पलपल संवाददाता, जबलपुर/दमोह। एमपी के दमोह स्थित मिशन अस्पताल में सात हृद्य रोगियों की मौत के जिम्मेदार डाक्टर नरेन्द्र जॉन केम को पुलिस ने प्रयागराज से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस को पूछताछ में आरोपी डाक्टर ने बताया कि उसने डॉक्यूमेंट्स एडिट किए हैं। उसकी कार्डियोलॉजिस्ट की डिग्री पर पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी के फर्जी हस्ताक्षर हैं। जिसे पुलिस ने कोर्ट में पेश कर पांच दिन की रिमांड पर ले लिया। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि डॉक्टर तबियत खराब होने का बहाना कर रहा था।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आरोपी डाक्टर नरेन्द्र जॉन केम पुलिस को लगातार गुमराह करने की कोशिश कर रहा था। उसके पासपोर्ट से इस बात की पुष्ठि हुई है कि वह उत्तराखंड नहीं बल्कि कानपुर का रहने वाला है और उसका असली नाम विक्रमादित्य नरेंद्र यादव है। उसने दमोह के मिशन अस्पताल में लंदन के कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर एनजोन केम के नाम पर फर्जी डॉक्टर ने ढाई महीने में 15 हार्ट ऑपरेशन किए। उस पर आरोप है कि दिसंबर 2024 से फरवरी 2025 के बीच हुए इन ऑपरेशन में 7 मरीजों की मौत हो गई। इसका खुलासा तब हुआ जब एक मरीज के परिजन ने संदेह होने पर डॉक्टर की शिकायत की। इसके बाद मामला मानवाधिकार आयोग तक पहुंच गया। आयोग की टीम अभी दमोह में ही है। चिकित्सा अधिकारियों का कहना है कि फरवरी माह में मिशन अस्पताल में हुई सभी सर्जरी व डॉक्टर्स की जानकारी मांगी थी। लेकिन अस्पताल मैनेजमेंट ने डॉक्टर एन जॉन केम के बारे में नहीं बताया। 5 मार्च को रिपोर्ट कलेक्टर सुधीर कोचर को दी। एक बार फिर मिशन अस्पताल से डॉक्टर के डॉक्यूमेंट मांगे। तब जो डॉक्यूमेंट दिए। जिसमें बताया गया कि आरोपी डॉक्टर ने कोलकाता यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस व एमडी की डिग्री की है। कार्डियोलॉजी की डिग्री पॉन्डिचेरी से की है। सभी डॉक्यूमेंट का वेरिफिकेशन करने के लिए सागर मेडिकल कॉलेज को पत्र लिखा। उनका जवाब आया कि वहां कार्डियोलॉजिस्ट नहीं है। इसलिए जबलपुर मेडिकल कॉलेज से जांच की मांग कीजिए। 4 अप्रैल को जबलपुर मेडिकल कॉलेज टीम को जांच के लिए पत्र लिखा।
डाक्टर की डिग्री में पूर्व उपराष्ट्रपति के फर्जी साइन-
मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि डॉक्टर की डिग्री की जांच की तो उसमें पॉन्डिचेरी विश्वविद्यालय के चांसलर के रूप में पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के हस्ताक्षर थे। इस बात का सत्यापन करने के लिए जब टीम ने गूगल पर पूर्व राष्ट्रपति हामिद अंसारी के हस्ताक्षर चेक करे तो डिग्री में मौजूद हस्ताक्षर व ओरिजिनल हस्ताक्षर में अंतर मिला। इससे स्पष्ट हो गया कि आरोपी डॉक्टर की कार्डियोलॉजिस्ट की डिग्री भी फर्जी है। डिग्री में संदेह का एक प्रमुख कारण यह भी था कि उसकी डिग्री में न तो एनरोलमेंट नंबर था और न ही रोल नंबर। जब इस बात की पुष्टि हो गई कि डॉक्टर के डॉक्यूमेंट फर्जी है। तब जाकर टीम ने कोतवाली में आरोपी डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई।
डाक्टर सहित तीन के खिलाफ प्रकरण दर्ज-
अधिकारियों का कहना है कि कोतवाली थाना में डॉक्टर नरेंद्र जॉन पर एफआईआर दर्ज कराई। दो अन्य को भी मामले में आरोपी बनाया गया है। पुलिस ने ऑपरेशन के दौरान जान गंवाने वाले रहीसा बेगम के बेटे नबी बेग व शिकायतकर्ता कृष्णा पटेल के बयान लिए।
लोकेशन ट्रेस करते हुए प्रयागराज पहुंची टीम-
पुलिस अधिकारियों द्वारा गठित दल साइबर टीम की मदद से लोकेशन ट्रेस करते हुए उत्तरप्रदेश के प्रयागराज पहुंची। जहां पर आरोपी का मोबाइल बंद मिला। इस दौरान पता चला कि डाक्टर ने डॉक्टर ने प्रयागराज में एक व्यक्ति से बात की है। उसकी कॉन्टैक्ट लिस्ट में ये नंबर था। पुलिस उस नंबर की लोकेशन पर पहुंची तो एक व्यक्ति चिकन बेच रहा था। पूछताछ में दुकानदार ने कुछ भी बताने से मना कर दिया। पुलिस ने सख्ती कर उसका मोबाइल चेक किया। उसमें आरोपी डॉक्टर से उसकी वॉट्सऐप चैटिंग मिल गई। पुलिस को डॉक्टर का सटीक पता मिल गया। इसके बाद पुलिस ने प्रयागराज के औद्योगिक थाना क्षेत्र इलाके में ओमेक्स अदनानी बिल्डिंग 5/11 टावर ए के पास पहुंची। यहां आरोपी डॉक्टर की कार मिल गई। स्थानीय पुलिस की मदद से घेराबंदी की गई। यहां एक फ्लैट में डॉक्टर छिपा मिला।
इन मरीजों की मौत हुई थी-
-सत्येंद्र सिंह राठौर निवासी लाडनबाग हथना, दमोह
-रहीसा बेग निवासी पुराना बाजार नंबर 2 दमोह
-इजराइल खान निवासी डॉ पसारी के पास दमोह
-बुधा अहिरवाल निवासी बरतलाई पटेरा, दमोह
-मंगल सिंह राजपूत निवासी बरतलाई पटेरा दमोह