नई दिल्ली. तमिलनाडु की क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टी मरुमलार्ची द्रविड़ मुनेत्र कडग़म (एमडीएमके) के एक राज्यसभा सांसद ने शून्यकाल के दौरान भारतीय नौसेना की कड़ी आलोचना की. पार्टी नेता वाइको ने श्रीलंकाई नौसेना द्वारा तमिलनाडु के मछुआरों को लगातार परेशान किए जाने पर चिंता जताते हुए नौसेना को लंगड़ा बत्तख करार दिया.
वाइको ने भारत सरकार पर निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए कहा कि भारतीय नौसेना श्रीलंकाई अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर रही है. पिछले 40 सालों में श्रीलंकाई नौसेना ने 843 मछुआरों पर हमला कर उन्हें मार डाला है. 25 जनवरी को रामेश्वरम से 34 मछुआरों व तीन मछली पकडऩे वाली नावों को श्रीलंकाई नौसेना ने सीमा पार कर मछली पकडऩे के आरोप में गिरफ्तार कर जाफना में कैद कर लिया गया. इसके बाद किलिनोच्ची कोर्ट में पेश किया गया, जहां पर लाखों का जुर्माना लगाया.
जो जुर्माना नहीं भर पाए उन्हें फिर से जेल में डाल दिया गया. वाइको ने आगे कहा कि 2 फरवरी 2025 को एक हज़ार से ज़्यादा मछुआरे समुद्र में गए. उनमें से 10 को श्रीलंकाई नौसेना ने गिरफ़्तार कर लिया और मन्नार की खाड़ी में मछली पकड़ते समय उनकी नाव ज़ब्त कर ली गई. मैं इन अमानवीय कृत्यों को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई की माग करता हूँ. श्रीलंकाई नौसेना हमारे मछली पकडऩे के उद्योग को नष्ट करना चाहती है.
किस कारण से हमारी नौसेना समुद्र में लंगड़ी बत्तख की तरह बैठी. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि श्रीलंकाई नौसेना द्वारा तमिलनाडु के मछुआरों पर हमला किए बिना कोई दिन नहीं गुजरता और भारतीय नौसेना पर इन घटनाओं में श्रीलंका का सहयोग करने का आरोप लगाया. वाइको ने कहा कि हम भी भारत सरकार के करदाता हैं. क्या तमिल मछुआरे अनाथ हैं. हमारे वित्त मंत्री, विदेश मंत्री, हमारे प्रधानमंत्री के श्रीलंका जाने का उद्देश्य क्या है. कोई दिन बिना हमले के नहीं गुजरता. रामेश्वरम के हजारों लोग भारत सरकार से न्याय की मांग कर रहे हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-