अहमदाबाद (व्हाट्सएप- 8875863494). देश और दुनिया में हो रही तरक्की और अनुसंधान ने मानव जीवन की सभी व्यवस्थाओं पर प्रभावी असर डाला है. हमारे दैनिक जीवन के कार्यों से लेकर अन्य सभी व्यवस्थाओं पर भी नवीन तकनीकी का प्रभाव साफ तौर से दिखाई देता है. जिस काम बारे में आज से तीन-चार दशक पूर्व कल्पना भी नहीं की जाती थी वह सभी कार्य और व्यवस्थाएं अब सुगमता से पूर्ण होते जा रहे हैं. व्यवस्थाओं में बदलाव के साथ ही नवीन तकनीकी के दुरुपयोग की संभावनाओं ने भी समस्याएं बढ़ाई है, लेकिन तकनीकी व्यवस्थाओं में ही प्रभावी निगरानी के प्रावधान होने से इसके दुरुपयोग की संभावनाओं पर बेहतर नियंत्रण हो सकता है.
इस बारे में देश के प्रतिष्ठित व अग्रणी नरनारायण शास्त्री इंस्टीट्यूट आफ एजुकेशन में विषय से जुड़े विशेषज्ञ और अध्ययनरत प्रशिक्षुओं से बातचीत की गई. संस्थान के प्रबंधन मार्गदर्शक पुरुषोत्तम प्रकाश स्वामीजी के दिशा निर्देशन में संस्थान में अध्यनरत प्रतिनिधियों को बेहतर शैक्षिक व प्रायोगिक सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है. इसी तरह संस्थान द्वारा देश के अग्रणी शिक्षा संस्थानों के साथ एमओयू किया गया है और संस्थान के प्रतिनिधियों को विभिन्न स्थानों के विषय विशेषज्ञ का मार्गदर्शन उपलब्ध करवाया जा रहा है, जिसे बेहतर परिणाम अर्जित किए जा सके.
नर नारायण शास्त्री इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी के निदेशक संजय शर्मा कहते हैं कि फोरेंसिक साइंस व साइबर सिक्योरिटी ने विभिन्न व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने का काम किया है, जिसके माध्यम से निगरानी तंत्र भी प्रभावी बना है. विज्ञान का यह क्षेत्र अपराधों के नियंत्रण को लेकर भी काफी कारगर और उपयोगी साबित हो रहा है. युवाओं की इस विषय में बढ़ती रुचि इस बात का संकेत है कि देश और दुनिया में नवीन तकनीकी के सकारात्मक उपयोग की ओर ध्यान दिया जा रहा है. फॉरेंसिक साइंस व साइबर सिक्योरिटी सुरक्षित मानव जीवन का मजबूत आधार भी है.
फॉरेंसिक साइंस के तहत फिंगरप्रिंट के जानकार प्रवक्ता एरोमल वेणुगोपाल कहते हैं कि फॉरेंसिक साइंस अनुसंधान और व्यवस्थाओं से जुड़े मामलों की जांच का एक प्रभावी माध्यम है. वह बताते हैं कि व्यक्ति की फिंगरप्रिंट एक यूनिक आइडेंटिफिकेशन है और उसके माध्यम से किसी भी जांच का सटीक और सही विश्लेषण कर नतीजे पर पहुंचा जा सकता है. उनका मानना है कि तकनीकी के दुरुपयोग और अपराधों के मामले में इस विषय के माध्यम से बेहतर उपलब्धि कम समय में अर्जित कर प्रभावी निगरानी संभव है. अपराधों के मामले में इससे जुड़े लोगों की पहचान करने में फिंगरप्रिंट से जुड़े तथ्य का डाटाबेस उपयोगी साबित होता है.
फॉरेंसिक साइंस के तहत भौतिकी के प्रवक्ता कुलदीप पुरोहित कहते हैं कि फोरेंसिक में विज्ञान के सभी विषयों का महत्वपूर्ण और उपयोगी योगदान है. हर विषय से जुड़े टॉपिक व मुद्दे इसे बहु उपयोगी बनाते हैं. वे कहते हैं कि ध्वनि विज्ञान और संचार के साथ ही फॉरेंसिक व साइबर सिक्योरिटी के तहत उपलब्ध निगरानी तंत्र की सुविधा व उपकरण इस विज्ञान को बेहतर व प्रभावी बनाने में मददगार है. अपराधों के मामले में इसके तौर तरीके और साक्ष संकलन के साथ विश्लेषण में फॉरेंसिक भौतिकी का महत्वपूर्ण रोल हैl
एमएससी फॉरेंसिक साइंस में अध्ययनरत यश दुबे का मानना है कि प्रगति और विकास के साथ तकनीकी के आपराधिक दुरुपयोग के कारण समस्याएं भी बढ़ी है, ऐसी स्थिति में फॉरेंसिक साइंस व साइबर सिक्योरिटी में उपलब्ध सुविधाएं निगरानी का प्रभावी माध्यम है. वह कहते हैं कि वैज्ञानिक तौर तरीकों से सटीक विश्लेषण करके न्यायिक मामलों में सही नतीजे तक पहुंचने में फॉरेंसिक साइंस व साइबर सिक्योरिटी का काफी महत्वपूर्ण उपयोग है.
