भारत की सख्ती से घुटनों पर आया बांग्लादेश, अब बातचीत की वकालत कर रहा

भारत की सख्ती से घुटनों पर आया बांग्लादेश

प्रेषित समय :17:33:54 PM / Tue, Jan 21st, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

नई दिल्ली. ढाका बांग्लादेश पर भारत की सख्ती का असर अब दिखने लगा है. इससे पहले से ही कंगाली की दहलीज पर खड़े बांग्लादेश की आर्थिक स्थिति और ज्यादा खराब होती जा रही है. ऐसे में तीन तरफ से भारत से घिरा बांग्लादेश अब बातचीत का राग अलापने लगा है.

इससे पहले बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस सरकार लगातार भारत के खिलाफ अभियान चलाए हुए थी. इसमें यूनुस के करीबी नेता न सिर्फ भारत के खिलाफ जहर उगल रहे थे, बल्कि उनकी सरकार पाकिस्तान के साथ जीने-मरने की कसमें खाने लगी थी. खुद यूनुस ने पाकिस्तान जाने का न्योता कबूल किया था.

भारत से बातचीत चाहता है बांग्लादेश

रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने कहा कि "देश का दृढ़ विश्वास है कि सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए मौजूदा द्विपक्षीय समझौतों के ढांचे के तहत रचनात्मक बातचीत के माध्यम से किसी भी मुद्दे को सुलझाया जाना चाहिए." ढाका का यह संदेश भारतीय क्षेत्र में सीमा पर भारत की बाड़ लगाने की परियोजना पर आपत्ति जताने के बाद आया है. 12 जनवरी को बांग्लादेश ने इस मुद्दे पर भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को तलब कर सीमा पर बाड़ लगाने की परियोजना पर विरोध जताया था. तब बांग्लादेश ने इसे दोनों देशों के बीच सहयोग की भावना को कमजोर करने वाला बताया था.

बांग्लादेशी उप उच्चायुक्त को किया था तलब

इस घटना के एक दिन बाद, भारत ने भी करारा जवाब देते हुए बांग्लादेश के उप उच्चायुक्त मोहम्मद नूरल इस्लाम को तलब किया और उन्हें बताया कि उसने अपनी परियोजना में दोनों सरकारों के बीच सभी प्रोटोकॉल और समझौतों का पालन किया है. भारत ने कहा है कि वह सीमा पार आपराधिक गतिविधियों से प्रभावी ढंग से निपटकर बांग्लादेश के साथ अपराध मुक्त सीमा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है.

सीमा पर बाड़ लगाने का यह है कारम

भारत द्वारा बाड़ लगाने का उद्देश्य पड़ोसी देश से अवैध प्रवास को रोकना है. दोनों देशों के बीच 4,096 किलोमीटर की सीमा में से लगभग 800 किलोमीटर पर बाड़ नहीं है. पिछले साल अगस्त में नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का प्रमुख बनने के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में खटास आ गई थी. बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के भारत में शरण लेने को लेकर दोनों देशों के बीच तनातनी चल रही है, जबकि ढाका उन्हें वापस भेजने की जिद पर अड़ा है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-