पलपल संवाददाता, भोपाल. एमपी की राजधानी भोपाल में आयोजित देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300 वीं जयंती पर आयोजित महिला सशक्तिकरण महासम्मेलन में पीएम नरेन्द्र मोदी शामिल हुए. इस मौके पर पर पीएम ने एक बार फिर पाकिस्तान को चुनौती देते हुए कहा कि कि गोली का जवाब गोले से मिलेगा. सिंदूर भारत के शौर्य का प्रतीक बन गया है. मोदी ने कहा कि आतंकियों ने नारी शक्ति को चुनौती दी थी. यही चुनौती उनके और उनके आकाओं को लिए काल बन गई.
पीएम श्री मोदी ने आगे कहा कि हमारी सेना ने दुश्मन के घर में सैकड़ों किमी दूर घुसकर उनके आतंकी ठिकानों को तबाह किया. अब घर में घुसकर भी मारेंगे और जो आतंकियों की मदद करेगा उसे भी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी. पहलगाम में आतंकियों ने सिर्फ भारतीयों का खून ही नहीं बहाया उन्होंने हमारी संस्कृति पर भी प्रहार किया. उन्होंने समाज को बांटने की कोशिश की. सबसे बड़ी बात आतंकियों ने भारत की नारी शक्ति को चुनौती दी है. ये चुनौती आतंकियों और उनके आकाओं के लिए काल बन गई है. पीएम ने महासम्मेलन में कुल 39 मिनट 38 सेकेंड का भाषण दिया. इस दौरान देवी अहिल्याबाई के बारे में 25 मिनट 55 सेकेंड बोलने के बाद उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के बारे में बोलना शुरू किया.
सेना और उसके शौर्य पर उन्होंने 6 मिनट 58 सेकेंड तक तक बोला. नमो ड्रोन दीदी अभियान से गांव की बहनों का हौसला और कमाई बढ़ रही है. उनकी नई पहचान बन रही है. आज बहुत बड़ी संख्या में हमारी बेटियां वैज्ञानिकए डॉक्टरए इंजीनियर और पॉयलट बन रही हैं. हमारे यहां साइंस और मैथ पढऩे वाली बेटियों की संख्या लगातार बढ़ रही हैं. जितने भी बड़े स्पेस मिशन हैंए उनमें बड़ी संख्या में हमारी बहन.बेटियां काम कर रही हैं. चंद्रयान 3 मिशन में तो 100 से अधिक महिला वैज्ञानिक और इंजीनियर शामिल थीं. जमाना स्टार्टअप का है. स्टार्टअप के क्षेत्र में भी, हमारी बेटियां अद्भुत काम कर रही हैं. देश में लगभग 45 प्रतिशत स्टार्टअप की एक डारेक्टर हमारी बेटी है, हमारी बहन है.
आज घर तक नल से जल पहुंचा रही सरकार-
आज सरकार हर घर तक नल से जल पहुंचा रही है ताकि हमारी माताओं-बहनों को असुविधा न हो. बेटियां अपनी पढ़ाई में ध्यान दे सकें. करोड़ों लोगों के पास पहले बिजली, एलपीजी व टॉयलेट जैसी सुविधाएं भी नहीं थीं. ये सुविधाएं भी हमारी सरकार ने पहुंचाईं. ये सिर्फ सुविधाएं नहीं हैं. ये माताओं-बहनों के सम्मान का हमारी तरफ से नम्र प्रयास है.
प्रदेश की विकास परियोजनाएं-
आज एमपी को पहली मेट्रो सुविधा मिली है. इंदौर पहले ही स्वच्छता के लिए दुनिया में अपनी पहचान बना चुका है. अब इंदौर की पहचान उसकी मेट्रो से भी होने जा रही है. यहां भोपाल में भी मेट्रो का काम तेजी से चल रहा है.
दतिया और सतना भी अब हवाई सेवा से जुड़ गए हैं-
इन दोनों हवाई अड्डों से विंध्य व बुंदेलखंड में एयर कनेक्टिविटी बेहतर होगी. अब मां पीतांबरा, मां शारदा देवी व चित्रकूट की यात्रा सुलभ हो जाएगी. ये सभी प्रोजेक्ट मध्य प्रदेश में सुविधाएं बढ़ाएंगे, विकास को गति देंगे व रोजगार के कई नए अवसर बनाएंगे.
