गणेशोत्सव का पर्व हर साल अपने साथ कुछ नई कहानियां, परंपराओं और भावनात्मक क्षणों को लेकर आता है. इस बार गणेश चतुर्थी के अवसर पर एक ऐसा नजारा सामने आया जिसने लाखों लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया. यह दृश्य किसी भव्य पंडाल या सजावट का नहीं, बल्कि एक मासूम जीव और भगवान गणेश की मूर्ति के बीच बने अद्भुत सुकून और सहजता का था. एक प्यारी सी बिल्ली भगवान गणेश की मूर्ति पर आराम से सो गई और यह पल सोशल मीडिया पर साझा होते ही वायरल हो गया. यह तस्वीर और वीडियो लोगों के लिए न केवल मनोरंजन का माध्यम बनी, बल्कि इसने श्रद्धा, आस्था और दया का एक अनोखा संदेश भी दिया.
गणेशोत्सव के दौरान सजावट और पूजा पंडालों में हजारों तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर आते हैं. लेकिन इस बार जिस तस्वीर ने सबका दिल जीत लिया, उसमें किसी कलाकार या मशहूर हस्ती का प्रदर्शन नहीं था, बल्कि एक साधारण सी बिल्ली थी, जो भगवान गणेश की मूर्ति के हाथ पर आराम से सो रही थी. जैसे ही यह वीडियो और फोटो इंस्टाग्राम, फेसबुक और ट्विटर पर आए, तुरंत ही लाखों व्यूज और प्रतिक्रियाएं मिलने लगीं. लोग लिखने लगे—“गणपति बप्पा की गोद में यह मासूम आत्मा सुरक्षित महसूस कर रही है.”
इस वायरल क्षण की सबसे बड़ी खासियत उसकी सरलता थी. भीड़भाड़, सजावट और धूमधाम के बीच यह नन्हा जीव गणपति के हाथ पर बैठकर सो गया, मानो उसने वहां अपना सबसे सुरक्षित आश्रय ढूंढ लिया हो. कई लोगों ने इसे ‘भक्त और भगवान के बीच का निश्छल रिश्ता’ कहा तो कुछ ने लिखा कि यह दृश्य दर्शाता है कि इंसान ही नहीं, बल्कि प्रकृति के सभी जीव भगवान के चरणों में समान रूप से स्थान पाते हैं.
सोशल मीडिया पर इस वीडियो को लेकर भावनात्मक प्रतिक्रियाएं भी आईं. एक यूज़र ने लिखा—“यह दृश्य बताता है कि शांति और सुकून कहीं बाहर नहीं, बल्कि श्रद्धा और दया के वातावरण में मिलते हैं.” वहीं दूसरे यूज़र ने मज़ाकिया अंदाज में लिखा—“गणपति बप्पा के हाथ पर तो सबको चैन की नींद आती है.” कई लोगों ने इसे त्योहार की सबसे प्यारी और यादगार तस्वीर करार दिया.
यहां दिलचस्प बात यह रही कि गणेशोत्सव के दौरान सुरक्षा और व्यवस्था को लेकर जिस तरह का शोर-शराबा और हलचल होती है, उसमें किसी जानवर का इस तरह सहज होकर सो जाना भी आश्चर्यजनक था. यह दृश्य मानो इस बात का प्रतीक था कि जहां आस्था और प्रेम का वातावरण होता है, वहां भय का कोई स्थान नहीं रहता. बिल्ली का गणेश मूर्ति के हाथ पर सोना इस बात का सजीव उदाहरण था कि आस्था का माहौल सिर्फ इंसानों को ही नहीं, बल्कि पशु-पक्षियों को भी सुकून और सुरक्षा का एहसास दिलाता है.
यह वायरल वीडियो केवल भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में बसे भारतीय समुदायों तक भी पहुंचा. अमेरिका, कनाडा और यूरोप में बसे प्रवासी भारतीयों ने इस पर अपनी भावनाएं साझा कीं. कई लोगों ने लिखा कि वे इस वीडियो को देखकर अपने गांव और मोहल्ले के गणेशोत्सव की याद में खो गए. इस तरह एक साधारण से दृश्य ने करोड़ों लोगों के बीच सांस्कृतिक और भावनात्मक जुड़ाव की एक नई कड़ी बना दी.
धार्मिक दृष्टिकोण से भी इस वीडियो को विशेष महत्व दिया गया. कुछ विद्वानों ने इसे ‘गणपति की करुणा और दया’ का प्रतीक बताया. उनका कहना था कि भगवान गणेश, जो विघ्नहर्ता और करुणामूर्ति कहलाते हैं, वे केवल इंसानों के ही नहीं बल्कि हर जीव-जंतु के रक्षक हैं. इस दृश्य ने मानो उस विचार को जीवंत कर दिया कि गणेश जी हर प्राणी को समान दृष्टि से देखते हैं.
आधुनिक दौर में जब सोशल मीडिया पर अक्सर नकारात्मक खबरें और विवादास्पद सामग्री ज्यादा वायरल होती है, ऐसे समय में यह वीडियो उम्मीद और सकारात्मकता की एक किरण लेकर आया. लोगों ने इसे राहत और सुकून देने वाला बताया. खासकर शहरी तनाव भरे जीवन में इस तरह की तस्वीरें लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाने का काम करती हैं.
यह घटना इस बात का प्रमाण है कि त्योहार केवल परंपरा और धर्म का पालन भर नहीं होते, बल्कि वे हमें संवेदनशीलता, दया और एकता का भी संदेश देते हैं. गणेशोत्सव की भीड़ और हलचल के बीच एक मासूम बिल्ली का मूर्ति पर सुकून से सो जाना उस मूल भावना को और गहराई से सामने लाता है.
कुल मिलाकर, यह दृश्य हमें याद दिलाता है कि श्रद्धा और भक्ति का माहौल सभी के लिए शांति और सुरक्षा का प्रतीक है. चाहे इंसान हो या जानवर, जब वातावरण प्रेम और करुणा से भरा हो तो हर कोई उसमें अपना सुकून पा सकता है. यही वजह है कि गणेश जी की मूर्ति पर सोती इस बिल्ली की तस्वीर आने वाले कई दिनों तक लोगों के दिलों और सोशल मीडिया की टाइमलाइन पर बनी रहेगी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-


