MP: आवासीय परमिशन पर बना दिया चार मंजिला हास्पिटल, फैक्चर अस्पताल के खिलाफ याचिका दायर

MP: आवासीय परमिशन पर बना दिया चार मंजिला हास्पिटल

प्रेषित समय :14:47:12 PM / Tue, Jan 14th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

पलपल संवाददाता, जबलपुर/भोपाल. एमपी की राजधानी भोपाल स्थित अरेरा कालोनी में फैक्चर अस्पताल के खिलाफ मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि अस्पताल के मालिकों ने आवासीय अनुमति लेकर कामर्शियल अस्पताल बना दिया. यह याचिका शिवसेना के प्रदेश उपाध्यक्ष शैलेन्द्र बारी द्वारा दायर की गई है. मामले में अगली सुनवाई अब 16 जनवरी को चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैथ की डिवीजन बेंच करेगी.

आरटीआई एक्टिविस्ट प्रशांत वैश्य ने मामले में हस्तक्षेप आवेदन देकर अस्पताल को गिराने योग्य करार दिया है. उन्होंने कहा है कि अस्पताल का निर्माण अनियमित और नियमों के विरुद्ध हुआ है. अस्पताल के मालिक डॉ शशांक अग्रवाल, डॉ कमलेश कुमार वर्मा व डॉ संदीप शर्मा पर नियमों के उल्लंघन और अनियमित निर्माण के गंभीर आरोप लगे हैं. मामले में शीघ्र सुनवाई हेतु याचिकाकर्ता द्वारा मेंशन मेमो दायर किया गया. जिसके आधार पर अगली सुनवाई की तिथि 16 जनवरी तय की गई है. याचिकाकर्ता शिवसेना के प्रदेश उपाध्यक्ष शैलेंद्र बारी द्वारा दायर इस जनहित याचिका में हस्तक्षेप आवेदन आरटीआई एक्टिविस्ट प्रशांत वैश्य द्वारा प्रस्तुत किया गया है.

आवेदन में कहा गया है कि भोपाल फ्रैक्चर अस्पताल को नियमों के उल्लंघन के चलते गिराने योग्य घोषित किया जाना चाहिए. अरेरा कॉलोनी में स्थित अस्पताल के भूखंड पर आवासीय निर्माण की अनुमति दी गई थी. इसके बाद भी अस्पताल के मालिक डॉ शशांक अग्रवाल, डॉ  कमलेश कुमार वर्मा व डॉ संदीप शर्मा ने संस्थागत मद परिवर्तन की अनुमति लिए बिना ही चार मंजिला अस्पताल का निर्माण कर लिया. याचिका में कहा गया है कि अस्पताल के भवन का निर्माण स्वीकृत नक्शे के अनुरूप नहीं है. अस्पताल को नगर निगम से पूर्णता प्रमाणपत्र भी प्राप्त नहीं हुआ है. इसके बाद भी भवन में अस्पताल संचालन के लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने पंजीयन जारी कर दिया, जिसे निरस्त किया जाना चाहिए. अस्पताल की अव्यवस्थित स्थिति के चलते मरीज  उनके परिजनों व स्टाफ को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है. याचिका में अस्पताल को असुरक्षित और जोखिम भरा करार दिया गया है. अब इस मामले पर 16 जनवरी को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच द्वारा सुनवाई की जाएगी.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-