MP: सहारा समूह ने जबलपुर, भोपाल, कटनी में करोड़ों रुपए की जमीने बेचने के बाद भी निवेशकों को नहीं लौटाया रुपया, EOW ने शुरु की जांच

MP: सहारा समूह ने जबलपुर, भोपाल, कटनी में करोड़ों रुपए की जमीने बेचने के बाद भी निवेशकों को नहीं लौटाया रुपया, EOW ने शुरु की जांच

प्रेषित समय :18:39:59 PM / Wed, Jan 22nd, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

पलपल संवाददाता, जबलपुर. एमपी के जबलपुर, भोपाल व कटनी जिले में करीब 310 करोड़ रुपए की जमीनों को सहारा समूह ने 90 करोड़ रुपए में बेच दिया. जमीन बेचने से मिला रुपया निवेशकों को न देकर स्वयं उपयोग कर दिया. इस मामले की शिकायत मिलने पर राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज कर लिया है.

सहारा इंडिया रियल स्टेट कार्पोरेन लिमिटेड व  सहारा हाउसिंग कार्पोरेशन इन्वेस्टमेंट समूह द्वारा विभिन्न शहरों में निवेशकों से धन जुटाकर सहारा सिटी बनाने के उद्देष्य से भूमि खरीदी गई थी. वर्ष 2014 में माननीय सर्वोच्च न्यायालय एवं सेबी द्वारा सहारा समूह को निवेशकों की राशि लौटाने हेतु कम्पनी की सम्पत्ति विक्रय करने की अनुमति दी गई थी.

माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेेशानुसार गाईड लाईन की सीमा अधिकतम 90 प्रतिशत या उससे अधिक तक तय की गई थी. माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा विक्रय करने की अनुमति इस शर्त के साथ प्रदान की गई थी कि विक्रय से प्राप्त होने वाली राशि क्रेता द्वारा सीधे सेबी-सहारा रिफंड खाता नंबर 012210110003740 बैंक ऑफ इंडिया, ब्रांद्रा मुंबई महाराष्ट्र में जमा की जायेगी.

उपरोक्त आदेश के तारतम्य में सहारा समूह की भोपाल में मक्सी में स्थित लगभग 110 एकड़ जमीन 48 करोड़ रुपए में मेसर्स सिनाप रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड को, जबलपुर में लगभग 100 एकड़ जमीन  20 करोड़ रुपए में मेसर्स नायसा देवबिल्ड प्राइवेट लिमिटेड एवं कटनी में लगभग 100 एकड़ जमीन 20 करोड़ रुपए में मेसर्स नायसा देवबिल्ड प्राइवेट लिमिटेड विक्रय की गई. इस प्रकार सहारा समूह द्वारा लगभग 310 एकड़ जमीन को लगभग 90 करोड़ रूपये में विक्रय कर दिया गया, जबकि केवल भोपाल के मक्सी में स्थित लगभग 110 एकड़ भूमि की कीमत स्वयं सहारा कम्पनी द्वारा वर्ष 2014 में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष मूल्यांकन उपरांत 125 करोड़ रूपये बताई गई थी.

भोपाल स्थित भूमि के विक्रय से प्राप्त राशि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश सेबी के खाते में जमा कराने के बावजूद भी सहारा समूह द्वारा आदेश का उल्लंघन करते हुये सहारा इंडिया रियल स्टेट लिमिटेड, सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कार्पोरेशन एवं निजी शैल कम्पनियों के खातों में जमा कराई गई.

माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार विक्रय की राशि सेबी निवेशकों के हित के लिए के खाते में जमा न करने से एवं आंतरिक रूप से उपयोग करने के कारण साथ ही आशुतोष दिक्षित की शिकायत पर दस्तावेजी साक्ष्य एकत्रित करने हेतु सहारा हाउसिंग कार्पोरेशन इन्वेस्टमेंट समूह के अधिकारी/कर्मचारीगण, सहारा  ग्रुप द्वारा विक्रय हेतु अधिकृत की गई विभिन्न विक्रेता कंपनियां एवं संबंधित राजस्व अधिकारीगण एवं अन्य के विरूद्ध आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ द्वारा प्रारंभिक जांच पंजीबद्ध की गई है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-