देहरादून. उत्तराखंड के चमोली के तपोवन में विष्णुगाड हाइड्रो प्रोजेक्ट की मुख्य टनल से अब तक 13 शव मिल चुके हैं. एक शव रैणी इलाके में मिला. आपदा में लापता व्यक्तियों में से 62 शव और 28 मानव अंग बरामद किए जा चुके हैं.

वहीं अभी तक मिले 62 शवों में से 34 शवों की शिनाख्त की जा चुकी है. आपदा आने से पहले टनल के भीतर काम करने गए व्यक्तियों के स्वजन रेस्क्यू में बार-बार बाधा आने से खफा हैं. शुक्रवार को एक बार फिर से टनल में रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हो गया है.

मलबे में दबे लोगों को खोजने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें डॉग स्क्वॉड, दूरबीन, राफ्ट और अन्य उपकरणों का इस्तेमाल कर रहीं है. अधिकारियों ने बताया कि तपोवन टनल में अभी भी बड़ी संख्या में लोगों के होने की आशंका है. कीचड़ और दलदल होने के चलते रेस्क्यू में दिक्कतें आ रहीं हैं. लोगों के शव खराब न हों इसलिए रेस्क्यू ऑपरेशन संभालकर चलाया जा रहा है.

इस बीच एसडीआरएफ ने रैणी गांव के पास ऋषिगंगा नदी में वॉटर सेंसर लगा दिया गया है. नदी में जलस्तर बढऩे से पहले ही ये अलार्म बजने लगेगा. इसका अलार्म एक किलोमीटर की दूरी तक लोग सुन सकेंगे और समय रहते सुरक्षित स्थानों तक पहुंच जाएंगे.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

उत्तराखंड आपदा: अब तक 51 लोगों को शव मिले, सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

उत्तराखंड: तबाही के बाद ऋषिगंगा नदी के ऊपर सेना ने अस्थाई पुल बनाया

उत्तराखंड आपदा: एनटीपीसी की टनल में मिले 3 शव, अभी भी 40 लोगों के फंसे होने की संभावना

उत्तराखंड आपदा: अब तक मिले 38 शव, 12 शवों की हुई पहचान

उत्तराखंड: अलकनंदा नदी में बढ़ा पानी का बहाव, रेस्क्यू ऑपरेशन में आ रही है परेशानी

उत्तराखंड: मलबे से बंद हुआ आगे का रास्ता, सुरंग से लौटी रेस्क्यू टीम, अंदर फंसे हैं मजदूर

उत्तराखंड के चमोली में हाइड्रो प्रोजेक्ट का बांध टूटा, कई मजदूरों के बहने की आशंका