MP : कूनो नेशनल पार्क से भटककर मुरैना पहुंचे पांच चीते,जौरा में सड़क पार करते नजर आए..!

MP : कूनो नेशनल पार्क से भटककर मुरैना पहुंचे पांच चीते,जौरा में सड़क पार करते नजर आए..!

प्रेषित समय :20:01:37 PM / Sun, Jun 15th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर


पलपल संवाददाता, मुरैना। एमपी के मुरैना स्थित जौरा क्षेत्र में आज सुबह के वक्त हड़कम्प मच गया। जब लोगों ने कूनो नेशनल पार्क से निकले पांच चीते पगारा बांध के पास नजर आए। चीतों को खुलेआम घूमते देख अफरातफरी व भगदड़ मच गई। खबर मिलते ही वन विभाग की टीम पहुंच गई और चीतों की तलाश में जुट गई।

 बताया गया है कि मुरैना में आज सुबह के वक्त सैर पर निकले राहगीरों ने जब अचानक चीतों को देखा तो कुछ लोग दहशत में जहां-तहां छिप गए, वहीं कुछ ने चीतों का वीडियो बनाया। चीते कूनो नेशनल पार्क से निकलकर पगारा बांध की ओर बढ़ते हुए दिखाई दिए। चीते पगारा डैम के पास कोठी की घाटी पर बैठे थे। दोपहर करीब 2 बजे वे खोखापुरा गांव में एक पहाड़ी के नीचे बैठे रहे। वन अधिकारियों का कहना था कि चीतों ने पहाड़ी पर मौजूद ग्रामीण विशाल पिता बद्री की चार बकरियों का शिकार कर लिया।  विभाग की टीम ने इलाके को घेरकर निगरानी शुरू कर दी है। ये चीते कूनो नेशनल पार्क श्योपुर से कैलारस होते हुए जौरा क्षेत्र में पहुंचे हैं। वर्तमान में सभी चीते पगारा डैम, कोठी व जोगी देवगढ़ गांव की घटिया के ऊपरी क्षेत्र में आराम कर रहे हैं। चीतों के गले में ट्रैकिंग कॉलर लगे हैं, जिनसे उनकी लोकेशन की जानकारी मिल रही है। वन विभाग की टीम चीतों के साथ-साथ चल रही है और उनकी गतिविधियों पर नजर रख रही है। उन्होंने बताया कि अब तक चीतों ने किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है। ऐसा कहा जा रहा है कि चीतों का नेशनल पार्क से बाहर आना असामान्य नहीं है, लेकिन एक साथ पांच चीतों का बाहर निकलना चिंताजनक है। लोगों ने बताया कि इससे न केवल जनसुरक्षा बल्कि पार्क प्रबंधन की निगरानी व्यवस्था पर भी सवाल उठ रहे हैं। जौरा और आसपास के ग्रामीण इलाकों में दहशत का माहौल है। लोग समूह में ही बाहर निकल रहे हैं। बच्चों को घरों में रखा जा रहा है। चीतों के वीडियो वायरल होने के बाद यह मामला पूरे जिले में चर्चा का विषय बन गया है। विभाग ने ग्रामीणों से सतर्क रहने की अपील की है। विभाग ने लोगों को खेतों में अकेले न जाने, बच्चों को बाहर खेलने से रोकने व चीतों की लोकेशन की जानकारी तत्काल वन विभाग या स्थानीय प्रशासन को देने का निर्देश दिया है।

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-