मुम्बई. शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि संसद में वक्फ बिल पर अपने भाषणों के दौरान केंद्रीय मंत्री अमित शाह और भाजपा सांसदों द्वारा मुसलमानों के बारे में दिखाई गई चिंता पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना को शर्मिंदा कर देगी. भाजपा पर बेबाक हमला करते हुए ठाकरे ने कहा कि तीसरा कार्यकाल हासिल करने के बावजूद भगवा पार्टी राजनीति के लिए हिंदू-मुस्लिम मुद्दों को उठा रही है. ठाकरे ने अपने पूर्व सहयोगी को चुनौती दी कि अगर वह मुसलमानों को नापसंद करते हैं तो अपनी पार्टी के झंडे से हरा रंग हटा दें. भाजपा के झंडे में हरा और केसरिया रंग है और सफेद रंग में कमल बना हुआ है.
ठाकरे ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि भाजपा व उसके सहयोगियों द्वारा मुसलमानों के प्रति दिखाई गई चिंता मुहम्मद अली जिन्ना को शर्मिंदा कर देगी. यह एक संयोग है कि किरेन रिजिजू, जिन्होंने कभी गौमांस खाने का समर्थन किया था. उन्होने वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया है. वक्फ विधेयक दूसरा बड़ा बदलाव है जिसे भाजपा ने 2019 में ट्रिपल तलाक की प्रथा को गैरकानूनी बनाने के बाद मुस्लिम समुदाय में लागू करने का प्रयास किया है.
वक्फ विधेयक पर अपना रुख स्पष्ट करते हुए जिसे 12 घंटे की मैराथन बहस के बाद लोकसभा में पारित किया गया. श्री ठाकरे ने कहा कि वह विधेयक का विरोध नहीं कर रहे हैं, बल्कि भाजपा के दोहरे मानदंडों का विरोध कर रहे हैं. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि यह विधेयक भाजपा की जमीन छीनकर अपने उद्योगपति मित्रों को देने की चाल है. शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख ने कहा कि मैंने यह नहीं कहा कि मैं विधेयक का समर्थन करता हूं. मैंने विधेयक का विरोध नहीं किया है] लेकिन मैंने भाजपा के दोहरे मानदंडों का विरोध किया है. विधेयक में निश्चित रूप से कुछ अच्छी बातें हैं] लेकिन उन्हें इसका इस्तेमाल राजनीति के लिए नहीं करना चाहिए. इसका हिंदुत्व से कोई लेना&देना नहीं है. वक्फ विधेयक जो वक्फ अधिनियम 1995 में संशोधन करता है. सरकार को वक्फ संपत्तियों को विनियमित करने और ऐसी संपत्तियों से संबंधित विवादों को निपटाने में एक कदम आगे ले जाएगा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-