MP: जबलपुर में बिल्डर शंकर मंच्छानी पर चलेगा हाईकोर्ट की अवमानना का मामला

MP: जबलपुर में बिल्डर शंकर मंच्छानी पर चलेगा हाईकोर्ट की अवमानना का मामला

प्रेषित समय :16:24:37 PM / Wed, Feb 5th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

पलपल संवाददाता, जबलपुर. एमपी के जबलपुर में हाईकोर्ट की युगल पीठ के जस्टिस विवेक अग्रवाल व जस्टिस अनुराधा शुक्ला द्वारा अधिवक्ता मुकेश जैन द्वारा दायर विविध सिविल याचिका पर सुनवाई के दौरान रजिस्ट्री को निर्देश दिया कि इस एमसीसी को अवमानना मामले के रूप में पंजीकृत किया जाए. अवमानना मामले का पंजीकरण होने के बाद अवमानना याचिका को अगले सप्ताह उपयुक्त पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाए. यह भी निर्देश दिया गया कि अवमानना मामले के पंजीकरण किए जाने के साथ ही इस एमण्सीण्सीण् का निपटारा भी हो जाएगा.

दरअसल 24 जून 2024 को हाईकोर्ट ने 80 फुट चौड़े सार्वजनिक रोड पर बिल्डर शंकर मंच्छानी द्वारा मुस्कान पार्क प्रोजक्ट में दुकानों का अवैध निर्माण करने की शिकायत का निराकरण करने के आयुक्त नगर निगम को निर्देश दिए थे. यह निराकरण 4 माह की अवधि में किया जाना था. उक्त शिकायत में आरोप लगाया गया था कि हाईकोर्ट चौराहे से दूसरे पुल के बीच निर्माणाधीन मुस्कान पार्क के सामने 80 फुट रोड के हिस्से में अवैध रूप से दुकान, फ्रंट एमओएस, पार्किंग व गार्डन पेरापेट का निर्माण कर सार्वजनिक रोड को संकरा करने व जन सामान्य के आवागमन में बाधा डाली जा रही है.

याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अमिताभ गुप्ता ने न्यायालय को बताया कि हाईकोर्ट से सेकेण्ड ब्रिज वाले मार्ग पर स्वामी दयानंद सरस्वती वार्ड, नेपियर टाउन जबलपुर स्थित नजूल भूमि पर मुस्कान पार्क का निमाण शंकरलाल मंच्छानी द्वारा किया जा रहा है. नगर तथा ग्राम निवेश विभाग व आयुक्त नगर पालिका निगम जबलपुर द्वारा उक्त भूमि पर दी गई विकास अनुज्ञा व भवन अनुज्ञा के नक्शे में भवन के सामने स्थित रोड को 80 फुट चौढ़ा दिखाया गया है. उक्त व्यस्ततम सड़क के मध्य से 40 फुट रोड के क्षेत्र में से मुस्कान पार्क की दिशा की ओर स्थित करीब 25 वे फुट से बिल्डर शंकर मंच्छानी के द्वारा अवैध रूप से फर्श (फ्लोर) का निर्माण शुुरू किया जो कि 50 वे फुट रोड क्षेत्र तक हुआ है.

इस प्रकार बिल्डर द्वारा रोड के उक्त हिस्से पर कब्जा कर उसे बिना अनुमति के अपने भवन के फ्रन्ट एमओएस हिस्से के रूप में प्रदर्शित किया गया है और फ्रन्ट एमओएस के लिए विहित 40 फुट लंबाई वाली वास्तविक जगह में से आधी से अधिक लंबाई पर (जो कि करीब 20 फुट के आसपास बैठता है) उसे खाली छोडऩे के स्थान पर उस पर दुकानों का अवैध निर्माण कर उसे उन्हें नगर निगम की अनुमति के बिना चालू भी कर दिया गया है.

उक्त अवैध निर्माण के कारण सार्वजनिक रोड के मध्य से भवन की दूरी 80 फुट से करीब 30 फुट घटकर 50 फुट ही रह गई है. इसके फलस्वरूप मार्ग आंशिक रूप से सकरा होने से पहले की तुलना में आवागमन अपेक्षाकृत कठिन हो गया गया है. रोड के सकरा होने से और मुस्कान पार्क में कामर्शियल दुकानों के अवैध निर्माण के कारण आगे चलकर जब वाहनों की संख्या में वृद्धि होगी तो आवागमन में बाधा और ज्यादा बढ़ेगी. साथ ही पार्किंग की समस्या भी पैदा होगी. इसलिए इन अवैध निर्मित दुकानों और व्यावसायिक आफिसों को ध्वस्त कर वहां फ्रंट ओपन स्पेश का निर्माण किया जाना आवश्यक है.

गौरतलब है कि याचिकाकर्ता मुकेश जैन के द्वारा इस संबंध में नगर निगम को प्रस्तुत शिकायत प्रस्तुत पर कोई कार्यवाही न होने के चलते उक्त याचिका दायर की गई थी. जिसमें पारित आदेश का पालन न होने के कारण विविध सिविल याचिका दायर की थी किन्तु आदेश की अवमानना किए जाने के दृष्टिगत न्यायालय के द्वारा प्रकरण की विविध सिविल प्रकृति को बदलकर अवमानना की श्रेणी में रखते हुए उक्त आदेश जारी किया. प्रकरण में शासकीय अधिवक्ता ऋत्विक पाराशर के द्वारा शासन की ओर से पक्ष रखा.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-