पलपल संवाददाता, जबलपुर. एमपी के मंडला में हुए नक्सली एनकाउंटर पर राजनीति तेज हो गई है. पुलिस ने आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाने के लिए फर्जी एनकाउंटर किया है. उसके परिजन भी इस बात को लेकर लगातार आवाज उठा रहे है. इस आशय के आरोप बालाघाट के पूर्व सांसद कंकर मुंजारे ने लगाए है.
पूर्व सांसद श्री मुंजारे ने जबलपुर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए आगे कहा कि सरकारी लाभ पाने के लिए यह कार्रवाई पूरी साजिश के साथ की है. उन्होंने कहा किलसेरेटोला-खटिया गांव में हीरन बैगा पांच बच्चों, पत्नी व वृद्ध माता-पिता का पालन-पोषण कर रहा था. वह तो झाड़ू बनाने के लिए जंगल से छींद इक_ा करने गया था तभी उसे नक्सली बताकर मार दिया. उन्होंने हाल ही में हुए महिला नक्सली एनकाउंटर को भी साजिश के साथ करना बताया है. भारी हंगामे के बीच कांग्रेस ने सदन से वॉकआउट कर दिया. पिछले दिन पूर्व सांसद कंकर मुंजारे मृतक के परिजनों से मिलने पहुंचे और इस एनकाउंटर पर कड़ी आपत्ति जताई.
पूर्व सांसद ने सरकार से सवाल किया कि यदि वह सच में नक्सली था तो उसके गांव से महज दो किलोमीटर दूर स्थित खटिया पुलिस थाने को इसकी पहले से जानकारी क्यों नहीं थी. उन्होंने बताया कि हीरन के पास मात्र आधा एकड़ जमीन थी, जिससे वह अपने परिवार का पालन-पोषण करता था. लेकिन सरकार व पुलिस ने वाहवाही लूटने के लिए एक निर्दोष ग्रामीण को नक्सली बताकर मार डाला. इस फर्जी एनकाउंटर में बालाघाट आईजी संजय सिंह, मंडला एसपी रजत सकलेचा व हॉक फोर्स प्रभारी शामिल हैं. अब स्थानीय ग्रामीण भी कह रहे हैं कि हीरन नक्सली नहीं, बल्कि बैगा आदिवासी था.
जिसे पुलिस ने जानबूझकर मार डाला. उन्होंने सरकार पर दोहरे रवैये का आरोप लगाते हुए कहा कि एक तरफ आदिवासियों के संरक्षण के लिए फंडिंग की जा रही है. तो दूसरी तरफ पुलिस उन्हीं को मार रही है. मुंजारे ने मांग की कि इस फर्जी एनकाउंटर में शामिल सभी पुलिस अधिकारियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए. वहीं साल 2026 तक नक्सलियों को खत्म करने के लक्ष्य पर कंकर मुंजारे ने कहा कि एमपी के सीएम मोहन यादव मुंगेरीलाल के हसीन सपने देख रहे हैं. क्योंकि उनकी पुलिस फर्जी एनकाउंटर कर रही है. मुंजारे ने कहा कि फर्जी एनकाउंटर से नक्सल समस्या घटेगी नहीं बल्कि और बढ़ेगी. जिसमें बड़ी तादाद में नौजवान खुद बदला लेने के लिए हथियार उठा लेंगे.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-