एमपी कांग्रेस में एक नियुक्ति पर मचा बवाल, अरुण यादव ने कमलनाथ पर साधा निशाना

एमपी कांग्रेस में एक नियुक्ति पर मचा बवाल, अरुण यादव ने कमलनाथ पर साधा निशाना

प्रेषित समय :18:57:23 PM / Fri, Feb 26th, 2021

भोपाल. हिंदू महासभा के नेता बाबूलाल चौरसिया के कांग्रेस में आने से पार्टी में घमासान मच गया है. अब इसको लेकर कांग्रेस के कद्दावर नेता खुलकर इसके विरोध में हो गए हैं. पूर्व पीसीसी चीफ अरुण यादव ने बाबूलाल को पार्टी में शामिल करने को लेकर कहा- हम गोडसे नहीं गांधी की विचारधारा की पूजा करते हैं. उन्होंने इस संबंध में एक वीडियो जारी करने के बाद पत्र जारी कर पार्टी के बड़े नेताओं पर सवाल खड़े किए हैं.

पूर्व पीसीसी चीफ अरुण यादव ने कहा कि कांग्रेस गांधी वादी विचारधारा की पार्टी है. इस देश की आजादी में गांधी की विचारधारा पर लड़ाई लड़ी और देश को आजाद कराया, जो कांग्रेस और देश का मूल मंत्र है. इसी विचार धारा ने देश में सरकारें बनाई और आगे भी यही विचारधारा चलने वाली है. सत्य और अहिंसा का जो मार्ग गांधी ने अपनाया था, उसी में देश आगे चलेगा. दो विचार धाराएं देश में काम करती हैं, एक गांधी और एक गोडसे की. हत्यारे गोडसे का मंदिर बनाना और उसकी पूजा करना. उसे गांधी की विचार धारा से मेल मिलाप कराना मुझे उचित नहीं लगा और इसलिए मैंने अपने विचार रखे. यह सिर्फ मेरे नहीं बल्कि कांग्रेस के लाखों कार्यकर्ताओं के विचार भी हैं. हम गांधी की विचारधारा को ही आगे बढ़ाने वाले हैं. इसलिए मैंने कहा-गोडसे की विचारधारा में हम शामिल नहीं है. जय हिंद...

अरुण ने कहा-चुप नहीं रहूंगा

अरुण यादव ने लिखा- महात्मा गांधी की विचारधारा के हत्यारे के खिलाफ मैं चुप नहीं रहूंगा. उन्होंने एक पत्र जारी कर कहा कि मैं आरएसएस की विचारधारा को लेकर लाभ-हानि की चिंता किए बिना जुबानी जंग नहीं, बल्कि सड़क पर लड़ाई लड़ता हूं. मेरी आवाज कांग्रेस और गांधी विचारधारा को समर्पित एक सच्चे कांग्रेस कार्यकर्ता की आवाज है. जिस संघ कार्यालय में कभी तिरंगा नहीं लगता है, वहां इंदौर के संघ कार्यालय (अर्चना) पर कार्यकर्ताओं के साथ जाकर मैंने तिरंगा फहराया. देश के सारे बड़े नेता कहते हैं कि देश का पहला आतंकवादी नाथूराम गोडसे था. आज गोडसे की पूजा करने वाले के कांग्रेस में प्रवेश पर वो सब नेता खामोश क्यों हैं?

कमलनाथ को निशाने पर लिया

अरुण ने सीधे-सीधे पीसीसी चीफ कमलनाथ पर सवाल उठाए है. उन्होंने लिखा है कि अपनी ही सरकार में कमलनाथ ने इन्हीं बाबूलाल चौरसिया और उनके सहयोगियों का ग्वालियर में गोडसे का मंदिर बनाने और पूजा करने के विरोध में एफआईआक दर्ज करने का निर्देश दिया था. इन स्थितियों में जब संघ और पूरी बीजेपी एकजुट होकर महात्मा गांधीजी, नेहरू जी और सरदार वल्लभ भाई पटेल के चेहरे को नई पीढ़ी के सामने भद्दा करने की कोशिश कर रही है, तब कांग्रेस की गांधीवादी विचारधारा को समर्पित एक सच्चे सिपाही के नाते मैं चुप नहीं बैठ सकता हूं. यह मेरा वैचारिक संघर्ष किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं होकर कांग्रेस पार्टी की विचारधारा को समर्पित है. इसके लिए मैं हर राजनीतिक क्षति सहने को तैयार हूं.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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