नई दिल्ली. राज्यसभा में आज संविधान पर दो दिवसीय चर्चा शुरु हुई, जिसमें वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन ने कहा कि कांग्रेस पार्टी परिवार और वंशवाद की मदद करने के लिए बेशर्मी से संविधान में संशोधन करती रही. ये संशोधन लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए नहीं बल्कि सत्ता में बैठे लोगों की रक्षा के लिए थे. इस प्रक्रिया का इस्तेमाल परिवार को मजबूत करने के लिए किया गया.
वित्त मंत्री के जवाब में मल्लिकार्जुन खडग़े ने कहा कि जो झंडे से नफरते हैं, जो लोग हमारे अशोक चक्र से नफरत करते हैं, जो लोग संविधान से नफरत करते हैं. ये आज हमें पाठ पढ़ा रहे हैं. जब ये संविधान बनाए इन लोगों ने रामलीला मैदान में बाबा साहेब अंबेडकर का पुतला लगाकर संविधान को जलाया है. ये लोग अब नेहरू, इंदिरा व पूरे परिवार को गाली देते हैं. उन्होने कहा कि हमारी बहादुर नेता इंदिरा गांधी ने दो टुकड़े करके एक लाख पाकिस्तानी सैनिकों को बंदी कराकर भारत देश को बचाया. यह काम आयरन लेडी ने किया. उन्होंने बता दिया था किए हमारे नजदीक कोई आया तो खैर नहीं. आज ये दिन आ गया कि बांग्लादेश में संकट है.
सरकार उन्हें बचाने की कोशिश करें. हम सत्ता पक्ष को बताना चाहते हैं कि संविधान हमने भी थोड़ा बहुत पढ़ा है. हम म्यूनिसिपॉलिटी स्कूल में पढ़े हैं, वे जेएनयू में पढ़े हैं. उनकी इंग्लिश अच्छी हो सकती है, लेकिन हमें भी पढऩा आता है. वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस सांसद जयराम रमेश से लिखित माफी मांगने को कहा है क्योंकि उन्होंने उन पर झूठ बोलने का आरोप लगाया था. वित्त मंत्री ने कहा कि मैं कभी झूठ नहीं बोलती. दूसरों पर झूठ बोलने का आरोप लगाना कांग्रेस के डीएनए में है. कांग्रेस शासन के तहत महाराष्ट्र ने जीएसटी के कुछ प्रावधानों का विरोध किया था. उन्होंने कहा वे खुद जीएसटी संशोधन पेश करने में विफल रहे और अब जब हम इसे लागू करते हैं तो वे चिल्लाते हैं. इनके एक नेता ने इसे गब्बर सिंह टैक्स करार दिया था.
इमरजेंसी में नेता जेल गए तो बेटी का नाम मीसा रखा-
इमरजेंसी की बात करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि उस समय विपक्ष के कई नेताओं को जेल में डाला गया. मैं ऐसे राजनीतिक नेताओं को जानती हूं जिन्होंने उन काले दिनों को याद रखने के लिए बच्चों के नाम मीसा के नाम पर रखने का फैसला किया और अब उन्हें उनके साथ गठबंधन करने में भी कोई आपत्ति नहीं है. दरअसल वित्त मंत्री ने लालू यादव पर निशाना साधा. लालू यादव ने अपनी बेटी का नाम मीसा रखा था.
इंदिरा पर सवाल उठाने वाली फिल्म बैन कर दी थी-
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मजरूह सुल्तानपुरी व बलराज साहनी दोनों को 1949 में जेल भेजा गया था. 1949 में मिल मजदूरों के लिए आयोजित एक बैठक के दौरानए मजरूह सुल्तानपुरी ने जवाहरलाल नेहरू के खिलाफ लिखी गई एक कविता सुनाई इसलिए उन्हें जेल जाना पड़ा. उन्होंने इसके लिए माफी मांगने से इनकार कर दिया था. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने का कांग्रेस का रिकॉर्ड इन दो लोगों तक ही सीमित नहीं था. 1975 में माइकल एडवर्ड्स द्वारा लिखी गई. राजनीतिक जीवनी नेहरू पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. उन्होंने किस्सा कुर्सी का नामक एक फिल्म पर भी प्रतिबंध लगा दियाए क्योंकि इसमें प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनके बेटे पर सवाल उठाए गए थे.
देश की पहली अंतरिम सरकार ने आजादी पर अंकुश लगाया-्र
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि1950 में सुप्रीम कोर्ट ने कम्युनिस्ट पत्रिका क्रॉस रोड्स व आरएसएस की संगठनात्मक पत्रिका ऑर्गनाइजर के पक्ष में फैसला सुनाया था. लेकिन इसके जवाब में तत्कालीन अंतरिम सरकार ने संविधान में संसोधन करके अभिव्यक्ति की आजादी पर अंकुश लगा दिया था.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-