GDP ग्रोथ: अनुमान से बेहतर आये आंकड़े, चौथी तिमाही में 7.4 फीसदी रही ग्रोथ रेट

GDP ग्रोथ: अनुमान से बेहतर आये आंकड़े, चौथी तिमाही में 7.4 फीसदी रही ग्रोथ रेट

प्रेषित समय :17:34:14 PM / Fri, May 30th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

नई दिल्ली. भारत के चौथी तिमाही के त्रष्ठक्क का आंकड़ा जारी हो चुका है. वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में भारत की वास्तविक जीडीपी ग्रोथ रेट बढ़कर 7.4 प्रतिशत रहा है, जो निरंतर ग्रोथ का संकेत देता है. हालांकि सालाना आधार पर वित्त वर्ष 2024-25 के लिए वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद 6.5 प्रतिशत रहा है. यह 4 साल का निचला स्तर है.

जनवरी मार्च यानी चौथी तिमाही में भारत की त्रष्ठक्क ग्रोथ 7.4त्न रही है. यह आंकड़ा अनुमानित 6.85त्न से काफी बेहतर है, तिमाही दर तिमाही आधार पर तेजी दर्ज की गई है. पिछली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 6.2 प्रतिशत रही थी, जो अब बढ़कर 7.4 प्रतिशत हो गई है. अर्थव्यवस्था का मजबूत प्रदर्शन बताता है कि घरेलू मांग, निवेश और कृषि उत्पादन में मजबूती रही है.

नॉमिनल जीडीपी में शानदार ग्रोथ

पिछले वर्ष की तुलना में नॉमिनल जीडीपी 9.8 प्रतिशत बढ़कर 330.68 लाख करोड़ पर पहुंच गई, जबकि स्थिर कीमतों पर वास्तविक जीडीपी 187.97 लाख करोड़ पर पहुंच गई. अकेले चौथी तिमाही में नॉमिनल जीडीपी 10.8 प्रतिशत बढ़कर 88.18 लाख करोड़ हो गई है.

जीडीपी में इतनी तेजी आखिर क्यों

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी किए गए डेटा में इस विस्तार के पीछे मुख्य कारकों पर प्रकाश डाला गया है. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर 9.4 प्रतिशत सालाना ग्रोथ के साथ सबसे आगे रहा, उसके बाद लोक प्रशासन, डिफेंस और अन्य सर्विस 8.9 प्रतिशत और वित्तीय, रियल एस्टेट और कारोबारी सर्विस सेक्टर में 7.2 प्रतिशत की ग्रोथ रहीं. चौथी तिमाही में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में और वृद्धि हुई और यह 10.8 प्रतिशत पर पहुंच गया.

प्राइवेट कंजम्प्शन, जो घरेलू मांग का बैरोमीटर है, में वर्ष के दौरान 7.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई. सकल स्थायी पूंजी निर्माण में भी लचीलापन दिखा, जो सालाना 7.1प्रतिशत और चौथी तिमाही में 9.4 प्रतिशत बढ़ा. खनन को शामिल करने वाले प्राथमिक सेक्टर में 4.4त्न की ग्रोथ हुई है. जबकि एक साल पले यह 2.7त्न थी. चौथी तिमाही में इसमें 5 प्रतिशत की तीव्र वृद्धि देखी गई, जबकि पिछले साल इसी तिमाही में यह मात्र 0.8 प्रतिशत थी.

आरजीवी में भी तेजी

रीयल ग्रॉस वैल्यू एडेड (आरजीवी) 171.87 लाख करोड़ रहा, जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 6.4 प्रतिशत अधिक है. नॉमिनल जीवीए 300.22 लाख करोड़ तक पहुंच गया, जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 9.5 प्रतिशत अधिक है. अनुमानों को कई संकेतकों का उपयोग करके संकलित किया गया था, जिसमें औद्योगिक उत्पादन सूचकांक, सूचीबद्ध कंपनियों का वित्तीय प्रदर्शन, फसल और पशुधन डेटा और कर संग्रह शामिल हैं. अधिकारियों ने कहा कि बेहतर डेटा कवरेज और इनपुट संशोधनों से भविष्य में समायोजन हो सकता है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अपनी पिछली मौद्रिक नीति बैठक में पूरे वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 6.6 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था. मार्च तिमाही के लिए केंद्रीय बैंक ने 7.2 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया था.

चौथी बड़ी इकोनॉमी का तमगा

जीडीपी के आंकड़े ऐसे समय में आए हैं जब नरेंद्र मोदी सरकार इस साल भारत के चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की बात कर रही है. आईएमएफ के अनुमान के मुताबिक, भारत 2025-26 के अंत तक जापान को पीछे छोड़कर अमेरिका, चीन और जर्मनी के बाद चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का तमगा हासिल कर लेगा. वित्त वर्ष 2025-26 की अप्रैल-जून तिमाही के लिए अगला जीडीपी अपडेट 29 अगस्त को जारी किया जाएगा.
 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-