कच्चे केले की टिक्की एक सात्विक, व्रत-योग्य और सुपाच्य व्यंजन है जिसे बिना लहसुन-प्याज़ के बनाया जाता है. यह टिक्की पोटैटो कटलेट का हेल्दी और देसी विकल्प है, जो सावन में उपवास या शिव पूजा के प्रसाद के रूप में भी दी जा सकती है.
यह रेसिपी पूरी तरह सात्विक है — प्याज़-लहसुन रहित और व्रत-योग्य अनाज से बनी होती है.
कच्चा केला आयरन, फाइबर और विटामिन B6 से भरपूर होता है — पाचन में सहायक और वात-नाशक होता है.
मूँगफली प्रोटीन और हेल्दी फैट्स देती है, जिससे उपवास में ऊर्जा बनी रहती है.
सिंघाड़ा या अरारोट जैसे आटे पेट को ठंडक देते हैं और व्रत के लिए उपयुक्त हैं.
यह टिक्की फ्राई नहीं बल्कि शैलो फ्राई होती है, जिससे यह कम वसा युक्त होती है.
सावन में शिवभक्त निर्जल या फलाहारी व्रत करते हैं. यह टिक्की फलाहार के अंतर्गत आती है.
सोमवार के दिन विशेष रूप से भगवान शिव को सात्विक, स्वच्छ और शुद्ध आहार का भोग लगाया जाता है – यह टिक्की उसी श्रेणी में उपयुक्त है.
पूजा में चढ़ाने के बाद इसे प्रसाद के रूप में बांटा जा सकता है.
आवश्यक सामग्री (2-3 लोगों के लिए)
सामग्री मात्रा
कच्चे केले 3 (मीडियम आकार के, उबले और छिले हुए)
उबले आलू 2 (मीडियम)
सेंडहा नमक स्वादानुसार
अदरक (कद्दूकस किया हुआ) 1 चम्मच
हरी मिर्च (बारीक कटी) 1
नींबू का रस 1 चम्मच
हरा धनिया 2 चम्मच (कटा हुआ)
भुनी मूँगफली (दरदरी पिसी) 2 चम्मच
अरारोट/सिंघाड़ा आटा 2 चम्मच (बाइंडिंग के लिए)
देसी घी या मूँगफली तेल टिक्की तलने के लिए
बनाने की विधि
सबसे पहले कच्चे केले को उबाल लें (4-5 सीटी प्रेशर कुकर में). ठंडा होने पर छीलकर अच्छे से मैश करें.
उबले हुए आलू को भी अच्छी तरह मैश करें और केले के साथ मिला दें.
अब इसमें सेंडहा नमक, अदरक, हरी मिर्च, नींबू का रस, हरा धनिया और भुनी मूँगफली मिलाएं.
बाइंडिंग के लिए अरारोट या सिंघाड़ा आटा डालें.
मिश्रण से छोटी-छोटी टिक्कियाँ बना लें.
तवा या पैन गरम करें, उसमें थोड़ा सा देसी घी डालें और टिक्कियों को मध्यम आंच पर सुनहरा होने तक शैलो फ्राई करें.
परोसने का सुझाव
दही और हरी चटनी के साथ गरमा गरम परोसें.
व्रत या सावन सोमवार के दिन शिव पूजन के बाद प्रसाद के रूप में भी परोसी जा सकती है.
चाहें तो टिफिन या शाम की चाय के साथ स्नैक्स में भी शामिल करें.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-




