यह आग कब बुझेगी- यह धुआं कब छटेगा

यह आग कब बुझेगी- यह धुआं कब छटेगा

प्रेषित समय :20:07:13 PM / Wed, Nov 13th, 2024
Reporter : पलपल रिपोर्टर

डॉ. अशोक कुमार वर्मा

सड़क पर चलना मेरा अधिकार
कोई छीन रहा है मुझसे
पैदल चलना
साइकिल से जाना
कोई सरल नहीं रहा

साँसों में घुटन
नेत्रों में जलन
सड़कों का हरण
विषैला आवरण
असहनीय चलन
असहज बना रहा है मुझे

पूछ रहा है मेरा मन
अब नहीं सह सकता तन
यह आग कब बुझेगी
यह धुआं कब छटेगा

कूड़े कर्कट से
खेतों से
चिमनियों से
कल कारखानों से
सड़कों पर बैठे
भुनती मूंगफली के दानों से
फुलझड़ी और पटाखों से
धुंआ फेंक रहे वाहनों से
अवैध ठिकानों और निर्माणों से

यह आग कब बुझेगी
यह धुआं कब छटेगा
यह अवैध कब्जा कब हटेगा

कविता रचयिता- डॉ. अशोक कुमार वर्मा
9053115315

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-