लोकमाता देवी अहिल्या के काम से सरकार को ऐसे जोड़ा-
पीएम मोदी ने कहाए हमारी सरकार लोकमाता देवी अहिल्याबाई के मूल्यों पर चलते हुए काम कर रही है. नागरिक देवो भव:, ये आज गवर्नेंस का मंत्र है. सरकार की हर बड़ी योजना के केंद्र में माताएं, बहन-बेटियां हैं.
पीएम आवास-
गरीबों के लिए 4 करोड़ घर बनाए जा चुके हैं. इनमें से ज्यादातर घर हमारी माताओं-बहनों के नाम हैं. इनमें से कई माताएं-बहनें ऐसी हैं. जिनके नाम पर पहली बार कोई संपत्ति दर्ज हुई हैं. कई बहनें पहली बार घर की मालकिन बनी हैं. आज सरकार हर घर तक नल से जल पहुंचा रही है, ताकि हमारी माताओं, बहनों को असुविधा न हो. बेटियां अपनी पढ़ाई में ध्यान दे सकें.
उज्ज्वला, स्वच्छ भारत-
करोड़ों लोगों के पास पहले बिजली, एलपीजी व टॉयलेट जैसी सुविधाएं भी नहीं थीं. ये सुविधाएं भी हमारी सरकार ने पहुंचाईं. ये सिर्फ सुविधाएं नहीं है, ये माताओं-बहनों के सम्मान का हमारी तरफ से नम्र प्रयास है. इससे उनके जीवन से अनेक मुश्किलें कम हुई हैं.
आयुष्मान भारत-
पहले माताएं-बहनें अपनी बीमारियों छिपाने पर मजबूर थीं. गर्भावस्था के दौरान अस्पताल जाने से बचती थीं. उनको लगता था कि इससे परिवार पर बोझ पढ़ेगा. इसलिए दर्द सकती थीं. आयुष्मान भारत योजना ने उनकी इस चिंता को भी खत्म किया है. अब वो भी अस्पताल में 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज कर सकती हैं.
जन-धन योजना-
महिलाओं के लिए पढ़ाई और दवाई के साथ ही जो बहुत जरूरी चीज है वो कमाई भी है. जब महिलाएं की अपनी आय होती है तो घर में उसका स्वाभिमान बढ़ जाता है. घर के निर्णयों में उसकी सहभागिता बढ़ जाती है. बीते 11 वर्षों में हमारी सरकार ने देश की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने का काम किया है.
मुद्रा लोन-
मुद्रा योजना से बिना गारंटी के लोन मिल रहा है. मुद्रा योजना की 75 परसेंट से ज्यादा लाभार्थी हमारी माता-बहनें हैं. देश में 10 करोड़ बहनें सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़ी हैं. ये बहनें अपनी कमाई के साधन बनाएं इसके लिए सरकार मदद कर रही है.
लखपति दीदी-
हमने ऐसी 3 करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाने का संकल्प लिया है. डेढ़ करोड़ से ज्यादा बहनें लखपति दीदी बन चुकी हैं. बीमा सखियां बनाने का अभियान भी शुरू किया है.
नमो ड्रोन दीदी अभियान-
एक समय था जब नई टेक्नोलॉजी आती थी तो महिलाओं को उससे दूर रखा जाता था. हमारा देश आज उस दौर को पीछे छोड़ रहा है. आज सरकार का प्रयास है कि आधुनिक तकनीक में भी हमारी बहनें आगे बढ़कर नेतृत्व दें. खेती में ड्रोन क्रांति आ रही है. इसको हमारी बहनें ही नेतृत्व दे रही हैं. नमो ड्रोन दीदी अभियान से गांव की बहनों का हौसला और कमाई बढ़ रही है. उनकी नई पहचान बन रही है.
-शिक्षा और व्यवसाय-
आज बहुत बड़ी संख्या में हमारी बेटियां वैज्ञानिक, डॉक्टर, इंजीनियर व पॉयलट बन रहे हैं. हमारे यहां साइंस व मैथ पढऩे वाली बेटियों की संख्या लगातार बढ़ रही हैं. जितने भी बड़े स्पेस मिशन हैंए उनमें बड़ी संख्या में हमारी बहन.बेटियां काम कर रही हैं.
