलाकात होगी. मनोनुकूल सूचना प्राप्ति होगी. विवाद न करें. किसी व्यक्ति का व्यवहार मनोनुकूल नहीं रहेगा. स्वास्थ्य का ध्यान रखें. वरिष्ठ व्यक्तियों की सलाह मानें.

कुम्भ राशि:- रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे. भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी. जोखिम लेने का साहस कर पाएंगे. कोई बड़ी समस्या का हल मिल सकता है. प्रसन्नता रहेगी. आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं. थकान तथा आलस्य रह सकते हैं.

मीन राशि:- अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे. कर्ज लेना पड़ सकता है. पुराना रोग परेशान कर सकता है. वाणी में संयम आवश्यक है. बनते काम बिगड़ सकते हैं. अपरिचित व्यक्ति की बातों में न आएं. विवेक से कार्य करें. व्यवसाय ठीक चलेगा. धनार्जन होगा.
 * आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया (ज्योतिष विशेषज्ञ)  वाट्सएप नम्बर 7879372913
* यहां राशिफल चन्द्र के गोचर पर आधारित है, व्यक्तिगत जन्म के ग्रह और अन्य ग्रहों के गोचर के कारण शुभाशुभ परिणामों में कमी-वृद्धि संभव है, इसलिए अच्छे समय का सद्उपयोग करें और खराब समय में सतर्क रहें.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-