व्यवसाय में लाभ नहीं हो रहा हो तो शुक्रवार के दिन शाम की संध्या के समय तुलसी के पौधे के पास देशी गाय के घी या तिल के तेल का दीपक जलायें. परब्रह्म-प्रकाशस्वरूपा दीपज्योति को नमस्कार करें और निम्न मंत्रों का उच्चारण करें :-
*दीपज्योतिः परब्रह्म दीपज्योतिर्जनार्दनः .*
*दीपो हरतु मे पापं दीपज्योतिर्नमोऽस्तु ते ॥*
*शुभं करोतु कल्याणमारोग्यं सुखसम्पदाम् . *शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपज्योतिर्नमोऽस्तु ते ॥*
*इससे धन-लाभ होता है, साथ ही पापों का नाश होता है. शत्रु का विनाश होकर शत्रुओं की वृद्धि रुकती है तथा आयु-आरोग्य की प्राप्ति होती है .*
*शास्त्रों में वृक्षारोपण की महत्ता*
* पद्म पुराण में पुलस्त्यजी भीष्मजी से कहते हैं कि "वृक्ष पुत्रहीन पुरुष को पुत्रवान होने का फल देते हैं . इतना ही नहीं, वे अधिदेवतारूप से तीर्थों में जाकर वृक्ष लगानेवालों को पिंड भी देते हैं.*
अतः भीष्म ! तुम यत्नपूर्वक पीपल के वृक्ष लगाओ . वह अकेला ही तुम्हें एक हजार पुत्रों का फल देगा.*
* पीपल का पेड़ लगाने से मनुष्य निरोग व धनी होता है .*
* पलाश से ब्रहातेज, खैर से आरोग्य व नीम से आयु की प्राप्ति होती है .*
* नीम लगानेवालों पर भगवान सूर्य प्रसन्न होते हैं .*
* चंदन और कटहल के वृक्ष क्रमशः पुण्य और लक्ष्मी देनेवाले हैं .*
* चम्पा सौभाग्य-प्रदायक है . इसी प्रकार अन्यान्य वृक्ष भी यथायोग्य फल प्रदान करते हैं .*
* जो लोग वृक्ष लगाते हैं उन्हें (परलोक में) प्रतिष्ठा प्राप्त होती है और जो वृक्ष व गोचर भूमि का उच्छेद करते हैं उनकी २१ पीढ़ियाँ रौरव नरक में पकायी जाती हैं ."*
* 'भविष्य पुराण में आता है कि 'जो व्यक्ति छाया, फूल और फल देनेवाले वृक्षों का रोपण करता है या मार्ग में तथा देवालय में वृक्षों को लगाता हैं वह अपने पितरों को बड़े-बड़े पापों से तारता है और रोपणकर्ता इस मनुष्यलोक में महती कीर्ति तथा शुभ परिणाम को प्राप्त करता है तथा पूर्वकालीन और भावी पितरों को स्वर्ग में जाकर भी तारता ही रहता है .*
* विधिपूर्वक वृक्षों का रोपण करने से स्वर्ग-सुख प्राप्त होता है और रोपणकर्ता के तीन जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं .*
* वृक्ष के आरोपण में वैशाख मास श्रेष्ठ एवं ज्येष्ठ अशुभ है. आषाढ, श्रावण तथा भाद्रपद ये भी श्रेष्ठ हैं .'*
* अग्नि पुराण में आता है कि 'दक्षिण में गूलर और पश्चिम में पीपल का वृक्ष उत्तम माना जाता है . लगाये हुए वृक्षों को ग्रीष्मकाल में प्रातः-सायं, शीत ऋतु में मध्याह्न के समय तथा वर्षाकाल में भूमि के सूख जाने पर सींचना चाहिए .'*
*अतः ग्लोबल वॉर्मिंग की समस्या का हल करना हो, पर्यावरण की सुरक्षा करनी हो, अपना इहलोक व परलोक सँवारना हो, आर्थिक लाभ पाना हो... किसी भी दृष्टि से देखा जाय तो वृक्षों का रोपण, संरक्षण-संवर्धन जरूरी है और हर व्यक्ति का कर्तव्य है .*
*अपने जन्मदिवस या अन्य किसी शुभ अवसर पर कम-से-कम 1 वृक्ष लगाने का अवश्य संकल्प करें और दूसरों को वृक्ष लगाने के लिए प्रेरित भी करें .*