म्यांमार में 7.7 तीव्रता का भूकंप, शाही महल मांडले पैलेस क्षतिग्रस्त, घर-मंदिर टूटे, बैंकॉक में भी इमारतें गिरीं, दिल्ली-एनसीआर तक असर

म्यांमार में 7.7 तीव्रता का भूकंप, शाही महल मांडले पैलेस क्षतिग्रस्त

प्रेषित समय :14:24:14 PM / Fri, Mar 28th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

नेपीता. म्यांमार में आज 7.7 तीव्रता का भूकंप आया. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसारए भूकंप 125 किमी की गहराई पर आया था. जिसका केंद्र मांडले शहर के पास स्थित था. भूकंप के झटके  थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक तक महसूस किए गए. यहां एक निर्माणाधीन फ्लाईओवर ढह गया. म्यांमार में एतिहासिक शाही महल मांडले पैलेस के कुछ हिस्से क्षतिग्रस्त हो गए हैं. वहीं सागाइंग क्षेत्र के सागाइंग टाउनशिप में एक पुल भूकंप में पूरी तरह नष्ट हो गया. राजधानी नेपीता के अलावा क्यौकसे, प्यिन ऊल्विन व श्वेबो में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. इन शहरों की आबादी 50 हजार से ज्यादा है.

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार भूकंप का केंद्र अक्षांश: 21.93 उत्तर, देशांतर 96.07 पूर्व में 10 किलोमीटर की गहराई पर स्थित था. भूकंप स्थानीय समयानुसार दोपहर 12.50 बजे (0620 जीएमटी) के आसपास सागाइंग शहर  की गहराई पर आया. बैंकॉक में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए. लोग अपने घरों से बाहर भागते हुए देखे गए. वही कुछ वीडियो में लोगों को खाना खाते समय हिलते हुए दिखाया गया.

बैंकॉक में स्थानीय गवाहों ने बताया कि लोग घबराकर सड़कों पर भाग गए और स्विमिंग पूल से पानी बाहर निकल आया. इस महीने की शुरुआत में रिक्टर स्केल पर 4.3 तीव्रता का एक और भूकंप म्यांमार में आया था. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसारए भूकंप 125 किमी की गहराई पर आया था. इस तरह के उथले भूकंप गहरे भूकंपों की तुलना में ज़्यादा ख़तरनाक होते हैं क्योंकि पृथ्वी की सतह के नज़दीक आने पर वे ज़्यादा ऊर्जा छोड़ते हैंए जिससे ज़मीन का कंपन ज़्यादा होता है और संरचनाओं व हताहतों को ज़्यादा नुकसान पहुंचता है. जबकि गहरे भूकंप सतह पर आने पर ऊर्जा खो देते हैं.

हालांकि म्यांमार भूकंप-प्रवण देश है, लेकिन आधिकारिक राष्ट्रीय भूकंपीय खतरा मानचित्र प्रस्तावित नहीं किया गया है. यूरेशियन और इंडो-ऑस्ट्रेलियाई प्लेटों के बीच टकराव के कारण म्यांमार एक ऐसा क्षेत्र है जहां भूकंपीय खतरा उच्च स्तर पर है. अंतर्राष्ट्रीय भूकंपीय केंद्र द्वारा सारांशित भूकंप मापदंडों के अनुसार 1990 से 2019 तक हर साल म्यांमार और उसके आसपास के इलाकों में 3.0 से ज़्यादा या उसके बराबर परिमाण वाली लगभग 140 घटनाएं हुई हैं. इस प्रकारए यह स्पष्ट है कि म्यांमार मध्यम और बड़ी तीव्रता वाले भूकंपों के खतरों के प्रति संवेदनशील है. जिसमें इसकी लंबी तटरेखा पर सुनामी के खतरे भी शामिल हैं.

दिल्ली सहित प्रदेश के कई राज्यों में भी असर-
भारत में दिल्ली-एनसीआर वर उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. खासतौर पर पूर्वोत्तर के राज्यों मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, असम व नागालैंड में तेज झटके आए हैं. 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-