Chattisgarh: पानी प्रकृति का अनमोल उपहार जिसके संरक्षण की जिम्मेदारी हम सबकी है- सीएम विष्णुदेव साय

पानी प्रकृति का अनमोल उपहार जिसके संरक्षण की जिम्मेदारी हम सबकी है- सीएम विष्णुदेव साय

प्रेषित समय :18:09:19 PM / Fri, Jan 10th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

रायपुर. पानी प्रकृति का अनमोल उपहार है, जिसे ईश्वर ने हमें बेमोल दिया है, लेकिन हमें इसका मोल समझना होगा. आज पूरा विश्व जल संकट से जूझ रहा है. देश-दुनिया के कई शहरों में भू जल स्तर में तेजी से गिरावट आ रही है. यदि समय रहते हम सचेत नहीं हुए तो जल संकट विकराल रूप धारण कर सकता है. हम सभी को पानी की एक-एक बूंद को सहेजना होगा. जल संरक्षण की जिम्मेदारी हम सबकी है. जल प्रबंधन आज समय की मांग है. हमें आने वाली पीढिय़ों के बेहतर जीवन के लिए जल के प्रबंधन, संरक्षण के साथ ही जल स्रोतों के संवर्धन पर विशेष ध्यान देना होगा. मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इंडियन वाटर वर्क्स एसोसिएशन के 57वें वार्षिक अधिवेशन को संबोधित करते हुए यह बात कही.

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि वैश्विक जलवायु संकट के परिप्रेक्ष्य में जल संरक्षण और भी महत्वपूर्ण हो गया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जल संरक्षण के लिए जल जीवन मिशन, जल शक्ति अभियान, अमृत सरोवर, मिशन अमृत और एक पेड़ मां के नाम जैसे अभियान शुरू कर जल और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. मोदी जी ने प्रत्येक घर तक स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए हर घर नल से जल योजना शुरू की. हमारी सरकार ने छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए नल कनेक्शन प्रदान किया है, जिससे लोगों के घरों में साफ पानी पहुंचने से उनका स्वास्थ्य स्तर भी सुधरा है और ग्रामीणों के जीवन स्तर में भी सकारात्मक बदलाव आया है. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इंडियन वॉटर एसोसिएशन की स्मारिका का विमोचन किया.

उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि देश भर से आए इंजीनियर्स, जल संरक्षण के विषय विशेषज्ञ जल संरक्षण के विषय में गहन विचार विमर्श करेंगे और जल संरक्षण के लिए रणनीति तैयार करने में योगदान देंगे.

उल्लेखनीय है कि इंडियन वाटर एसोसिएशन की मेजबानी में दूसरी बार राजधानी रायपुर में 10 से 12 जनवरी तक आयोजित किए जा रहे इस अधिवेशन में जल-360 डिग्री की थीम रखी गई है. अधिवेशन में देश के 400 जल विशेषज्ञ और अनुभवी इंजीनियर शामिल हो रहे हैं. अधिवेशन में जल, अपशिष्ट जल उपचार और सतत प्रबंधन में नवीन टेक्नोलॉजी को शामिल करने पर विचार-विमर्श किया जाएगा.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-