नई दिल्ली. 18वीं लोकसभा का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से शुरू होगा.जिसमें केंद्र सरकार मुख्य रूप से वक्फ विधेयक को पारित करने का पूरा प्रयास करेगी.इसी बीच रविवार को एनडीए के मुख्य सहयोगी पार्टी तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के नेता और आंध्र पदेश इकाई के उपाध्यक्ष नवाब जान का बड़ा बयान सामने आया है.उन्होंने कहा है कि सबको मिलकर वक्फ संशोधन विधेयक को पारित होने से रोकना चाहिए।
वक्फ बोर्ड के विरोध में टीडीपी
नवाब जान ने इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में जमीयत उलेमा-ए-हिंद (एएम समूह) की ओर से आयोजित 'संविधान बचाओ सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ऐसे इंसान हैं, जो मुसलमानों के हितों को नुकसान पहुंचाने वाले किसी भी विधेयक को पारित नहीं होने देंगे.टीडीपी नेता के इस बयान से साफ तौर पर अनुमान लगाया जा सकता है कि वक्फ विधेयक को लेकर भाजपा के सामने टीडीपी एक बड़ी चुनौती के तौर पर है.
टीडीपी नेता नवाब का दावा
इसके साथ ही तेदेपा नेता ने दावा किया कि वक्फ संशोधन विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजना भी नायडू की वजह से मुमकिन हुआ और उन्होंने फिलहाल इस विधेयक को पारित होने से रुकवा दिया है.उन्होंने यह भी दावा किया कि सीएम नायडू ने कुछ दिन पहले बयान दिया था कि चाहे मुस्लिम संस्था हो, या हिंदू संस्था हो या फिर ईसाई संस्था हो, उसमें उसी धर्म के लोग होने चाहिए।
सीएम की दो आंखें- नवाब जान
तेलुगु देशम पार्टी के वरिष्ठ नेता नवाज जान ने कहा कि चंद्रबाबू नायडू हमेशा कहते रहे हैं कि उनकी दो आंखें हैं एक हिंदू और एक मुस्लिम.उन्होंने कहा कि नायडू कहते हैं कि एक आंख को नुकसान पहुंचाने से पूरे शरीर पर असर पड़ता है और हमें विकास के पथ पर आगे बढ़ते हुए इसे ध्यान में रखना चाहिए.उन्होंने कहा कि नायडू के शासन में मुसलमानों को जो लाभ मिला है, वह देश की आजादी के बाद से अभूतपूर्व है।
नायडू को बताया धर्मननिरपेक्ष
उन्होंने कहा चंद्रबाबू धर्मनिरपेक्ष मानसिकता के व्यक्ति हैं ऐसे व्यक्ति हमारे मुख्यमंत्री हैं.वे मुसलमानों को नुकसान पहुंचाने वाले विधेयक को लागू नहीं होने देंगे.टीडीपी नेता ने दावा किया कि वक्फ (संशोधन) विधेयक को संसद की संयुक्त समिति (जेपीसी) में भेजना भी नायडू की वजह से ही संभव हो पाया और उन्होंने ऐसा करके इस विधेयक को फिलहाल पारित होने से रोक दिया है।
देश की एकता पर नुकसान बर्दाश्त नहीं- नवाब
इसके साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया कि नायडू ने कुछ दिन पहले एक बयान दिया था कि चाहे वह मुस्लिम संस्थान हो या हिंदू संस्थान या ईसाई संस्थान, उसमें एक ही धर्म के लोग होने चाहिए.उन्होंने कहा कि हम सब कुछ बर्दाश्त करेंगे, लेकिन देश की एकता को नुकसान पहुंचाने की किसी भी कोशिश को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
आपसी कलह की संभावनाएं
आपसी कलह के तर्क को ऐसे समझिए कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पास लोकसभा में बहुमत नहीं है और केंद्र में उसकी सरकार टीडीपी और जनता दल (यू) जैसी अन्य पार्टियों के समर्थन पर निर्भर है, जिसके बाद भाजपा के विरोध में टीडीपी का वक्फ विधेयक को लेकर स्टैंड केंद्र सरकार को लेकर संकट का विषय हो सकता है.अभी फिलहाल संसद की एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 की जांच कर रही है.बता दें कि यह विधेयक अगस्त में लोकसभा में पेश किया गया था और गरमागरम बहस के बाद इसे संयुक्त संसदीय पैनल को भेज दिया गया था, जिसमें सरकार ने कहा था कि प्रस्तावित कानून का मस्जिदों के कामकाज में हस्तक्षेप करने का इरादा नहीं है और विपक्ष ने इसे मुसलमानों को निशाना बनाने और संविधान पर हमला बताया था।