अभिमनोज
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एक ऐसे व्यक्ति की जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिससे रिश्वत के पैसे बरामद हुए थे.
खबरों पर भरोसा करें तो.... हाईकोर्ट का कहना था कि- जब तक आरोपित अपनी आधी सजा नहीं काट लेता, तब तक जमानत नहीं दी जा सकती.
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के फैसले पर नाराजगी जताते हुए कहा कि- हाईकोर्ट ने एक दोषी को जमानत देने से यह कहकर मना कर दिया कि जमानत तभी दी जा सकती है, जब दोषी अपनी आधी सजा काट चुका हो.
सुप्रीम कोर्ट जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस उज्जल भुयान ने इस फैसले को ’नए कानून की खोज’ बताते हुए कहा कि- हाईकोर्ट का यह निर्णय कानून में कहीं नहीं लिखा है, यह पूरी तरह गलत है.
खबरों की मानें तो.... सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि- हम हैरान हैं कि हाईकोर्ट ने कानून का ऐसा नया सिद्धांत बना दिया, जिसका कोई आधार नहीं है. अदालत का स्पष्ट कहना है कि- जब ऊपरी अदालतों में अपीलों की संख्या बहुत ज्यादा हो और जल्दी सुनवाई की कोई संभावना नहीं हो, तो ऐसे मामलों में दोषियों को जमानत मिलनी चाहिए, हाईकोर्ट को मौजूदा कानूनों के आधार पर फैसला करना चाहिए था, किसी को मजबूर नहीं किया जाना चाहिए कि वह सुप्रीम कोर्ट तक आए केवल इसलिए कि- निचली अदालत अथवा हाईकोर्ट ने कानून का सही इस्तेमाल नहीं किया!
सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के जमानत से इनकार पर जताई नाराजगी- आपने नया कानून बना दिया?
प्रेषित समय :19:56:48 PM / Sat, Apr 19th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर




