नई दिल्ली। पेटीएम की पेरेंट कंपनी, वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड, ने वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर से दिसंबर) में 208 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया है। यह आंकड़ा पिछले साल इसी अवधि में 222 करोड़ रुपये था, जो मामूली सुधार को दर्शाता है।
कंपनी की कुल आय इस तिमाही में सालाना आधार पर 36% घटकर 1,828 करोड़ रुपये रह गई, जबकि पिछले साल यह 2,851 करोड़ रुपये थी। हालांकि, तिमाही-दर-तिमाही आधार पर कंपनी की आय में 10% की वृद्धि हुई है। इसका श्रेय ग्रॉस मर्चेंडाइज वैल्यू (जीएमवी), सब्सक्रिप्शन आय और वित्तीय सेवाओं से बढ़ती आय को दिया गया है। पेटीएम ने अपनी अप्रत्यक्ष लागत में तिमाही और सालाना आधार पर क्रमशः 7% और 23% की कटौती कर इसे 1,000 करोड़ रुपये तक लाया है। इसके साथ ही, कंपनी ने कर्मचारी खर्चों में वित्त वर्ष 2025 के पहले नौ महीनों में 451 करोड़ रुपये की कमी की है, जो कि 400-500 करोड़ रुपये की बचत के लक्ष्य से अधिक है।
कंपनी की भुगतान सेवाओं से आय 1,059 करोड़ रुपये तक बढ़ गई, जबकि वित्तीय सेवाओं से होने वाली आय 34% बढ़कर 502 करोड़ रुपये हो गई। प्लेटफॉर्म के माध्यम से प्रोसेस की गई जीएमवी तिमाही-दर-तिमाही 13% बढ़कर 5 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई। इसी दौरान, पेटीएम के पेमेंट डिवाइस के मर्चेंट सब्सक्राइबर बेस में 5 लाख नए ग्राहक जुड़े, जिससे यह संख्या 1.17 करोड़ तक पहुंच गई।
नेट पेमेंट मार्जिन में भी सुधार हुआ, जो कि 489 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। इसके अलावा, कंपनी ने तीसरी तिमाही में 3,831 करोड़ रुपये के लोन वितरित किए, जबकि दूसरी तिमाही में यह आंकड़ा 3,303 करोड़ रुपये था। पेटीएम की इस तिमाही रिपोर्ट से पता चलता है कि कंपनी ने लागत में कटौती और आय के नए स्रोतों पर फोकस करते हुए स्थिरता की ओर कदम बढ़ाया है, हालांकि घाटे को पूरी तरह खत्म करना अभी चुनौतीपूर्ण है।


