इलाहाबाद हाईकोर्ट: समय सीमा के बाहर दाखिल अर्जी स्वीकार योग्य नहीं!

इलाहाबाद हाईकोर्ट: समय सीमा के बाहर दाखिल अर्जी स्वीकार योग्य नहीं!

प्रेषित समय :20:46:35 PM / Fri, Apr 18th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

अभिमनोज
अदालत की विभिन्न व्यवस्थाओं में समय सीमा का विशेष महत्व है, यही वजह है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने समय सीमा के बाहर दाखिल एक अर्जी को स्वीकार योग्य नहीं माना.
खबरों की मानें तो.... इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गाजियाबाद के ज्ञान खंड इंदिरापुरम वार्ड नंबर 87 के विजयी पार्षद के खिलाफ चुनावी मुकदमे में ट्रायल कोर्ट द्वारा एक संशोधन अर्जी पर पारित आदेश को रद्द कर दिया है और कहा है कि- संशोधन अर्जी समय सीमा समाप्त होने के बाद दाखिल की गई है, लिहाजा, इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है. 
खबरें हैं कि.... न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने विजयी पार्षद अनुज त्यागी की याचिका को स्वीकार किया.
ट्रायल कोर्ट में याची के निर्वाचन को चुनौती दी गई थी और कहा गया था कि- याची ने अपने चुनावी हलफनामे में सही तथ्य नहीं बताए, उनका चुनाव परिणाम 13 मई 2023 को आया था और याची ने उसमें जीत हासिल की थी.
खबरों पर भरोसा करें तो.... इसी चुनाव में उम्मीदवार सिद्धी प्रधान अग्रवाल ने ट्रायल कोर्ट में चुनावी मुकदमा दाखिल किया, मूल मुकदमें में उन्होंने विजयी प्रत्याशी के अलावा अन्य पांच उम्मीदवारों को पक्षकार नहीं बनाया और अन्य उम्मीदवारों को पक्षकार बनाने के लिए 30 दिन की समय सीमा से अधिक समय बीत जाने के बाद अर्जी दाखिल की, लेकिन ट्रायल कोर्ट ने उस अर्जी को स्वीकार कर लिया.
इसके बाद याची ने पुनर्विचार अर्जी दाखिल की लेकिन ट्रायल कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया.
याची ने ट्रायल कोर्ट के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी, जिस पर अदालत ने संशोधन अधिनियम और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए ट्रायल कोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया.
अदालत का कहना था कि- चुनावी मुकदमों में दाखिल होने वाली अर्जियां समय सीमा के भीतर होना जरूरी हैं, यदि वह समय सीमा से परे दाखिल होती हैं तो वह संशोधन अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन होगा और ऐसी अर्जी स्वीकार योग्य नहीं है!

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-