सड़कों पर वाहन के प्रयोग में थोड़ी सी असावधानी और नियमों की अवहेलना बन रही मृत्यु का कारण

सड़कों पर वाहन के प्रयोग में थोड़ी सी असावधानी और नियमों की अवहेलना बन रही मृत्यु का कारण

प्रेषित समय :18:28:22 PM / Wed, Mar 5th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

- डॉ. अशोक कुमार वर्मा

भारत सरकार द्वारा प्रति वर्ष सड़क सुरक्षा को लेकर बहुत अधिक प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन सड़कों पर यम के दूत सड़क सुरक्षा के नियमों की पालना न करने वाले और असावधानी से वाहन चलाने वाले लोगों को यमलोक लेकर जा रहे हैं. भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के साथ साथ राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो द्वारा समय समय पर सड़क दुर्घटनाओं बारे प्रदर्शित आंकड़े चिंता का विषय हैं. वर्ष 2013 से लेकर वर्ष 2022 तक के प्रकाशित आंकड़ों पर दृष्टिपात करने से ज्ञात होता है कि भारत में वर्ष 2013 में 486476 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं जिसमें 137572 लोगों की मृत्यु हुई है. इतना ही नहीं इन दुर्घटनाओं में 494893 लोग घायल हुए हैं. 2014 में 489400 सड़क दुर्घटनाओं में 139671 मृत्यु को प्राप्त हुए जबकि 493474 लोग घायल हुए हैं. इसी प्रकार 2015 की बात करें तो यहां पर 505770 सड़क दुर्घटनाओं में 146555 लोग काल का ग्रास बने और 503608 लोग घायल होकर रह गए.

2016 के आंकड़े बताते हैं कि भले ही इस वर्ष दुर्घटनाएं कुछ कम हुई हैं जो 484756 दर्शाई गई लेकिन 151192 लोगों की मृत्यु हुई हैं जो पिछले वर्ष से अधिक हैं. इतना ही नहीं इस वर्ष 497806 लोग घायल हुए हैं. 2017 में दुर्घटनाएं 469242 हुई जिसमें 150003 लोग काल के गाल में समा गए. 467389 लोग इस वर्ष घायल हुए हैं. 2018 में पुन: सड़क दुर्घटनाएं बढ़कर 470403 पर पहुंची और 157593 लोग मृत्यु को प्राप्त हुए हैं. इस वर्ष भी 464715 लोग घायल हुए हैं. पिछले वर्ष की अपेक्षा 2019 में सड़क दुर्घटनाएं घटकर 456959 हुई लेकिन मरने वाले लोगों की संख्या पिछले वर्ष से बढ़कर 158984 पर पहुँच गई और घायलों की संख्या 449360 रही. वर्ष 2020 सड़क दुर्घटनाओं के दृष्टिकोण से पिछले वर्षों की अपेक्षा कम हुआ है.

इस वर्ष में 372181 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं जिनमे 138383 लोग असमय मृत्यु को प्राप्त हुए और 346747 लोग घायल हुए. वर्ष 2021 और 2022 के प्राप्त आंकड़े पुन: बहुत अधिक बढ़े हैं जो इस प्रकार हैं. 2021 में 412432 सड़क दुर्घटनाओं में 153972 लोग अपना जीवन खो चुके तथा 384448 लोग घायल होकर रह गए. वर्ष 2022 में 461312 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं और पिछले 10 वर्षों में इस वर्ष सबसे अधिक लोग मरे हैं जिनकी संख्या 168491 अंकित हुई है. इतना ही नहीं इस वर्ष में 443366 लोग घायल हुए हैं.

उपरोक्त 10 वर्षों के भीतर सड़क दुर्घटनाओं से प्रतीत होता है कि इतने लोगों का प्रति वर्ष असमय और अकस्मात संसार से चले जाना न केवल उनके परिवार के लिए बहुत बड़ी क्षति है अपितु राष्ट्र को भी जन धन की बहुत बड़ी हानि उठानी पड़ रही है. इसके पीछे के कारणों को जानना और उनका निवारण करना प्रत्येक व्यक्ति का उत्तरदायित्व है. कहते हैं कि सड़क किसी के बाप की नहीं है यह सबकी साझी है. सड़क का प्रयोग कहते हैं कि सड़क किसी के बाप की नहीं है यह सबकी साझी है. सड़क का प्रयोग यह सोचकर करना चाहिए कि यह मेरी निजी सम्पति नहीं है और यह सबके लिए अति महत्वपूर्ण है. यदि प्रत्येक व्यक्ति सड़क सुरक्षा के नियमों की पालना करेगा तो सड़क पर होने वाली मृत्यु शून्य हो सकती है. किसी व्यक्ति का जीवन नष्ट नहीं होगा कोई व्यक्ति अपंग नहीं होगा. कोई व्यक्ति निसंतान नहीं रहेगा. किसी बच्चे के माता पिता का हाथ उसके सिर से नहीं हटेगा.     

 सड़क दुर्घटनाओं के घटकों पर चिंतन और मनन करने से यह ज्ञात होता है कि सबसे प्रथम वाहन चलाते समय मोबाइल का फ़ोन का प्रयोग करना सबसे अधिक घातक है. कहते हैं सावधानी हटी दुर्घटना घटी. यह सत्य है कि जितना समय पलक झपकने में लगता है उतना ही समय असावधानी के कारण सड़क दुर्घटना में लगता है. इसके पश्चात के कारणों पर विचार करने पर यह तथ्य सामने आते हैं कि सीट बेल्ट न लगाने से भी सड़क दुर्घटनाओं में लोग मृत्यु को प्राप्त होते हैं. वर्ष 2021 में सीट बेल्ट न लगाने के कारण 16397 लोग काल का ग्रास बने जबकि 2022 में 16715 लोग अपने जीवन से हाथ धो बैठे. इसके पश्चात के कारणों पर ध्यान दें तो ज्ञात होता है कि सड़क दुर्घटनाओं में दोपहिया वाहन चालक हेलमेट का प्रयोग नहीं करने से मृत्यु को प्राप्त होते हैं. यदि व्यक्ति आईएसआई मार्का उच्च गुणवत्ता का हेलमेट पहनता है तो यह संभावना बनी रहती है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-