पलपल संवाददाता, जबलपुर/नरसिंहपुर. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट जबलपुर में चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत व जस्टिस न्यायमूर्ति विवेक जैन की डबल बेंच ने गाडरवारा जिला नरसिंहपुर नगर पालिका क्षेत्र में खतरनाक व जर्जर भवनों पर कार्यवाही न किए जाने के मामले में सख्त रुख अपनाया है. कोर्ट ने प्रमुख सचिव, नगरीय विकास व आवास विभाग, आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास, कलेक्टर नरसिंहपुर, एसडीएम गाडरवारा, तहसीलदार गाडरवारा व मुख्य नगर पालिका अधिकारी गाडरवारा को नोटिस जारी कर शपथपत्र के माध्यम से जवाब मांगा है.
गाडरवारा जिला नरसिंहपुर निवासी शुभम कौरव की ओर से दायर जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि नगर पालिका परिषद गाडरवारा के मुख्य नगर पालिका अधिकारी ने राजनीतिक दबाव व निजी लाभ के चलते जर्जर मकानों पर समुचित कार्रवाई नहीं की.
याचिकाकर्ता ने बताया कि 7 अगस्त 2024 को आयुक्त नगरीय प्रशासन व विकास की ओर से जारी आदेशों के बाद नगर पालिका ने केवल एक-दो भवनों पर कार्रवाई की, जबकि अन्य खतरनाक भवनों के मालिकों व निवासियों को केवल नोटिस जारी कर खानापूर्ति की गई. याचिका में यह भी उल्लेख किया गया है कि नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 221 के प्रावधानों की अनदेखी की गई.
जिससे इन जर्जर भवनों में रहने वाले लोगों व राहगीरों की सुरक्षा पर गंभीर खतरा बना हुआ है. साथ ही इन भवनों में जुआं, शराबखोरी व अन्य असामाजिक गतिविधियां संचालित हो रही हैं. लगातार शिकायतों के बाद अधिकारियों द्वारा केवल औपचारिक कार्रवाई की गई.
जिससे परेशान होकर याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट का रुख किया. सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने सभी अनावेदकों को नोटिस जारी कर स्पष्ट किया कि उन्हें शपथपत्र के माध्यम से जवाब देना होगा. इस मामले की अगली सुनवाई में अधिकारियों की ओर से दिए गए जवाब के आधार पर हाईकोर्ट आगे की कार्यवाही तय की जाएगी. यह मामला क्षेत्रीय प्रशासन व नगर निकाय की जवाबदेही को लेकर एक अहम संदेश देने वाला है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-