रायपुर. केंद्र सरकार के बाद अब एडीजी जीपी सिंह को राज्य सरकार ने भी बहाल कर दिया है. गुरुवार को गृह विभाग की ओर से आदेश जारी किया गया. जीपी सिंह पर आय से अधिक संपत्ति, राजद्रोह और ब्लैकमेलिंग केस में कार्रवाई की गई थी. नौकरी मिलते ही जीपी सिंह डीजी की रेस में भी शामिल हो गए हैं.
इससे पहले 12 दिसंबर को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आदेश केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (ष्ट्रञ्ज) के निर्णय के आधार पर दिया था. 20 जुलाई 2023 को जारी निलंबन आदेश को रद्द करते हुए उन्हें उसी दिनांक से फिर से उनके पद पर बहाल किया था.
कोर्ट ने किन आधार पर सर्विस दी
जीपी सिंह पर चल रहे मुकदमों को आधार बनाकर उन्हें उनकी नौकरी से अलग किया गया. इसके बाद सिंह की ओर से आईएएस-आईपीएस अफसरों के एक तरह के न्यायिक आयोग केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) में पूरे मामले को चैलेंज किया गया. 1994 बैच के छत्तीसगढ़ कैडर के अधिकारी गुरजिंदर पाल सिंह को 20 जुलाई 2023 को गृह मंत्रालय के आदेश पर सेवानिवृत्त कर दिया गया था. ये रिटायरमेंट प्रदेश में तब की कांग्रेस सरकार की रिपोर्ट के आधार पर हुआ था.
कैट ने 10 अप्रैल 2024 को गृह मंत्रालय के आदेश को रद्द करते हुए जीपी सिंह को सेवा में बहाल करने का आदेश दिया, लेकिन तब गृह मंत्रालय ने इस आदेश को नहीं माना. दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी, लेकिन उच्च न्यायालय ने 23 अगस्त को मंत्रालय की याचिका खारिज कर दी. गृह मंत्रालय ने इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. सुप्रीम कोर्ट में 10 दिसंबर को जस्टिस ऋषिकेश राय और जस्टिस एसबीएन भाटी की डिवीजन बेंच में मामले की सुनवाई हुई. केंद्र की ओर से कहा गया कि जीपी सिंह के खिलाफ तीन आपराधिक प्रकरण दर्ज हुए थे. बचाव पक्ष ने सिंह की ओर से बताया कि तीनों आपराधिक प्रकरणों को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के डिवीजन बेंच ने रद्द कर दिया है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-