कोलकाता. पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले चुनाव आयोग ने पेट्रोल पंपों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर हटाने का आदेश दिया है. आयोग ने आदेश राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस की शिकायत पर दिया है. टीएमसी ने चुनावी अचार संहिता उल्लंघन का हवाला देते हुए चुनाव आयोग के पास इसकी शिकायत की थी. पश्चिम बंगाल में 26 फरवरी को चुनावी कार्यक्रम की घोषणा के बाद ही आचार संहिता लागू हो गई थी. चुनाव आयोग ने 72 घंटे के भीतर राज्य के सभी पेट्रोल पंपों से प्रधानमंत्री की फोटो हटाने के निर्देश दिए हैं.
बता दें पश्चिम बंगाल के साथ-साथ तमिलनाडु, केरल असम और पुडुचेरी में भी अप्रैल और मई के बीच चुनाव होने वाले हैं. न्यूज एजेंसी पीटीआई ने वरिष्ठ चुनाव अधिकारी के हवाले से लिखा कि पेट्रोल पंप पर प्रधानमंत्री की तस्वीर का इस्तेमाल कर केंद्र सरकार की योजनाओं का प्रचार करना आचार संहिता का उल्लंघन है. आयोग के आदेश से पहले बुधवार को ही तृणमूल कांग्रेस नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने कोलकाता में चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की थी और आरोप लगाया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा वितरित कोविड टीकाकरण प्रमाणपत्रों और विभिन्न केन्द्रीय योजनाओं के विज्ञापनों पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तस्वीर का इस्तेमाल आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है.
राज्य के मंत्री फरहाद हाकिम ने चुनाव आयोग के अधिकारियों से बैठक के बाद कहा कि तृणमूल कांग्रेस ने इसे ‘‘सरकारी मशीनरी का जबरदस्त दुरुपयोग’’ बताया है और पेट्रोल पंपों पर लगी केन्द्र सरकार की योजनाओं के विज्ञापन वाली होर्डिंग्स को हटाने के लिए चुनाव आयोग से हस्तक्षेप करने की मांग की है.
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस विधानसभा चुनाव में भाजपा के स्टार प्रचारक रहने वाले है. एक राजनेता के रूप में, वह रैलियों के दौरान अपनी पार्टी के लिए समर्थन मांग रहे हैं. इस स्थिति में, टीकाकरण प्रमाणपत्रों में उनकी तस्वीर का इस्तेमाल मतदाताओं को प्रभावित करने और आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने जैसा है.’’
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-बंगाल विधानसभा चुनाव: सुलझा लेफ्ट के साथ गठबंधन का फार्मूला, 92 सीटों पर लड़ेगी कांग्रेस
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