अभिमनोज
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पत्नी की बगैर सहमति के बनाए गए उसके अंतरंग वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करने के आरोपित व्यक्ति की याचिका खारिज कर दी और कहा कि- पति, पत्नी के समर्पण और भरोसे का सम्मान करें, वह उसके संरक्षक हैं मालिक नहीं हैं.
खबरें हैं कि.... मिर्जापुर के पड़री थाना क्षेत्र निवासी प्रदुम्न की शादी चुनार के पिरल्ली गांव में हुई थी, वर्ष 2022 को पत्नी ने प्रदुम्न के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया, जिसमें आरोप लगाया कि- वह दहेज उत्पीड़न को लेकर दर्ज मुकदमें की सुलह के लिए ससुराल गई थी, उसी रंजिश में पति ने उसकी मर्जी के खिलाफ अंतरंग वीडियो बनाई, जिसे रिश्तेदारों के मोबाइल व सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया, इससे उसकी प्रतिष्ठा को चोट पहुंची है.
इस मामले में पुलिस ने पति के खिलाफ ट्रायल कोर्ट में आईटी एक्ट की धाराओं के तहत आरोप पत्र दाखिल कर दिया, कोर्ट ने समन जारी कर पति को तलब किया, जिसके खिलाफ पति हाईकोर्ट पहुंचा, जहां उसके वकील का कहना था कि- पीड़िता कानूनी तौर पर उसकी विवाहित पत्नी है, अंतरंगता उसका अधिकार है, जबकि.... वीडियो बनाने और उसे सोशल मीडिया पर अपलोड करने का साक्ष्य रिकॉर्ड में उपलब्ध नहीं है, इसलिए आईटी एक्ट के तहत दर्ज मुकदमा रद्द किया जाना चाहिए.
खबरों की मानें तो.... अदालत ने दलीलों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि- पत्नी का शरीर उसकी अपनी संपत्ति है, उसके निजी जीवन से जुड़ी हर बात में उसकी सहमति जरूरी है, विवाह एक पवित्र रिश्ता है, विश्वास उसकी नींव है, अपने आप को पत्नी का मालिक मान कर सोशल मीडिया पर अंतरंग वीडियो अपलोड कर वैवाहिक रिश्ते की पवित्रता को भंग नहीं किया जा सकता, क्योंकि- पत्नी, पति से अपेक्षा करती है कि वह उसके समर्पण और भरोसे का सम्मान करे.
स्वयं को मालिक समझ कर वैवाहिक पवित्रता को भंग करने वाला पति राहत का हकदार नहीं हो सकता है!
इलाहाबाद हाईकोर्ट: आप संरक्षक हैं, मालिक नहीं, पत्नी के समर्पण और भरोसे का सम्मान करें!

प्रेषित समय :21:07:47 PM / Tue, Mar 25th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर