अमेरिका से भारतीयों को हाथ-पैर चैन से बांधकर प्लेन से भेजा गया, 40 घंटे तक इसी हाल में रहे..!

अमेरिका से भारतीयों को हाथ-पैर चैन से बांधकर प्लेन से भेजा गया

प्रेषित समय :14:14:03 PM / Thu, Feb 6th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

वाशिंगटन/नई दिल्ली. अमेरिका से डिपोर्ट किए गए 104 भारतीयों को मिलट्री का प्लेन पंजाब के अमृतसर एयरपोर्ट पर उतरा. इन सभी भारतीयों को चैन से हाथ-पैर बांधकर प्लेन में चढ़ाया गया, इसके बाद 40 घंटे तक सभी भारतीय बंधे ही रहे, यहां तक कि उन्हे बाथरुम में भी निगरानी के साथ भेजा गया, उस वक्त भी हाथ पैर नहीं खोले गए.

टेक्सास के सेंट एंटोनियो एयरपोर्ट पर अमेरिकी सैन्य अधिकारियों ने इन्हें ऐसी हालत में ही मिलिट्री प्लेन में चढ़ाया था. वहां से भारत आने के बीच 40 घंटे का सफर इन लोगों ने बेडिय़ों में जकड़े हुए ही तय किया. उन्हें प्लेन में एक जगह बैठे रहने को कहा गया था. उन्हें वॉशरूम तक नहीं जाने दिया गया. जब लोगों ने बहुत जोर दिया तो प्लेन का क्रू अपने साथ वॉशरूम तक लेकर गया और दरवाजा खोलकर अंदर धकेल दिया. लोगों ने बताया कि उन्हें बहुत थोड़ा सा खाना दिया गया जिसे हाथ बांधकर ही खाना पड़ा. डिपोर्ट किए गए लोगों में महिलाएं और बच्चे भी थे. अमेरिका से भारत के बीच प्लेन ने चार जगह रीफ्यूलिंग के लिए स्टॉप लिया लेकिन अंदर बैठे लोगों को प्लेन से निकलने की इजाजत नहीं थी.

प्लेन में पंजाब के 30, हरियाणा-गुजरात के 33-33 लोग शामिल थे. इसमें 11 क्रू मेंबर व 45 अमेरिकी अधिकारी भी साथ आए हैं. अमृतसर एयरपोर्ट के सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार इन लोगों का वैरिफिकेशन किया गया. यहां से इमिग्रेशन व कस्टम से क्लियरेंस के बाद पंजाब पुलिस को सौंप दिया गया. पंजाब में डिपोर्ट किए लोगों को पुलिस की गाडिय़ों से उनके घर भेजा गया. इन 104 अवैध प्रवासी में से 48 की उम्र 25 साल से कम है. 13 नाबालिग हैं. जिनमें 4 साल का बच्चा भी है. अमृतसर पहुंचने वाले कुछ लोगों को पुलिस की गाडिय़ों में उनके गांव ले जाया गया. बाकी राज्य के लोगों को फ्लाइट के जरिए भेजा गया. ये सभी अमेरिका समेत 20 देशों में कभी नहीं जा पाएंगे.

पहली बार अमेरिका ने सैन्य विमान भेजा-

यूएस मिलिट्री का यह विमान भारतीय समय के अनुसार सुबह 3 बजे अमेरिका के सैन एंटोनियो रवाना हुआ था. यह पहली बार है जब अमेरिका ने अप्रवासियों को भेजने के लिए सैन्य विमान का इस्तेमाल किया. करीब साढ़े 3 घंटे बाद  एयरफोर्स विमान वापस लौट गया.

अमेरिका ने 205 अवैध भारतीयों को चिन्हित किया है-

इससे पहले अलग-अलग रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया कि अमेरिका ने कुल 205 अवैध भारतीयों को डिपोर्ट करने के लिए चिह्नित किया है. इन्हें भारत भेजा जाएगा. 186 भारतीयों को डिपोर्ट करने वाली लिस्ट भी सामने आई थी. अभी यह स्पष्ट नहीं है कि बाकी बचे लोग कहां हैं और कब डिपोर्ट किए जाएंगे. ट्रम्प ने अमेरिकी राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद अवैध तरीके से रह रहे बाहरी लोगों को डिपोर्ट करने के आदेश दिए थे. ग्लोबमास्टर को भारत भेजने पर लगभग 6 करोड़ रुपए का खर्च आया है.

ट्रम्प ने राष्ट्रपति पद की शपथ लेते ही किया था ऐलान-

ट्रम्प ने 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेते ही एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर साइन करके अवैध अप्रवासियों की एंट्री बैन करने और उन्हें पकड़ कर बॉर्डर पर छोडऩे की पॉलिसी का ऐलान किया था. ट्रम्प ने चुनाव कैंपने में भी अवैध अप्र्रवासियों को देश से निकालने का वादा किया था. उन्होंने अमेरिका के इतिहास का सबसे बड़ा डिपोर्टेशन करने को कहा था. ट्रम्प का मानना है कि दूसरे देशों से लोग अमेरिका में अवैध तरीके से घुसकर अपराध करते हैं. यहां नौकरियों के बड़े हिस्से पर अप्रवासियों का कब्जा हैए इससे अमेरिकी लोगों को नौकरी नहीं मिलती.

प्रधानमंत्री मोदी 12 फरवरी को अमेरिका जाएंगे-

अमेरिकी इमिग्रेशन एंड कस्टम इन्फोर्समेंट के अनुसार 19 हजार अवैध प्रवासी भारतीय डिपोर्ट होंगे. ट्रम्प ने ये कार्रवाई ऐसे समय की है. जब भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 फरवरी को दो दिन की यात्रा पर अमेरिका जाने वाले हैं. 13 फरवरी को पीएम की ट्रम्प के साथ वार्ता प्रस्तावित है.
अब अमेरिका समेत 20 देशों में कभी नहीं जा पाएंगे

इन सभी के बायोमीट्रिक स्कैन लिए गए हैं. भविष्य में अगर ये वैध दस्तावेज पर भी अमेरिका जाने का प्रयास करेंगे तो वीजा नहीं मिलेगा. कनाडा, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन सहित 20 अन्य देशों में भी नहीं जा पाएंगे. क्योंकि अमेरिका की वीजा नीति करीब 20 देश फॉलो करते हैं.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-