महाशिवरात्रि के अवसर पर शिवलिंग पर विशेष वस्तुएं अर्पित करके और निर्धारित नियमों का पालन करके आप भगवान शिव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं, साथ ही शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से भी छुटकारा पा सकते हैं.
महाशिवरात्रि का पवित्र त्योहार आने वाला है. इस दिन भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है. धार्मिक मान्यता के अनुसार महाशिवरात्रि पर इस दिन शिवलिंग पर कुछ खास चीजें अर्पित करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है साथ ही शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से भी मुक्ति मिलती है. धार्मिक मान्यता के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर कुछ चीजें अर्पित करने से भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं लेकिन कुछ ऐसी चीजें हैं जिन्हें अर्पित करने से शिव-शंभू रुष्ट हो सकते हैं. आइए जानते हैं इसी क्रम में कि शिवरात्रि पर भगवान भोलेनाथ इन बातों को ध्यान में रखें ताकि उस दिन आपको किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े.
क्या अर्पित करें:
दूध को चंद्रमा का प्रतीक माना जाता है जिसे शिवलिंग पर अर्पित करने से मानसिक शांति मिलती है.
दही शुक्र का प्रतीक हैं इसे शिवलिंग पर अर्पित करने से जीवन में समृद्धि आती है.
शहद को सूर्यदेव का प्रतीक माना जाता है और इसे शिवलिंग पर अर्पित करने से तेज और यश की प्राप्ति होती है.
घी को अग्नि का प्रतीक माना जाता है जिसे शिवलिंग पर अर्पित करने से रोगों से मुक्ति मिलती है.
गंगाजल को मोक्ष का प्रतीक माना जाता है और भगवान शिव का इससे जलाभिषेक करने से सभी पाप नष्ट होते हैं.
बेल पत्र भगवान शिव का प्रिय माना जाता है और इसे शिवलिंग पर अर्पित करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं.
धतूरा भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है और इसे शिवलिंग पर अर्पित करने से शत्रुओं का नाश होता है.
फूल प्रेम और श्रद्धा का प्रतीक माना जाता है और इसे शिवलिंग पर अर्पित करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं.
चावल अन्न का प्रतीक माना जाता है और इसे शिवलिंग पर अर्पित करने से धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है.
क्या न करें अर्पित
तुलसी को भगवान विष्णु का प्रिय माना जाता है, इसलिए इसे शिवलिंग पर नहीं चढ़ाना चाहिए.
केतकी का फूल भगवान ब्रह्मा द्वारा भगवान शिव को दिए गए श्राप का प्रतीक है, इसलिए इसे शिवलिंग पर अर्पित नहीं करना चाहिए.
लाल फूल को उग्रता का प्रतीक माना जाता है, इसलिए इसे शिवलिंग पर नहीं चढ़ाना चाहिए.
हल्दी को शुभ माना जाता है, लेकिन इसे भी शिवलिंग पर अर्पित नहीं करना चाहिए.
इन बातों का भी रखें ध्यान
जल अर्पित करते समय "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप अवश्य करें.
शिवलिंग की परिक्रमा करते समय जलधारी को न लांघें.
शिवलिंग पर जल अर्पित करते समय हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करें.
शिवलिंग पर अर्पित की गई वस्तुओं को बाद में किसी पवित्र स्थान पर विसर्जित कर दें.