एमपी के धार्मिक शहरों में शराबबंदी लागू, सीएम यादव ने इसे नशामुक्ति की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया

एमपी के धार्मिक शहरों में शराबबंदी लागू, सीएम यादव ने इसे नशामुक्ति की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया

प्रेषित समय :13:46:28 PM / Tue, Apr 1st, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

उज्जैन. मध्यप्रदेश के उज्जैन, ओंकारेश्वर, महेश्वर एवं मैहर समेत 19 धार्मिक शहरों और चुनिंदा ग्राम पंचायतों के अंतर्गत आने वाले इलाकों में शराबबंदी मंगलवार को लागू कर दी गई. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शराबबंदी को 'नशामुक्ति की दिशा में ऐतिहासिक कदम' बताया. मुख्यमंत्री ने शराबबंदी के फैसले की घोषणा की थी और इसे 24 जनवरी को महेश्वर शहर में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में मंजूरी दी गई थी. महेश्वर शहर मध्यकालीन युग की प्रसिद्ध रानी लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर से जुड़ा हुआ है.

एक अधिकारी ने बताया कि निर्णय के अनुसार, उज्जैन, ओंकारेश्वर, महेश्वर, मंडलेश्वर, ओरछा, मैहर, चित्रकूट, दतिया, पन्ना, मंडला, मुलताई, मंदसौर और अमरकंटक की संपूर्ण शहरी सीमा और सलकनपुर, कुंडलपुर, बांदकपुर, बरमानकलां, बरमानखुर्द और लिंगा की ग्राम पंचायत सीमा में सभी शराब की दुकानें और बार बंद रहेंगे.

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार ने इन 19 शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों को पूरी तरह से पवित्र घोषित किया है और इनके अधिकार क्षेत्र में आने वाले इलाकों में शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है. यादव ने एक बयान में कहा कि सरकार ने 'नशामुक्ति की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है. उन्होंने इस कदम के पीछे इन शहरों एवं ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़ी सार्वजनिक आस्था और धार्मिक श्रद्धा को कारण बताया.

जिन धार्मिक स्थलों पर मंगलवार से शराब पर प्रतिबंध लागू होगा, वे एक नगर निगम, आधा दर्जन नगर परिषदों और इतनी ही संख्या में ग्राम पंचायतों में फैले हुए हैं. इनमें से, उज्जैन में भगवान शिव को समर्पित प्रसिद्ध महाकाल मंदिर है और अमरकंटक नर्मदा नदी का उद्गम स्थल है, जिसे राज्य की जीवन रेखा माना जाता है.

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