बीएससी फॉरेंसिक साइंस में अध्ययनरत इशीका झा कहती है कि वर्तमान समय में युवा परंपरागत विषयों के स्थान पर अपनी रुचि और नवाचारों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, ऐसी स्थिति में फॉरेंसिक साइंस और साइबर सिक्योरिटी ने उन्हें अध्ययन के बेहतर अवसर और संभावनाओं से परिपूर्ण क्षेत्र उपलब्ध कराया है जिससे इस विषय के प्रति युवाओं का जुड़ाव बढ़ता जा रहा है. यह विषय नया होने के साथ ही देश व समाज के साथ जुड़ाव व सेवा के अवसर भी उपलब्ध करवाता है.
बीएससी फॉरेंसिक साइंस में अध्यनरत लय द्विवेदी कहते हैं कि नवीन तकनीकी की सुविधा नियमित अपडेट मांगती है और बिना पूरी जानकारी लिए विभिन्न तरह के ऐप का उपयोग नुकसानदायक और खतरनाक साबित हो सकता है, अतः गैजेट्स का उपयोग पूरी जानकारी के बाद ही किया जाना आवश्यक है. हमारी सूचना हमारे मोबाइल व अन्य माध्यम से दूसरों को उपलब्ध न हो इस बारे में सावधानी रखनी आवश्यक है. वह कहते हैं कि विभिन्न उपकरणों के उपयोग से पूर्व टर्म्स के बारे मे बिना सोचे समझे ओके करने की सोच पर भी नियंत्रण आवश्यक है.
बीएससी फॉरेंसिक साइंस में अध्यनरत वंशिका जयसिंघानी कहती हैं कि फोरेंसिक साइंस और साइबर सिक्योरिटी ने आम लोगों को जागरूक बनाने और विभिन्न मामलों में सचेत रहने का एक संदेश दिया है. यह विषय न केवल हमारे दैनिक जीवन में उपयोगी है बल्कि विभिन्न तरह की समस्याओं के समाधान में भी सहयोग करता है. तकनीकी सुविधाओं की उपलब्धता ने हमारे जीवन को सुरक्षित बनाने में भी मदद की है. यह विज्ञान आम लोगों को जागरूक बनने और सुविधाओं व तकनीकी उपकरणों के सुरक्षित उपयोग का भी संदेश देता है.
बीएससी फॉरेंसिक साइंस में अध्ययनरत खंडवावाला अमतूस्जेरा कहती है कि नवीन तकनीक और उपलब्ध सुविधाओं से देश और दुनिया बदल रही है. 21 वी शताब्दी वाली दुनिया में मानव की सुरक्षा के आधार को सशक्त बनाने में फॉरेंसिक साइंस व साइबर सिक्योरिटी का महत्वपूर्ण योगदान है. आज का युवा प्रगति के साथ आगे बढ़ रहा है और यह विषय उसकी रुचि के अनुकूल भी है और उसे बेहतर संभावनाओं की ओर भी ले जाते हैं.
बीएससी फोरेंसिक में अध्यनरत गौरव आचार्य कहते हैं कि फॉरेंसिक साइंस ने जो सुविधा उपलब्ध करवाई है उनके माध्यम से कई मामलों में बेहतर परिणाम प्राप्त हुए हैं, जिससे सामान्य अपराध को नियंत्रित करने में भी मदद मिली है. यह विषय अध्ययन विद्यार्थियों को भी नियमित अध्ययन और अनुसंधान के लिए प्रेरित करता है. वह कहते हैं कि अल्प समय में देशभर में फॉरेंसिक विषय के अध्ययन को लेकर जो व्यवस्थाएं बनी है, वह इस बात का संकेत है कि यह विषय भविष्य की संभावनाओं से परिपूर्ण है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-