हमारी सरकार ने महिलाओं को आर्थिक रुप से सशक्त बनाया-
बीते 11 वर्षों में हमारी सरकार ने देश की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने का काम किया है. 2014 से आपने मुझे सेवा का अवसर दिया उससे पहलेए 30 करोड़ बहनें ऐसी थीए जिनके बैंक खाते ही नहीं थे. हमारी सरकार ने उनके खाते खुलवाए और अलग.अलग योजनाओं के पैसे उनके खातों में भेज रही है. वे गांव हो या शहर अपना कुछ न कुछ काम कर रही है. आर्थिक उपार्जन कर रही हैं, स्वरोजगार कर रही हैं. मुद्रा योजना से बिना गारंटी के लोन मिल रहा है. मुद्रा योजना की 75 परसेंट से ज्यादा लाभार्थी हमारी माता.बहनें हैं. देश में 10 करोड़ बहनें सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़ी हैं.
आयुष्मान भारत योजना ने महिलाओं की चिंता खत्म की-
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले माताएं-बहनें अपनी बीमारियों छिपाने पर मजबूर थीं. गर्भावस्था के दौरान अस्पताल जाने से बचती थीं. उनको लगता था कि इससे परिवार पर बोझ पढ़ेगा. इसलिए दर्द सहती थीं. आयुष्मान भारत योजना ने उनकी इस चिंता को भी खत्म किया है. अब वो भी अस्पताल में 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज कर सकती हैं.
सरकार हर घर तक नल से जल पहुंचा रही-मोदी
उन्होंने कहा कि आज सरकार हर घर तक नल से जल पहुंचा रही है, ताकि हमारी माताओं-बहनों को असुविधा न हो. बेटियां अपनी पढ़ाई में ध्यान दे सकें. करोड़ों लोगों के पास पहले बिजली, एलपीजी व टॉयलेट जैसी सुविधाएं भी नहीं थीं. ये सुविधाएं भी हमारी सरकार ने पहुंचाईं. ये सिर्फ सुविधाएं नहीं हैं, ये माताओं-बहनों के सम्मान का हमारी तरफ से नम्र प्रयास है. इससे उनके जीवन से अनेक मुश्किलें कम हुई हैं.
हमारी सरकार लोकमाता के मूल्यों पर चल रही-
मोदी ने कहा कि हमारी सरकार लोकमाता अहिल्याबाई के इन्हीं मूल्यों पर चलते हुए काम कर रही है. नागरिक देवो भव: ये आज गवर्नेंस का मंत्र है. सरकार की हर बड़ी योजना के केंद्र में माताएं, बहनें-बेटियां हैं. गरीबों के लिए 4 करोड़ घर बनाए जा चुके हैं. इनमें से ज्यादातर घर हमारी माताओं-बहनों के नाम हैं. इनमें से कई माताएं-बहनें ऐसी हैं. जिनके नाम पर पहली बार कोई संपत्ति दर्ज हुई हैं. यानी पहली बार घर की मालकिन बनी हैं.
अब आतंकियों के जरिए प्रॉक्सी वॉर नहीं चलेगा-
ऑपरेशन सिंदूर ने डंके की चोट पर कह दिया है कि आतंकियों के जरिए प्रॉक्सी वॉर नहीं चलेगा. अब घर में घुसकर भी मारेंगे और जो आतंकियों की मदद करेगा उसे भी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी. 140 करोड़ देशवासी कह रहे हैं अगर तुम गोली चलाओगेए मानके चलो गोली का जवाब गोले से दिया जाएगा.
आतंकियों ने हमारी संस्कृति पर प्रहार किया-
पहलगाम में आतंकियों ने सिर्फ भारतीयों का खून ही नहीं बहाया उन्होंने हमारी संस्कृति पर भी प्रहार किया. उन्होंने समाज को बांटने की कोशिश की. सबसे बड़ी बात आतंकियों ने भारत की नारी शक्ति को चुनौती दी है. ये चुनौती आतंकियों और उनके आकाओं के लिए काल बन गई है.
