नई दिल्ली. केंद्र सरकार 13 जनवरी से प्रयागराज में शुरू हो रहे महाकुंभ में शामिल होने वाले रेल यात्रियों की सुविधा के नए विकल्प पर विचार कर रही है. सूत्रों के मुताबिक रेलवे महाकुंभ से लौटने वाले सामान्य श्रेणी (जनरल कोच) के यात्रियों के लिए टिकट खरीदने की अनिवार्यता खत्म कर सकती है. इसके लिए जरूरी औपचारिकताओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है.
दरअसल, महाकुंभ के 45 दिनों में देशभर से करीब 45 करोड़ लोगों के पहुंचने का अनुमान है. रेलवे का आकलन है कि कुंभ के दिनों का औसत निकालें तो रोज 5 लाख से ज्यादा यात्री सामान्य श्रेणी के कोचों में सफर करेंगे. इतने ज्यादा यात्रियों को एक दिन में टिकट उपलब्ध कराने के लिए जरूरी संसाधन जुटाना बड़ी चुनौती होगी. इसलिए जनरल टिकट खरीदने की अनिवार्यता को कुंभ के लिए रद्द किया जा रहा है. रेलवे कुंभ के लिए 3 हजार विशेष ट्रेनें चलाएगा, जो 13 हजार से ज्यादा फेरे लगाएंगी. महाकुंभ 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 के बीच होगा.
स्कैनर से टिकट लेने का ट्रायल सफल नहीं रहा, नेटवर्क जाम
रेलवे ने विकल्प के रूप में स्टेशन पर स्कैनर टिकट खरीदने का ट्रायल किया. लेकिन, एक साथ ज्यादा संख्या में टिकट बुक कराने से नेटवर्क जाम जैसी स्थिति बन गई. रेलवे के एक अधिकारी ने कहा- भारी भीड़ के चलते यात्रियों का कतार में लगकर टिकट लेना व्यावहारिक नहीं है. बिना टिकट यात्रा पर जुर्माने का नियम है, पर इसे चेक करने के लिए बड़ी संख्या में स्टाफ चाहिए. लिहाजा रेलवे अनारक्षित श्रेणी के टिकट फ्री करने पर विचार कर रहा है.