दमोह का फर्जी डाक्टर तेलंगाना में भी हो चुका है गिरफ्तार, सीएम योगी को किए गए ट्वीट के बाद खुला राज, असली डॉ. जॉन कैम ने खोली पोल

दमोह का फर्जी डाक्टर तेलंगाना में भी हो चुका है गिरफ्तार

प्रेषित समय :15:53:13 PM / Sun, Apr 13th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

पलपल संवाददाता, जबलपुर/दमोह. एमपी के दमोह स्थित मिशन अस्पताल में हुई सात मौतों के लिए जिम्मेदार फर्जी डाक्टर नरेन्द्र विक्रमादित्य यादव उर्फ एन जॉन कैम पहले भी अस्पतालों में रहकर धोखाधड़ी कर चुका है. नरेन्द्र यादव ने तेलंगाना में दो बार अस्पताल को टेकओवर किया. इसके बाद यहां पर कर्मचारियों ने वेतन न मिलने पर थाना में शिकायत की, जिसपर पुलिस ने फर्जी डाक्टर को गिरफ्तार कर लिया था.

खबर हीै कि वर्ष 2019 में फर्जी डाक्टर नरेन्द्र विक्रमादित्य यादव ब्राउनवॉल्ड अस्पताल का डायरेक्टर था. इसकी पत्नी दिव्या रावत भी इसी अस्पताल में वाइस प्रेसिडेंट थी. यह अस्पताल दोनों ने दूसरी कंपनी से टेकओवर किया था. ब्राउनवॉल्ड अस्पताल में 100 से अधिक कर्मचारी काम कर रहे हैं. यादव ने अस्पताल टेकओवर करने के बाद से ही वेतन नहीं दिया. पैसे मांगे तो नौकरी छोडऩे के लिए कहा और दोनों पति.पत्नी अप्रैल 2019 से ही फरार हो गए. मामले की शिकायत 30 अप्रैल 2019 को हैदराबाद में कुशाईगुड़ा थाने में डॉण् खाजा फैजोद्दीन पुत्र रुखमुद्दीन ने की थी. जिसपर पुलिस ने डॉ यादव के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया और मई 2019 में चेन्नई के पास से डाक्टर यादव को पुलिस ने गिरफ्तार किया और हैदराबाद लाई. कोर्ट ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया.

आरोपी ने पुलिस को पूछताछ में बताया था कि उसने तेलंगाना के एलबी नगर के हिमबंदु अस्पताल को भी टेकओवर किया था. यहां तक कि यादव ने पत्नी दिव्या रावत के साथ मिलकर ब्राउनवॉल्ड नाम से कंपनी बनाई. इसमें स्वयं को डायरेक्टर व पत्नी को वाइस प्रेसिडेंट बताया. फिर इसे बंद करके नाम भी बदल दिया. गौरतलब है कि गिरफ्तारी के बाद 9 अप्रैल 2025 को हुई पूछताछ में डॉ नरेंद्र विक्रमादित्य यादव स्वयं को कुंआरा बता चुका है. उसने बताया कि भारत की मेडिकल कम्युनिटी में अपना रुतबा बनाने के लिए उसने विदेशी नाम रखा. इसी नाम से सभी फर्जी दस्तावेज भी बनवा लिए. वह जहां भी अपना रिज्यूम भेजता था, उसमें खुद को शादीशुदा और एक बच्चे का पिता बताता था. पुलिस इस बात का भी पता लगा रही है कि वह वाकई कुंआरा है या शादी हो चुकी है.

दंगे को नियंत्रित करने किया था सीएम को ट्वीट-

 फ्र ांस में 17 साल के लड़के की मौत के बाद हुए दंगे को नियंत्रित करने के लिए उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ को बुलाकर 24 घंटे में दंगे शांत कराने के संबंध में ट्वीट किया. इस पर सीएम योगी आदित्यनाथ के ऑफिस की ओर से जवाब दिया गया था कि जब भी उग्रवाद दंगों को बढ़ावा देता है, अराजकता फैलती है और दुनिया के किसी भी हिस्से में कानून-व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न होती है. उस वक्त विश्व सांत्वना चाहता है और उत्तर प्रदेश में महाराज जी द्वारा स्थापित कानून और व्यवस्था के परिवर्तनकारी योगी मॉडल की कामना करता है. इसके बाद से ही फर्जी डाक्टर की पोल खुलने लगी.

यहां से खुला डाक्टर के फर्जी होने राज-

इस ट्वीट के बाद डॉ यादव को लोग इंग्लैंड का असली डॉ जॉन कैम समझकर उसका ट्वीट वायरल करने लगे. असली डॉ जॉन कैम की टीम को जब इसका पता चला तो उन्होंने इस मामले में सोशल मीडिया पर कैंपेन चलाया. मार्च 2023 में यूके के कंसल्टेंट कार्डियोलॉजिस्ट डॉ रोहिन फ्रांसिस ने ट्विटर हैंडल प्रोफेसर एन जॉन कैम और नरेंद्र यादव के बीच कई संबंध स्थापित किए. उन्होंने बताया कि कई बंद हो चुकी यूके स्थित कंपनियों ने नरेंद्र जॉन कैम को निदेशक दिखाते हुए कार्डियोलॉजिस्ट बताया है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-