असम में प्रधानमंत्री मोदी का बड़ा हमला, SIR के बहाने कांग्रेस पर घुसपैठियों को बचाने का आरोप

असम में प्रधानमंत्री मोदी का बड़ा हमला, SIR के बहाने कांग्रेस पर घुसपैठियों को बचाने का आरोप

प्रेषित समय :21:53:58 PM / Sat, Dec 20th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

गुवाहाटी.राजनीतिक सरगर्मी शनिवार को उस वक्त और तेज हो गई, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बड़े मंच से कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए घुसपैठ, सुरक्षा और लोकतंत्र को लेकर सीधे आरोप लगाए. असम दौरे के दौरान एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा शुरू की गई स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन यानी SIR की प्रक्रिया का मकसद लोकतंत्र को शुद्ध करना है, ताकि घुसपैठिए चुनावी प्रक्रिया से बाहर रहें, लेकिन कांग्रेस इसका विरोध कर ऐसे लोगों को संरक्षण देने की कोशिश कर रही है. प्रधानमंत्री के शब्दों में यह केवल एक राजनीतिक विरोध नहीं, बल्कि देश की सुरक्षा और असम की पहचान से जुड़ा गंभीर सवाल है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार घुसपैठ को रोकने के लिए सख्त कदम उठा रही है, लेकिन कुछ लोग और दल ऐसे हैं जो वोट बैंक की राजनीति के चलते इन प्रयासों में बाधा डाल रहे हैं. उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि दशकों तक असम और पूरे पूर्वोत्तर को विकास से दूर रखा गया, जिसका खामियाजा देश को एकता, सुरक्षा और अखंडता के रूप में भुगतना पड़ा. मोदी ने कहा कि कांग्रेस शासन के दौरान हिंसा और अस्थिरता का दौर वर्षों तक चला, लेकिन बीते 10–11 वर्षों में हालात तेजी से बदले हैं और अब पूर्वोत्तर के वे जिले, जो कभी हिंसा प्रभावित माने जाते थे, आज आकांक्षी जिलों के रूप में विकास की नई कहानी लिख रहे हैं.

प्रधानमंत्री का यह बयान ऐसे समय आया है, जब चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर सियासी बहस तेज है. मोदी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि SIR का उद्देश्य किसी को निशाना बनाना नहीं, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में वही लोग शामिल हों, जिनका इस देश और राज्य से वास्तविक और वैध संबंध है. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस और कुछ अन्य दल इस प्रक्रिया का विरोध इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि इससे उनका वोट बैंक प्रभावित हो सकता है. प्रधानमंत्री ने यहां तक कहा कि घुसपैठियों को बचाने की कोशिश करने वाले लोग असम की अस्मिता और देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं.

गुवाहाटी में आयोजित इस कार्यक्रम से पहले प्रधानमंत्री ने लोकप्रिया गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन किया. करीब 4,000 करोड़ रुपये की लागत से बने इस अत्याधुनिक टर्मिनल को पूर्वोत्तर भारत के विकास की दिशा में एक बड़ा कदम बताया जा रहा है. नया टर्मिनल सालाना करीब 1.31 करोड़ यात्रियों को संभालने की क्षमता रखता है, जिससे न सिर्फ असम बल्कि पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र की कनेक्टिविटी को नई रफ्तार मिलने की उम्मीद है. उद्घाटन के दौरान प्रधानमंत्री ने टर्मिनल का निरीक्षण भी किया और इसे देश के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास का प्रतीक बताया.

अपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की भी खुलकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने घुसपैठ के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं और असम की सुरक्षा तथा पहचान को बचाने के लिए निर्णायक फैसले लिए हैं. प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि कांग्रेस सरकारों के दौर में घुसपैठियों को संरक्षण मिला, जिसके चलते जंगलों और जमीनों पर अवैध कब्जे हुए और स्थानीय लोगों के अधिकारों को नुकसान पहुंचा. भाजपा सरकार अब उन गलतियों को सुधारने में जुटी है, जो दशकों तक की गईं.

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में इतिहास का भी जिक्र किया और असम के पहले मुख्यमंत्री गोपीनाथ बोरदोलोई का नाम लिया. उन्होंने कहा कि बोरदोलोई ने असम की पहचान और हितों की रक्षा के लिए कांग्रेस के भीतर रहते हुए भी कई बार संघर्ष किया, लेकिन बाद की कांग्रेस सरकारें उनके आदर्शों से भटक गईं. मोदी ने इसे असम की जनता के साथ ऐतिहासिक अन्याय करार दिया और कहा कि मौजूदा सरकार उस इतिहास को सुधारने की दिशा में काम कर रही है.

प्रधानमंत्री का असम दौरा केवल राजनीतिक बयानबाजी तक सीमित नहीं रहा. यह यात्रा विकास, सुरक्षा और सांस्कृतिक सम्मान के संदेश के साथ-साथ आने वाले समय की राजनीतिक दिशा की झलक भी देती है. दो दिवसीय दौरे के दौरान प्रधानमंत्री असम आंदोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए स्वाहिद स्मारक क्षेत्र जाने वाले हैं, जहां 1979 के आंदोलन में शहीद हुए 860 लोगों की स्मृति को सम्मान दिया जाता है. यह कदम असम की ऐतिहासिक संवेदनाओं को केंद्र में रखने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है.

रविवार को प्रधानमंत्री ब्रह्मपुत्र नदी पर चलने वाले क्रूज ‘चराईदेव’ पर ‘परीक्षा पे चर्चा’ पहल के तहत विभिन्न स्कूलों के 25 छात्रों से संवाद भी करेंगे. यह संवाद शिक्षा, तनाव प्रबंधन और युवाओं के भविष्य को लेकर केंद्र सरकार की प्राथमिकताओं को रेखांकित करेगा. इस कार्यक्रम के जरिए प्रधानमंत्री युवाओं से सीधे जुड़ने और उन्हें प्रेरित करने का संदेश देने वाले हैं.

गुवाहाटी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश साफ है. एक तरफ विकास के बड़े प्रोजेक्ट्स और पूर्वोत्तर को मुख्यधारा से जोड़ने की बात, तो दूसरी तरफ घुसपैठ और सुरक्षा को लेकर सख्त रुख. SIR को लेकर कांग्रेस पर लगाए गए आरोपों ने असम की राजनीति को और गरमा दिया है और आने वाले दिनों में यह मुद्दा राज्य और राष्ट्रीय राजनीति में और तेज होने के संकेत दे रहा है. असम के लिए यह सिर्फ एक राजनीतिक बहस नहीं, बल्कि पहचान, सुरक्षा और भविष्य से जुड़ा सवाल बनता जा रहा है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-