नई दिल्ली. वायनाड से कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी आज फिलिस्तीन के समर्थन वाला बैग लेकर संसद पहुंची. जिसपर लिख कि फिलिस्तीन आजाद होगा. हैंड बैग पर शांति का प्रतीक सफेद कबूतर व तरबूज भी बना था. इसे फिलिस्तीनी एकजुटता का प्रतीक माना जाता है.
इससे पहले जून 2024 में भी प्रियंका ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की आलोचना की थी. तब प्रियंका की टिप्पणी नेतन्याहू के अमेरिकी कांग्रेस को दिए भाषण में गाजा में चल रहे युद्ध का बचाव करने के बाद आई थी. तब उन्होंने कहा था कि गाजा में इजराइल सरकार ने क्रूरतापूर्वक नरसंहार किया है. प्रियंका गांधी ने एक्स पर लिखा था कि सही सोच रखने वाले हर व्यक्ति और दुनिया की हर सरकार की ये नैतिक जिम्मेदारी है कि वे इजराइल सरकार के नरसंहार की निंदा करें और उन्हें रोकने के लिए मजबूर करें. जब प्रियंका से बैग के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुझे क्या पहनना है अब यह भी कोई और बताएगा.
ये तो बरसों से चली आ रही रूढिवादी पितृसत्ता की तरह हुआ कि महिलाएं क्या पहनें, क्या नहीं. फिलिस्तीन के 8 प्रतीक चिह्न ऐसे हैं, जो उनकी पहचान व इजराइल के लिए विरोध को दिखाते हैं. प्रियंका जो बैग लाईं थीं, उसमें कैफियेह, तरबूज, जैतून की शाखा, फिलिस्तीन कढ़ाई, शांति का प्रतीक का कबूतर बना हुआ है. बैग पर फिलिस्तीन झंडे का लाल, हरा, सफेद व काला रंग भी है. कैफियेह इसे कुफिया भी कहते हैं. यह एक चौकोर कॉटन का कपड़ा होता है. जिसे अरब देशों के लोग सिर पर पहनते हैं. इसे आजादी का प्रतीक माना जाता है. इस पर काली-सफेद फिशनेट (जाल) जैतून की पत्तियां व बोल्ड पैटर्न बना होता है. इसका इस्तेमाल धूप से बचने के लिए किया जाता था. 1930 के दशक में ब्रिटिश शासन के खिलाफ हुए अरब विद्रोह में इसे लोकप्रियता मिली.
प्रियंका ने कहा, सरकार बांग्लादेश में हिन्दू व ईसाई पर आवाज उठाए-
कांग्रेस सांसद ने आज लोकसभा में प्रिंयका ने भी प्रश्रकाल में सवाल पूछा कि मैं सबसे पहले जिस मुद्दे पर चर्चा करना चाहती हूं, वह यह है कि इस सरकार को बांग्लादेश में हिंदू व ईसाई अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए. उनसे बातचीत करनी चाहिए और उनका समर्थन लेना चाहिए. दूसरा मुद्दा यह है कि आज सेना के मुख्यालय से एक तस्वीर उतारी गई हैए जिसमें पाकिस्तानी सेना भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण कर रही है. आज विजय दिवस है. सबसे पहले मैं 1971 के युद्ध में हमारे लिए लडऩे वाले वीर जवानों को नमन करना चाहती हूं.
बंगाली भाई-बहनों की कोई आवाज नहीं सुन रहा-
प्रियंका ने कहा कि बांग्लादेश में जो कुछ भी हो रहा था, बांग्लादेश के लोगों, हमारे बंगाली भाइयों और बहनों की आवाज कोई नहीं सुन रहा था. उस समय इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं, मैं उन्हें नमन करना चाहती हूं. उन्होंने सबसे कठिन परिस्थितियों में साहस दिखाया और ऐसा नेतृत्व दिखाया जिससे देश विजयी हुआ.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-