जबलपुर: शहर में लड़कियों के एक 'लेडी गैंग' द्वारा की गई सनसनीखेज वारदात ने हर किसी को स्तब्ध कर दिया है। इस गैंग में दो नाबालिग किशोरियाँ और एक युवती शामिल थीं, जिन्होंने नाबालिग लड़कियों को निशाना बनाया। आरोप है कि इस गैंग ने पहले लड़कियों को चाकू दिखाकर धमकाया, उन्हें जबरन एक अलग जगह ले जाकर बेरहमी से पीटा, और फिर खुद ही इस हैवानियत का वीडियो बनाकर इंस्टाग्राम पर अपलोड कर दिया। वीडियो के सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने के बाद, पीड़ित लड़कियों ने साहस जुटाकर ग़्वारीघाट पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई, जिसके आधार पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस 'लेडी गैंग' का अपराध करने का तरीका (Modus Operandi) बेहद डरावना था। यह गैंग आदतन लड़कियों को धमकाकर अगवा करता था। सबसे पहले, आरोपी लड़कियाँ पीड़ितों को चाकू की नोक पर डराती थीं, जिसके बाद उन्हें जबरन शहर की भीड़-भाड़ वाली जगहों से दूर, सुनसान स्थानों पर ले जाया जाता था। इन एकांत जगहों पर ही पीड़ितों के साथ मारपीट की जाती थी, उन्हें गालियाँ दी जाती थीं और उन्हें मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जाता था। इस पूरी घटना को बाकायदा मोबाइल फोन पर रिकॉर्ड किया जाता था, जिसका एकमात्र उद्देश्य इन वीडियो को इंस्टाग्राम पर अपलोड कर अपनी 'दबंगई' साबित करना और तेज़ी से वायरल होना था।
अपराध की क्रूरता का अंदाज़ा इन वायरल क्लिप्स से लगाया जा सकता है। एक वीडियो में, मुख्य आरोपी युवती को पीड़ित के चेहरे पर सिगरेट का धुआँ छोड़ते हुए और बेहद अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करते हुए स्पष्ट रूप से देखा गया। एक अन्य वीडियो में, वही आरोपी पीड़िता को थप्पड़ मारती और लगातार लात मारती नज़र आ रही थी, जबकि पीछे से अन्य सदस्य वीडियो रिकॉर्ड कर रहे थे। यह सिर्फ मारपीट नहीं थी, बल्कि पीड़ितों को सार्वजनिक रूप से नीचा दिखाने और उन्हें दहशत में रखने का सुनियोजित प्रयास था। अपराधियों की यह मानसिकता कि वे अपने अपराध को हथियार बनाकर सोशल मीडिया पर प्रसिद्धि पा सकती हैं, बेहद खतरनाक सामाजिक संकेत दे रही है।
मामला तब सामने आया जब इस गैंग की हैवानियत का एक वीडियो इंस्टाग्राम पर अभूतपूर्व गति से वायरल हो गया। यह वीडियो न केवल सैकड़ों-हजारों बार देखा गया, बल्कि इसने पूरे सोशल मीडिया पर गंभीर आक्रोश और भावनात्मक प्रतिक्रिया को जन्म दिया। लोगों ने वीडियो को शेयर करते हुए तत्काल पुलिस कार्रवाई की मांग की। सोशल मीडिया के इस दबाव के चलते ही, पीड़ितों में से एक ने साहस जुटाया और अपने परिवार के साथ ग़्वारीघाट पुलिस स्टेशन पहुँची, जहाँ उसने तीनों आरोपियों के खिलाफ विस्तृत प्राथमिकी (FIR) दर्ज कराई।
पुलिस ने वायरल वीडियो और पीड़िता के बयान को अत्यंत गंभीरता से लिया। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर तत्काल एक विशेष टीम का गठन किया गया, जिसने साइबर और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर गैंग के सदस्यों की पहचान की। छानबीन में पता चला कि तीनों आरोपी कंचघर क्षेत्र की रहने वाली थीं, जिनमें एक वयस्क युवती थी और दो नाबालिग किशोरियाँ थीं। पुलिस ने इस त्वरित कार्रवाई में तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस अधिकारियों ने पुष्टि की है कि आरोपी युवती को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है, जबकि दोनों नाबालिग आरोपियों को किशोर गृह (Juvenile Home) में भेज दिया गया है, जहाँ उनके सुधार और काउंसलिंग पर ध्यान दिया जाएगा।
पुलिस की शुरुआती जाँच के अनुसार, एक और चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है: इन तीनों लड़कियों का कोई पूर्व आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था। वे ये सभी खतरनाक कृत्य केवल और केवल सोशल मीडिया पर प्रसिद्ध होने और अपने रील्स (Reels) पर अधिक से अधिक 'व्यूज' हासिल करने के लिए कर रही थीं। यह स्पष्ट करता है कि डिजिटल फेम की लत किस हद तक युवाओं के नैतिक और सामाजिक मूल्यों को भ्रष्ट कर रही है। एक पल की ऑनलाइन प्रसिद्धि के लिए वे न केवल दूसरे लोगों की जिंदगी को संकट में डाल रहे हैं, बल्कि अपने भविष्य को भी दाँव पर लगा रहे हैं।
पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की गंभीर धाराओं, जिनमें अपहरण (BNS धारा 172), मारपीट और गंभीर चोट पहुँचाना (BNS धारा 138/139), और आपराधिक धमकी (Criminal Intimidation) से संबंधित अनुभाग शामिल हैं, के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस अब यह भी जाँच कर रही है कि क्या इस 'लेडी गैंग' ने पहले भी किसी अन्य लड़की को इसी तरह प्रताड़ित किया था, जिसके वीडियो उन्होंने बाद में डिलीट कर दिए हों।
इस घटना ने अभिभावकों और समाजशास्त्रियों के लिए एक बड़ी चेतावनी जारी की है। सोशल मीडिया पर 'ट्रेंड' और 'वायरल' होने की अंधी दौड़, बिना किसी परिणाम की चिंता किए, युवाओं को अमानवीय कृत्यों की ओर प्रेरित कर रही है। ग़्वारीघाट पुलिस की त्वरित और निर्णायक कार्रवाई ने यह सुनिश्चित किया है कि वायरल होने के लिए किया गया अपराध, सीधे जेल या किशोर गृह की राह दिखाता है। अब यह देखना होगा कि इस मामले की न्यायिक प्रक्रिया कितनी सख़्त होती है, ताकि भविष्य में कोई भी युवा सोशल मीडिया के इस खतरनाक मोहजाल में फँसकर ऐसी आपराधिक लापरवाही न करे। ग़्वारीघाट पुलिस स्टेशन मामले की गहन जाँच में जुटी हुई है और इस पूरे प्रकरण पर शहर की निगाहें टिकी हुई हैं।
Source : palpalindia
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प्रेषित समय :19:41:09 PM / Mon, Nov 24th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर




