MP: आफीसर्स मीट में फूटा IAS अफसर नेहा मारव्या का दर्द, कहा-14 साल में एक भी फील्ड पोस्टिंग नहीं

MP: आफीसर्स मीट में फूटा IAS अफसर नेहा मारव्या का दर्द

प्रेषित समय :18:07:40 PM / Sat, Dec 21st, 2024
Reporter : पलपल रिपोर्टर

भोपाल. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आईएएस अफसरों का मीट चल रहा है. आईएएस अफसरों की मीटिंग में एक महिला आईएएस नेहा मारव्या ने सिस्टम पर सवाल उठाए हैं. 20 दिसंबर से 23 दिसंबर तक चली इस मीटिंग में उन्होंने बताया कि 14 साल की नौकरी में उन्हें कभी फील्ड पोस्टिंग नहीं मिली. उन्होंने अपनी बात व्हाट्सएप ग्रुप पर रखी, जहां दूसरे आईएएस अफसर भी मौजूद थे. यह मीटिंग युवा, सेवानिवृत्त आईएएस अफसरों और उनके परिवारों के लिए आयोजित की गई है. इस दौरान नेहा मारव्या ने अपना दर्द बयां किया.

2011 बैच की आईएएस अधिकारी हैं नेहा

नेहा मारव्या 2011 बैच की आईएएस अफसर हैं. वे अपने फैसलों पर अडिग रहने के लिए जानी जाती हैं. उनका नाम कई विवादों से भी जुड़ा रहा है. बताया जाता है कि एक बार वे आजीविका मिशन घोटाले की जांच कर रही थीं. वरिष्ठ अधिकारियों ने दोषियों को बचाने के लिए उन पर दबाव बनाया. नेहा ने वही किया जो उन्हें सही लगा. नतीजा ये हुआ कि उनका तबादला दूसरे विभाग में कर दिया गया. वे कई मामलों में बेबाकी से अपनी बात रखने के लिए जानी जाती हैं.

नेहा का छलका दर्द

अब आईएएस नेहा मारव्या का दर्द छलक पड़ा. उन्होंने आईएएस ऑफिसर्स एसोसिएशन के व्हाट्सएप ग्रुप पर लिखा कि आईएएस की नौकरी में मुझे 14 साल हो गए हैं. लेकिन मुझे आज तक एक बार भी फील्ड में पोस्टिंग नहीं मिली. न्होंने आगे लिखा कि ऐसे में मेरे जैसे आईएएस का करियर कैसे संतुलित होगा?

कॉन्सेप्ट नोट पर जवाब

दरअसल, एक आईएएस अफसर ने व्हाट्सएप ग्रुप पर एक कॉन्सेप्ट नोट डाला था. इसमें लिखा था कि सीधी भर्ती के आईएएस अफसर को 14 साल में 4 साल कलेक्टरी मिलनी चाहिए. इससे उन्हें फील्ड का अनुभव मिलता है. साथ ही, प्रदेश की सांस्कृतिक, सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों की जानकारी भी मिलती है. इससे उन्हें आगे चलकर प्रदेश की समस्याओं को सुलझाने में मदद मिलती है. इस पर एक दूसरे युवा अफसर ने भी सदस्यों से जवाब मांगे. तब नेहा मारव्या ने जवाब दिया.

एक बार भी नहीं मिली फील्ड पोस्टिंग

नेहा मारव्या ने लिखा कि बहुत दुख होता है जब इस मामले पर चर्चा होती है. मुझे 14 साल में एक बार भी फील्ड में पोस्टिंग नहीं मिली. साढ़े तीन साल पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में उपसचिव बनाकर बैठाया गया. फिर ढाई साल से बिना काम के राजस्व विभाग में उपसचिव बनाया गया है. बीते 9 महीने से मेरे पास कोई काम नहीं है. इस तरह मुझे दीवारों में कैद करके रख दिया गया है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-