जबलपुर. एमपी के बालाघाट जिले के बैहर तहसील स्थित खंड चिकित्सा अधिकारी में पदस्थ संगणक व उसका पुत्र बीएचएमस डॉक्टर एक बंद डिस्पेंसरी को खोलने के एवज में 30 हजार की रिश्वत ले रहे थे, जिस पर जबलपुर लोकायुक्त पुलिस की टीम ने दोनों पिता-पुत्र की जोड़ी को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया है.
बताया जाता है कि पुलिस महानिदेशक लोकायुक्त श्री जयदीप प्रसाद के भ्रष्टाचार के विरुद्ध सख्त कार्रवाई किए जाने के निर्देश पर जबलपुर लोकायुक्त इकाई की ट्रेप कार्यवाही पूरे एमपी में लगातार जारी है. इसी क्रम में जबलपुर लोकायुक्त एसपी संजय साहू को डॉ. दिनेश कुमार मरकाम पिता श्री धनवा सिंह मरकाम उम्र 42 वर्ष निवासी ग्राम गढ़ी तहसील बैहर जिला बालाघाट ने शिकायत की, जिसमें कहा गया कि वह बीईएमएस सीसीएच से रजिस्टर्ड होकर (जन स्वास्थ्य रक्षक) से प्रैक्टिस करता है, उसकी ग्राम गढ़ी में संजीवनी दवाखाना के नाम से क्लीनिक है.
गत 23 दिसंबर 2024 को बीएमओ कार्यालय बैहर की टीम द्वारा क्लीनिक पर छापा मारकर क्लीनिक में ताला लगा दिया गया. टीम में बीएमओ कार्यालय के बाबू प्रवीण जैन द्वारा चाबी अपने पास रख ली गई. क्लीनिक की चाबी वापस करने के एवज में 50000 रुपए रिश्वत की मांग की जा रही थी. इस शिकायत की लोकायुक्त टीम द्वारा सत्यापन कराया गया, फिर प्रवीण जैन सहायक ग्रेड 2 एवं उसके पुत्र प्रिंस जैन को गुरुवार 2 दिसंबर को सिविल अस्पताल बैहर के सामने आवासीय परिसर में 30000 रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया.
आरोपीगणों के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (संशोधन)2018 की धारा-7,12, 13(1)बी, 13(2) के अंतर्गत कार्यवाही की गई है. इस कार्यवाही में उप पुलिस अधीक्षक दिलीप झरवड़े, इंस्पेक्टर कमल सिंह उईके, सब इंस्पेक्टर शिशिर कुमार पांडे एवं लोकायुक्त जबलपुर का दल शामिल रहा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-