पलपल संवाददाता, जबलपुर/भोपाल। देश में कोरोना के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ रहे है। देश में एक्टिव मामलों की संख्या 1047 हो गई है, जो तीन दिन पहले 316 थी। इसके अलावा एमपी में भी एक्टिव केस पांच हो गए है, जिसमें इंदौर में चार व उज्जैन में एक है। हालांकि सरकार द्वारा अभी तक कोई गाइड लाइन जारी नहीं की है।
बताया गया है कि कोरोना के बढ़ते मामलों के पीछे वायरस के लगातार हो रहे म्यूटेशन व दो नए सब-वैरिएंट का सक्रिय होना मुख्य कारण माना जा रहा है। हालांकि इसके बाद भी जबलपुर, भोपाल सहित प्रदेश के कुछ बड़े शहरों में कोरोना को लेकर तैयारी और जागरूकता की कमी दिख रही है। भोपाल में सरकारी अस्पताल संदिग्ध कोरोना मरीजों की जांच के आदेश का इंतजार कर रहे हैं। वहीं उज्जैन में भी यही हालात हैं। किसी सरकारी अस्पताल में जांच नहीं की जा रही है। अधिकारियों को कहना है कि फिलहाल कोविड को लेकर कोई गाइडलाइन नहीं मिली है। विशेषज्ञों की माने तो जेएन 1 वैरिएंट के लक्षण कुछ दिनों से लेकर हफ्तों तक रह सकते हैं। यदि आपके लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं, तो हो सकता है कि आपको लंबे समय तक रहने वाला कोविड हो। यह एक ऐसी स्थिति है। जिसमें कोविड-19 के कुछ लक्षण ठीक होने के बाद भी बने रहते हैं। डाक्टरों का कहना है कि जेएन-1 तेजी से फैलता जरूर है। लेकिन यह आमतौर पर गंभीर बीमारी पैदा नहीं करता। फिर भी दुनिया के कई हिस्सों में यह वैरिएंट सबसे आम बना हुआ है, जिसके चलते सतर्कता जरुरी है।
राजधानी भोपाल में जांच के आदेश के इंतजार में सरकारी हॉस्पिटल-
कोरोना के बढ़ते मामलों की सटीक कारण जानने व किस वैरिएंट का कितना प्रभाव है। इसकी पुष्टि के लिए ज्यादा से ज्यादा संदिग्ध मरीजों की जांच व उनके सैंपल्स की जीनोम सीक्वेंसिंग कराना अनिवार्य है। यहां पर सरकारी अस्पतालों को अब भी स्वास्थ्य विभाग से आदेश आने का इंतजार है।
इन शहरों में संदिग्ध मरीजों की जांच करानी चाहिए-
विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी स्थिति में इंदौर व भोपाल के सरकारी अस्पतालों को अधिक से अधिक संदिग्ध मरीजों की जांच करनी चाहिए। पॉजिटिव सैंपल्स को लैब में भेजना चाहिए ताकि प्रदेश में कौन सा वैरिएंट ज्यादा लोगों को प्रभावित कर रहा हैए इसकी सटीक जानकारी मिल सके।
भोपाल एम्स में आरटीपीसीआर जांच-
कोविड अलर्ट के बीच एम्स भोपाल ने अपनी तैयारी तेज कर दी है। संस्थान ने किसी भी आपात स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए एक विशेष टास्क फोर्स का गठन किया है। एम्स में आरटीपीसीआर जांच भी लगातार हो रही है, जिससे कोविड संक्रमण की सटीक पहचान संभव है।
जबलपुर में कोरोना केस आने पर तत्काल जांच के निर्देश हैं-
जबलपुर में फिलहाल कोरोना के केस सामने नहीं आए हैं। फिर भी स्वास्थ्य विभाग ने अपनी तैयारी कर रखी है। जिला अस्पताल सहित मेडिकल कॉलेज व सिहोरा स्वास्थ्य केंद्र में लगाए गए ऑक्सीजन प्लांट की समय-समय पर मॉनिटरिंग की जा रही है। सीएमएचओ डॉ संजय मिश्रा ने जबलपुर सहित संभाग के सभी जिम्मेदार अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि कोरोना से संबंधित जो भी केस संदिग्ध लगता है तत्काल जांच करवाई जाए। इसके साथ ही निजी अस्पतालों को भी निर्देश दिए गए हैं कि कुछ वार्ड सावधानी के लिए तैयार रखें।