पलपल संवाददाता, जबलपुर. एमपी के जबलपुर रहने वाले वृद्ध से सोशल मीडिया फेसबुक पर एक युवती ने एनआरआई बनकर दोस्ती की. इसके बाद अपने एक साथी के साथ मिलकर 22 दिन में 29 बैंक खातों में 53 लाख रुपए ट्रांसफर करा लिए. ठगी का शिकार हुए वृद्ध ने पुलिस को घटनाक्रम की जानकारी देते हुए शिकायत की है.
बताया गया है कि नेपियर टाउन निवासी मसूद हुसैन शासकीय नौकरी से सेवानिवृत हुए है. सोशल मीडिया फेसबुक पर सोनम यादव नामक युवती की फे्रंड रिक्वेस्ट आई जिसे मसूद ने एस्सेप्ट कर दिया. इसके बाद सोनम यादव मैसेंजर पर बात करने लगी. बातचीत के दौरान सोनम यादव ने बताया कि वह भारत की मूल निवासी है और अमेरिका में डाक्टर है. मैसेंजर पर बातचीत का सिलसिला चलता रहा, एक नवम्बर को युवती ने काल कर बताया कि वह दिल्ली आ गई है.
एयरपोर्ट पर कस्टम अधिकारियों ने डॉलर्स व गोल्ड के साथ पकड़ लिया है, लाखों रुपए का सोना है. कस्टम अधिकारी छोडऩे के बदले में रिश्वत मांग रहे हैं. यह बात सुनकर वृद्ध ने मदद करने का आश्वासन दिया तो युवती ने क्यूआर कोड भेजा, जिसपर मसूद ने 3 लाख रुपए भेज दिए, कुछ देर बाद फिर फोन आने पर दस लाख रुपए भेज दिए. रुपया लेने के बाद युवती ने यह कहते हुए फोन बंद कर दिया कि होटल पहुंचकर बात करते है.
तीन नवम्बर को युवती ने फिर से कॉल करके कहा कि वह जबलपुर आ रही है, उसके पास जो अमेरिकन डालर रुपए में कन्वर्ट नहीं हो रहे है, अमेरिका का बैंक खाता फ्रीज हो गया है. इसके बाद युवती ने 5 बैंक खातों के नंबर देते हुए कहा कि रुपया ट्रांसफर कर दो. जबलपुर पहुंचते ही रुपया वापस कर देगें. इसके बाद मसूद ने पांच खातों में 15 लाख रुपए भेज दिए. दस नवम्बर को अनजान नम्बर से मसूद को कॉल आया जिसमेें कहा कालर ने अपना नाम राहुल बताते हुए कहा कि सोनम को रिश्वत देने व गलत तरीके से डालर भारत लाने के आरोप में पकड़ लिया गया है. सोनम ने पूछताछ में कहा कि डॉलर व गोल्ड आपके लिए लेकर आई थी. मसूद हुसैन इतना सुनते ही घबरा गए उन्होने अपनी पत्नी को पूरी बात बताई.
11 नवम्बर को राहुल ने फिर से कॉल कर कहा कि मामला सीबीआई तक चला गया है, जल्द ही एक टीम आपको गिरफ्तार करने जबलपुर पहुंच रही है, यदि बचना है तो रुपए दे दो, मामला शांत करा दिया जाएगा. 15 नवम्बर तक लगातार राहुल नामक युवक ने फोन कर मसूद को धमकी दी, जिसके चलते 16 से 25 नवम्बर के बीच मसूद ने 24 बैंक खातों में 26 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए.
इस बीच सोनम भी मसूद के संपर्क में बनी रही, वह यही कहती रही कि जबलपुर आने पर सारा रुपया लौटा दिया जाएगा. 26 नवम्बर के बाद से सोनम का मोबाइल फोन स्विच ऑफ हो गया. मसूद हुसैन व उनकी पत्नी समझ गए कि वे ठगी का शिकार हो गए है. उन्होने पुलिस अधिकारियों से मुलाकात कर सारा घटनाक्रम बताया. इसके पहले भी जबलपुर में इस तरह की ठगी की घटनाएं हो चुकी है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-