एमपी : हाईकोर्ट ने डीजे की आवाज को लेकर मध्यप्रदेश सरकार से जबाव मांगा, पूछा कितनी आवाज होना चाहिए

एमपी : हाईकोर्ट ने डीजे की आवाज को लेकर मध्यप्रदेश सरकार से जबाव मांगा, पूछा कितनी आवाज होना चाहिए

प्रेषित समय :20:24:02 PM / Tue, Mar 4th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर


पलपल संवाददाता, जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने तेज आवाज में बजे वाले डीजे को लेकर एमपी सरकार से जबाव तलब किया है। हाईकोर्ट ने पूछा कि इन पर प्रतिबंध लगाने के लिए अब तक क्या कार्यवाही की गई है। क्या कोई डायरेक्शन निर्धारित किए गए है कि डीजे की कितनी आवाज होना चाहिए। अधिवक्ता अमिताभ गुप्ता ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। जिस पर  आज चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत व जस्टिस विवेक जैन की डिवीजन बेंच ने सुनवाई की है। राज्य सरकार को जवाब देने के लिए 2 सप्ताह का समय दिया गया है। अगली सुनवाई 21 मार्च को होगी। अधिवक्ता अमिताभ गुप्ता ने याचिका में बताया कि इन दिनों हर कार्यक्रम में तेज आवाज में डीजे बजाने का चलन है। कानफोड़ू डीजे पर्यावरण को तो नुकसान पहुंचा ही रहे हैं। इसके साथ ही सामाजिक समरसता के लिए भी घातक है। डीजे के प्रयोग से ध्वनि प्रदूषण हो रहा है, जिसके चलते लोग बीमार हो रहे हैं। इतना ही नहीं समाज में डीजे के कारण ही तनाव फैल रहा है और इसकी आवाज से दंगे.फसाद हो रहे हैं। कोर्ट को यह भी बताया गया कि तेज आवाज में बजने वाले कानफोड़ू साउंड अब लोगों की जान भी लेने लगे हैं। जिसका हाल ही के समय में कुछ उदाहरण भी सबके सामने है। याचिकाकर्ता का कहना है कि तेज आवाज से होने वाली बीमारी का इलाज भी नहीं है। लंबे समय तक तेज आवाज में संगीत सुनने पर इसका असर सीधे कानों की आंतरिक कोशिकाओं पर पड़ता है जिसके चलते सुनने की शक्ति कमजोर हो जाती है। तेज आवाज में संगीत सुनने पर ब्लडप्रेशर बढ़ता है। समय के साथ.साथ हार्ट में इससे असर पड़ता है। अत्यधिक शोर शरीर में तनाव को बढ़ता है, जिससे कि कोर्टिसोल व एड्रेनालाइन जारी कर सकता है। जिससे कि चिंता और चिड़चिड़ापन बढ़ाता है। तेज संगीत के संपर्क में आने से नींद पर भी खलल पड़ता है, ऐसे में अगर समय पर सोया ना जाए तो बीमारी भी शरीर में घर करती है। तेज संगीत से मांसपेशियां भी तनावग्रस्त होती है। जिससे शरीर में थकान बढ़ती है। याचिकाकर्ता अमिताभ गुप्ता ने सुनवाई के दौरान कोर्ट रूम में भी बाकायदा मोबाइल एप से साउंड पॉल्यूशन रिकार्ड कर प्रैक्टिकल करते हुए कोर्ट को बताते हुए कहा कि यहां पर शांतिपूर्ण ढंग से सुनवाई हो रही है, बहस चल रही है। वहां पर भी ध्वनि का पैरामीटर 60 डेसिबल दिखा रहा है। ऐसे में समझा जा सकता है कि जब सड़क पर तेज आवाज में डीजे बजता है, तो यहीं डेसिबल कितना होगा।
 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-