मोदी बोले, सिंदूर हमारी परंपरा में नारी शक्ति का प्रतीक-
मोदी ने कहा कि भारत संस्कृति और संस्कार का देश है. सिंदूर हमारी परंपरा में नारी शक्ति का प्रतीक है. राम भक्ति रंगे हनुमान जी भी सिंदूर को ही धारण किए हुए हैं. शक्ति पूजा में हम सिंदूर का अर्पण करते हैं. यही सिंदूर अब भारत के शौर्य का प्रतीक बना है.
देवी अहिल्याबाई ने समाज सुधारों को भरपूर समर्थन दिया
मोदी ने कहा कि देवी अहिल्या जी ही थीं, उन्होंने महिलाओं का भी संपत्ति में अधिकार हो, जिनके पति की असमय मृत्यु हो गई हो, वो फिर विवाह कर सकें. उस कालखंड में ये बातें करना भी बहुत मुश्किल लगता था. लेकिन अहिल्याबाई ने इन समाज सुधारों को भरपूर समर्थन दिया. उन्होंने मालवा की सेना में महिलाओं की एक विशेष टुकड़ी भी बनाई थी. ये पश्चिम की दुनिया के लोगों को पता नहीं है. हमें कोसते रहते हैं. हमारी माताओं.बहनों के अधिकारों के नाम पर हमें नीचा दिखाने की कोशिश करते हैं.
ढाई सौ.तीन सौ साल पहले हमारे देश में सेना में महिलाओं का होनाण्ण्ण्. उन्होंने गांवों में महिला सुरक्षा टोलियांए ये भी बनाने का काम किया था. यानी अहिल्याबाई राष्ट्र निर्माण में हमारे नारी शक्ति के अमूल्य योगदान का प्रतीक है. मैं उनको प्रणाम करता हूं. प्रार्थना करता हूंए आप जहां भी होंए हम पर आशीर्वाद बरसाएं.
हमारी सेना ने दुश्मन के घर में घुसकर मारा
पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आतंकियों ने नारी शक्ति को चुनौती दी थी. यही चुनौती उनके और उनके आकाओं को लिए काल बन गई. हमारी सेना ने दुश्मन के घर में सैकड़ों किमी दूर घुसकर उनके आतंकी ठिकानों को तबाह किया. ऑपरेशन सिंदूर भारत के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा सफल ऑपरेशन है.
देवी अहिल्याबाई ने कई बड़े सामाजिक सुधार किए
महिला सशक्तिकरण महासम्मेलन को संबोधित कर रहे पीएम मोदी ने कहा. देवी अहिल्याबाई को कई बड़े सामाजिक सुधारों के लिए भी हमेशा याद रखा जाएगा. आज अगर बेटियों की शादी की उम्र की चर्चा करें तो हमारे देश के कुछ लोगों को सेक्युलरिज्म खतरे में दिखता है. उनको लगता है ये हमारे धर्म के खिलाफ है. देवी अहिल्या बाई को देखिए. मातृ शक्ति के लिए उस जमाने में बेटियों की शादी के बारे में सोचती थीं. उनकी खुद की शादी कम उम्र में हुई थी. लेकिन उनको पता थाए बेटियों के विकास के लिए कौन सा रास्ता होना चाहिए.
देवी अहिल्या ने महेश्वरी साड़ी के लिए नए उद्योग लगाए-
पीएम ने कहा कि देवी अहिल्या ने विश्व प्रसिद्ध महेश्वरी साड़ी के लिए नए उद्योग लगाए. बहुत कम लोगों को पता होगा कि देवी अहिल्या हुनर की पारखी थीं. वो गुजरात के जूनागढ़ से कुछ कारीगरों को लेकर आईं और महेश्वरी साड़ी का काम आगे बढ़ायाए जो अनेक परिवारों का गहना बन गया. जिससे हमारे बुनकर परिवारों को बहुत फायदा हुआ है.
अहिल्याबाई ने कपास और मसालों की खेती को प्रोत्साहित किया
पीएम मोदी ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए देवी अहिल्याबाई ने कपास व मसालों की खेती को प्रोत्साहित किया. आज हमें बार-बार किसानों को कहना पड़ता है कि क्रॉप डायवर्सिफिकेशन बहुत जरूरी है. हम केवल धान या गन्ने की खेती करके अटक नहीं सकते. उन्होंने आदिवासियों और घुमंतू टोलियों के लिए खाली पड़ी जमीन पर खेती की योजना बनाई.