नई दिल्ली. 2024 के लोकसभा चुनावों के बाद भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने अपने कार्यकर्ताओं को दलितों और आरक्षण के खिलाफ कोई भी टिप्पणी न करने का कड़ा संदेश दिया है. अपने नेताओं से डॉ बीआर अंबेडकर को पार्टी के प्रतीक के रूप में पेश करते हुए समुदाय के साथ लगातार जुडऩे का आग्रह किया है. बिहार में इस साल चुनाव होने हैं. ऐसे में वहां दलितों को वोट पार्टी के लिए काफी मायने रखता है. बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि राज्य के सभी सांसदों, विधायकों, पार्षदों, जिला अध्यक्षों व सभी पदाधिकारियों के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया.
दिलीप जयसवाल ने आगे बताया कि हम भीमराव अंबेडकर सम्मान सप्ताह समारोह का आयोजन करने जा रहे हैं. हम बिहार की जनता को बताएंगे कि किस तरह से कांग्रेस ने बाबा साहब अंबेडकर का अपमान किया है. यह तब हुआ जब 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले कुछ भाजपा नेताओं ने कुछ टिप्पणियां की थीं. साथ ही यह भी कहा था कि संविधान में बदलाव किया जाएगा जो पार्टी को लगता है कि चुनावों में उसके खिलाफ जाएगा.
तब से भाजपा दिशा-निर्देशों को सही करने के लिए लगातार काम कर रही है. डॉ बीआर अंबेडकर जयंती के नजदीक आते ही भाजपा ने इसे पूरे देश में, मोहल्ले व मुहल्ले स्तर पर मनाने की बड़ी योजना बनाई है. इसे भव्य बनाने के लिए भाजपा मुख्यालय में एक रणनीति बैठक हुई. जिसमें पार्टी प्रमुख जेपी नड्डा व पार्टी महासचिव (संगठन) बीएल संतोष, केंद्रीय मंत्री व देश भर के कई पार्टी नेताओं सहित केंद्रीय नेतृत्व ने भाग लिया. बैठक में शामिल कई नेताओं ने बताया कि पार्टी नेतृत्व ने हर राज्य में अनुसूचित जातियों के बीच चल रहे माहौल पर नजर रखने, उनसे लगातार संपर्क बनाए रखने, अंबेडकर तथा सामाजिक न्याय के प्रति भाजपा तथा प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता को उजागर करने का निर्देश दिया.