नज़रिया. शतक के करीब पहुंच चुका किसान आंदोलन अब बीजेपी की मुश्किलें बढ़ाने वाला है. दिल्ली की सीमा के साथ साथ अब देश के विभिन्न हिस्सों में भी इसकी पहुंच बढ़ रही है.
पहले तो इस आंदोलन को राजनीति से दूर रखा गया था, किन्तु लगातार मोदी सरकार की उपेक्षा के चलते अब संयुक्त किसान मोर्चा ने 15 मार्च तक के नए कार्यक्रम तय किए है. खबर है कि अब, जिन राज्य में चुनाव हैं, वहां मोर्चा के सदस्य जाकर बीजेपी और उसकी सहयोगी पार्टियों का विरोध करेंगे, जिसकी शुरुआत कोलकाता से होगी, 12 मार्च को कोलकाता में एक किसान रैली आयोजित की जा रही है, जिसमें मोर्चा के वरिष्ठ सदस्य जाएंगे और वहां के लोगों से बीजेपी को वोट नहीं देने की अपील करेंगे. उसी दिन मोर्चा की ओर से पश्चिम बंगाल के सभी 294 विधानसभा क्षेत्रों के लिए एक-एक वैन भी रवाना की जाएगी, जो किसानों की अपील को लेकर वहां के वोटरों के बीच जाएंगी.
बहरहाल, किसान आंदोलन के इस निर्णय से बीजेपी को उन जगहों पर ज्यादा नुकसान होगा, जहां पर कांटे की टक्कर होगी!
क्या पश्चिम बंगाल में साकार होने से पहले टूट जाएंगे बीजेपी के सत्ता के सपने?
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-अभिमनोजः किसान आंदोलन के निशाने पर बंगाल चुनाव, किसका नुकसान होगा?
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