पंजाब : किसानों का चंडीगढ़ में विरोध प्रदर्शन आज से, सभी एंट्री प्वाइंट सील; 1200 जवान तैनात

पंजाब : किसानों का चंडीगढ़ में विरोध प्रदर्शन आज से, सभी एंट्री प्वाइंट सील; 1200 जवान तैनात

प्रेषित समय :13:27:16 PM / Wed, Mar 5th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

चंडीगढ़. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के बीच बीते सोमवार को हुई बैठक बेनतीजा होने के बाद किसान आज से चंडीगढ़ में विरोध प्रदर्शन करेंगे. बताया जा रहा है कि संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के बैनर तले कई किसान यूनियन अपनी लंबित मांगों को लेकर बुधवार को पंजाब और हरियाणा की संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ की ओर बढ़ रहे हैं. 

किसानों के विरोध प्रदर्शन को लेकर चंडीगढ़ में सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए गए हैं. चंडीगढ़ पुलिस ने पंजाब के साथ लगते 18 एंट्री पॉइंट को सील कर दिया है, जहां 1200 जवानों को तैनात किया गया है. हालांकि, सुरक्षाकर्मियों द्वारा जहां भी किसानों को रोका जाएगा, वे वहीं अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू करेंगे.

भारतीय किसान यूनियन (एकता-उघराहां) के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उघराहां ने किसानों से अपील की कि वे सड़कों, राजमार्गों और रेलवे ट्रैक को अवरुद्ध न करें, क्योंकि इससे लोगों को असुविधा होगी. उन्होंने किसानों को सलाह दी कि वे सुरक्षा कर्मियों द्वारा आगे बढऩे से रोके जाने के स्थान पर ही सड़क किनारे धरना प्रदर्शन करें. उन्होंने सभी किसान यूनियनों से अपील की है कि वे चंडीगढ़ पहुंचकर और वहां पक्का मोर्चा में शामिल होकर बड़े पैमाने पर विरोध दर्ज कराएं.

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि किसानों को शहर के प्रवेश बिंदु पर ही रोक दिया जाएगा. संयुक्त किसान मोर्चा ने पंजाब सरकार पर विरोध प्रदर्शन के अधिकार को दबाने का आरोप लगाया है. संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) की मांगों में कृषि नीति को लागू करने के अलावा, भूमिहीन मजदूरों और किसानों को भूमि वितरण जारी करना तथा कर्ज माफी शामिल हैं. इससे पहले सोमवार को पंजाब सरकार और संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के बीच वार्ता विफल होने के कुछ घंटों बाद पुलिस ने किसान नेताओं के आवासों पर छापे मारे थे. उघराहां ने कहा, सीएम ने हमसे 5 मार्च के विरोध प्रदर्शन की हमारी योजना के बारे में पूछा, जिस पर हमने जवाब दिया कि चर्चा लंबित है और उसके बाद हम विरोध प्रदर्शन की अपनी योजना पर फैसला लेंगे.

उन्होंने कहा कि सीएम नाराज हो गए और बैठक से चले गए. हालांकि, बाद में मुख्यमंत्री मान ने कहा कि उनके दरवाजे किसानों के साथ बातचीत के लिए हमेशा खुले हैं, लेकिन आंदोलन के नाम पर जनता को असुविधा और परेशान करने से बचना चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार समाज के विभिन्न वर्गों से संबंधित मुद्दों को बातचीत के माध्यम से हल करने के लिए हमेशा तैयार है, ताकि रेलवे या सड़क अवरोधों के माध्यम से आम आदमी को परेशानी से बचाया जा सके.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-